पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/५७८

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इत्कट इथ्यह इत्कट-सज्ञा पुं० [मं०] एक प्रकार का वृक्ष या घाम [को०)। इत्थविध- वि० [सं०] १ इस प्रकार का । ऐसा । २. इस प्रकार व इत्किला---संज्ञा स्त्री० [सं०] एक मुगध द्रव्य । गोरोचन (को०] । । विशेषता या गुर्गों से युक्त (को॰] । इत्त —क्रि०वि० [हिं०] दे० इत' । उ०—जा को रहना उत्त घर इत्थमेव-वि० [सं०] ऐसा ही । । सो क्यो लोडे इत्त । जैसे पर घर पाहुना रहै उठाए वित्त । इत्थमेव झि ० वि० इमी प्रकार से । कबीर स० स०, पृ० ७७ । इत्थशाल--- सज्ञा पुं० [सं०; मि०, अ० इत्तिसाल दे० इत्यसान' (को०)। इत्तन- वि० [हिं०] दे० 'इतना' । उ०-~-इतन वचन कह्यौ चर इत्थसाल- सज्ञा पुं० [अ०इत्तिसाल] ताजक ज्योतिप के अनुसार कुडी | ग्रीय |---प० ०, पृ० १२० । मे १६ योगो में से तीसरा योग जहाँ वेगगामी ग्रह मेदगामी इत्तफाक संज्ञा पुं० [अ० इत्तिफाक] [वि० इत्तफाकिया, क्रि० वि० ग्रह से एक अंश मे कम हो और वे परस्पर एक दूसरे को इत्तफाकन] १ मेल । मिलाप । एका । २ सहमति । देखते हों या सवछ करते हों वहाँ इत्थसाल योग होता है। मुहा०—-इत्तफाक करना= सहमत होना। जैसे,—मैं आपकी राय इत्याँ', इत्यू इत्थे -क्रि० वि० [स० इत ! यहाँ । इस से इत्तफाक नही करता । | स्थान पर ।। ३ मयोग। मौका । अवसर । जैसे,—इत्तफाक की बात है, नही इत्यादि--श्रव्य ० [सं०] इसी प्रकार के अन्य । और । इसी तरह । तो आप भी कमी यहाँ आते हैं? और दूसरे । वगैरह ! ३०-वेटा हमारा धन, अमूपन, वसन मुहा०—इत्तफाक पड़ना=मयोग उपस्थित होना। मौका पड़ना। इत्यादि सब लुटेरे बलात्कार हर ले गए' ।-भारतेंदु ग्र०, मा० अवमर ग्राना । जैसे,—मुझे अकेले सफर करने का इत्तफाक १, पृ० ५०६ । कभी नही पड़ा। इत्तफाक से = सयोगवश । अचानक । विशेप----जहाँ किसी प्रमग से समान संबध रखनेवाली बहुत सी अकस्मात् । जैसे,—'मैं स्टेशन जा रहा था, इत्तफाक से वे भी वस्तुग्री को गिनाने की आवश्यकता होती है, वहां लापव के रास्ते में मिल गए। लिये केवल दो तीन वस्तुग्रो को गिनाकर 'इत्यादि' लिप देते इत्तफाकन्–क्रि०वि० [अ० इत्तिफाकन]सयोगवश । अचानक । एकाएक । हैं जिससे और वस्तुओं का प्रा माम मिल जाता है ।। इत्तफाकिया--वि० [अ० इत्तिफाकियह] अाकस्मिक । इत्यादिक -वि॰ [सं०] इसी प्रकार के अन्य और। ऐसे ही और दूसरे इत्तफाको–वि० [अ० इत्तिफाक] दे० 'इत्तफाकिया' ।। | जैसे :- राम कृष्ण इत्यादिको ने भी ऐसा ही किया है । इत्तला--संज्ञा स्त्री० [अ० इत्तलाम] सूचना । खबर । उ०—-वहरे विशेष--इम शब्द के आगे ‘लोग' या इसी प्रकार के और खुदा जनाव में हमको ये इत्तला । साहब का क्या जवाब था विशेष शब्द प्राय लुप्त रहते है। वावु ने क्या कहा --कविता कौ०, भा० ४, पृ० ६२६ । | इत्र--सज्ञा पुं० [अ०] १ अतर। पुष्पसार । इतर। उ०-- दी चू क्रि० प्र०—करना ।—देना ।-होना। एक ने ऐ गुलबदन तेरे पसीनों की, हजारो इत्र खिचकर मुहा०—इत्तला लिखना= राजकर्मचारियो का किसी बात की। तबल ए अत्तार में आए । कविता कौ०, मा० ४, पृ० ३७७ । सूचना लिखना । २. सुगध । खुशबू । ३. सार । सत्त । यौ०-इत्तलानामा । इत्रदान—संज्ञा पुं० [अ० इत्र+फा० दान] दे॰ 'अतरदान' । इत्तलानामा-संज्ञा पुं० [अ० इत्तला अ+फा० नामह] किमी बात की . इत्रफरोश-सज्ञा पुं० [अ० इत्र + फा० फरोश] अतर चेचनेवाच । । | खवर देनेवाला पत्रक । सूचनापत्र । गघी । अत्तार ।। इत्तहाद---सुज्ञा पुं० [अ० इत्तिहाद] मेल मिलाप । एकता I उ०—खुदा इत्रसाज-संज्ञा पुं० [अ० इत्र +फा० साज] इत्र बनाने वा ना । गधी को०। | गवाह है, मैने हमेशा इतहाद को कोशिश की --कायॉ०, इत्रीफल---संज्ञा पुं० [स० त्रिफला एक हुकमी दवा । हुड, बहेडे पृ० ३३४ । और अवले का चूर्ण तिगुने शहद में मिलाकर चालीम दिन इत्ता- वि० [हिं० इतना] इतना। उ०—कडेल जवान न होगा तो तक रखा जाता है और फिर व्यवहार में प्राता है । भला शेरा से इता ठेंगा मुकाबिला कर सकेगा ।—फिसाना०,, साना, इत्वर-वि० [सं०] १ क्रूरकर्मा । शूर । २ निम्न । न च । ३ यात्री । पथिक [को॰] । ४ निर्धन । धनहीन [को०] । इत्तिफाक-सुज्ञा पुं० [अ० इत्तिफाक ! संयोग । मौका। उ०—'यह तो कई बार इत्तिफाक ही है कि हम पहाड़ की ऊँची इत्वर-भज्ञा पुं० १. पढ । नपुमक । २ उत्सर्ग किया हमें वए या छुट्टा पशु । चुना हुअा जानवर (को०)। चोटी पर हैं'।-मेर कु०, पृ० ६२ । इत्तिहाम--संज्ञा पुं० [अ०] दोष । तुहमत ! इत्वरी-वि०स्वी[स०] १ छिनाल । कुलटा । २ ग्रभिसारिका (कौ।। क्रि० प्र०--देना। इथ--प्रव्य० [स० अत्र, प्रा० इत्य] यहाँ । अछ । ३०-- इथ ने इत्तो---वि० [हिं०] दे॰ 'इतो' । सुतार ६ जो चाहहि नो लेहि --भिखार० ग्रे ०, २ ० १, इत्थ-क्रि० वि० [सं० इत्यम्] इस प्रकार से । ऐसे । यों। | पृ० १६७ ।। इत्थकार--क्रि० वि० मि० इत्यारम इस प्रकार। इस ढंग से [को०] इश्यह७-अप० [हिं॰] दे॰ 'य' । उ०--तब लग्ग मे दव इत्थंभूत- वि० [सं० इत्थम्मूत] इस प्रकार का । ऐसा । २ सत्य । प्रवेस [-~-पृ० रा०, ६१५५६२ । विश्वसनीय (कथा) । T० ३, इशा ठेगा मुकाविला के जवान न होगा तो माना।