पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/५७१

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इकोसो ५०४ इक्षुयं ५ इकौसो ---वि० [सं० एक+प्रवास या अवकाश (= स्थान), अप० इक्षुप्रमेह । इक्षुमती । इक्षुमेह । इक्षुरस । इक्षुबिहारी । घोसाम] एकात। निराला । उ०--मेरो है इको सो वाम इक्षुविकार।। जात हरि दास, लेवो मुखसि, करो चीठी दीजै जय के - इक्षुकद--संज्ञा पुं० [सं० इक्षु केन्द] कूपमाड । कुम्हडा [को॰] । प्रिया (झाब्द॰) । इक्षुक --नज्ञा पुं० [स०] ईख [को । इक्क - वि० [अप०] दे॰ 'एक' । उ०—-इक्क मथ्यो विना धाई इक्षुकाड--संज्ञा पु० [सं० इक्षु काण्ड] १ ईप का इठ ने । २. कम । | हत्थौं करें।--सुजान०, पृ० २० । ३ मूज । ४ रामसर । इक्कट-सच्चा पु० [सं०] एक प्रकार का सरकडा जिसकी चटाइयाँ इक्षुकात-सज्ञा [सं० इक्षु कात] छमंजिली इमारत का एक भेद या बनती हैं [को॰] । श्रेणी कौ०] । इक्कवाल--संज्ञा पुं० [अ० इकवाल] १ ताजक ज्योतिष के मत से इक्षुकीय--वि० [म०] [ वि० जी० इनुकीय] जहाँ ईस्व अधिक पैदा एक ग्रहयोग । होती हो कौ०] । विशेष-जब किसी के जन्म के समय ग्रह कटक ( १,४,७ १०) इक्षुकुट्टक–पज्ञा पुं॰ [सं०] वह व्यक्ति जो इकट्ठा करना हो । गन्ना या पनकर ( २,५,८,११ ) में हो, अर्थात् ३, ६, ९ र १२ एकत्र करनेवाला व्यक्ति (को०] । में कोई ग्रह न हो तब यह राज्य और मुख को बढानेवाला योग इक्षुगव--संज्ञा पुं० [सं० इक्षुगध] १. छोटा गोवरू। २ काँम ।। होता है ।। इक्षुगवा--संज्ञा स्त्री० [सं० इवन्या] १ गोखरू । २ कोकिनाक्ष । २ अभ्युदय । वढती । तालमखाना । ३. काँस । ४ मफेद विदारी कद । इक्का-वि० [सं० एक] १ एकाकी । अकेला । २. अनुपम । बेजोड ! इक्षुगघिका ----संज्ञा स्त्री० [सं० इक्षुगन्धिका] भूमिकूमाड [को०]। इक्का- सज्ञा पु० १ एक प्रकार की कान की बाली जिम में एक मोती इक्षुज'–सच्चा पु० [म०] वह पदार्थ जो ईव के रस में बने । होता है । २ वह योद्वा जो लडाई में अकेला लडे । उ० विशेप-प्राचीनो के अनुसार इसके छह भेद हैं--कागित (जूपी कूदि परे लंका बीच इक्का रघुबर के |--मान कवि (शब्द०)। या शीरा), मत्स्ययडी (राव), गुइ, खडके (बीड), मिता ३ वह पशु जो अपना फुड छोडकर अलग हो जाय । ४ एक | (चीनी) और सितोपल (मिश्र)। प्रकार की दो पहिए की घोडा गाडी जिममें एक ही घोडा जीता इथुन --वि० ईख के रस से बना हुआ [को०] । जाता है । ५ तास का वह पत्ता जिसमे फिभी रग की एक ही इ हा इक्षु तुल्पा –मज्ञा स्त्री० [सं०] इरि या बाजरे के प्रकार के एक पौ । वटी हो। यह पता और सेव पत्तो को मार देना है। जैसे, जिसका रस मोठा होता है । कति । पान का इक्का । ईट का इक्का । इक्काबुक्का-वि० [हिं० इक्का+दुश्का] अकेला दुकेला । जैसे,—'कोई इक्षुदड - सझा पु० [स ० इक्षुदड ईख का डंठन्न । ईख । इक्का दुक्का अादमी मिले तो वैठा लेना' । इक्षुदर्भ-संज्ञा पुं० [सं०] [स्त्री० इक्षुदर्भा] एक प्रकार का तृण । इक्कावन?--वि० [हिं०] दे० 'इक्यावन' । इसुनेत्र--सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १ ईख को एक भेद । ईव की गोठों पर इक्कावान--संज्ञा पुं० [हिं० [ दे० 'एक्कावान' । | होनेवाला अखि का आकार [को॰] । इक्कासी--वि० [हिं०] ३० इक्यासी' । इक्षुपत्र-सज्ञा पुं० [म०] [स्त्री॰ इक्षुपत्रा] १ ज्वार ! मक्का । २ वाजरा । इक्को संज्ञा स्त्री० [स० एक + ई (प्रत्य०)]ताया की वह पत्ता जिसमे इक्षुपाक-- संज्ञा पुं० [म०] गुड या राव (को॰] । एक बूटी हो । एक्का । इक्षुप्र--- माझा पुं० [म०] रामशर । शर। इक्कीस-वि० [सं० एकविश, प्रा० एकवीस, अप० इक्कवीस] बीम इक्षुमेह-संज्ञा पुं० [म०] एक प्रकार का प्रमेह । इक्षुमेह । मधुमेह । | अरि एक ।। विशेप- इस रोग में मूत्र के साथ मधु या शहर जाती है । इसके इक्कीस--सज्ञा पुं० वीस और एक की संख्या या अक जो इस तरह रोगी के मंत्र पर चीटियाँ और मकियां बहुत बैठती हैं । लिखी जाती है--२१ । मूत्र के अशो को रासायनिक क्रिया द्वारा अनग करने पर इक्यावन'---वि० [स० एकपंचाशत् प्रा0 एक्कावन्न]पचाम और एक। उममे चीनी का अंश मिलता है। इक्यावन ---सज्ञा पुं० पचास और एक की मईया जो इस तरह से निखी जाती है---५१ । इक्षुबालिका–सझा स्त्री० [नं०] काम या मूज [को०] । इक्यासो'–वि० [सं० एकाशीति, प्रा0 एक्कासि] अस्मी और एक । इक्षुभक्षिका-मझा भौ० [मं०] ईख पेरने की मशीन, कल या यध (कौ० । इक्यासी-सज्ञा पुं॰ अस्सी और एक की संख्या या अक जो इस तरह इक्षुमती-मज्ञा स्त्री० [सं०] एक नदी जिसका कुरुक्षेत्र में होना लिखा है। | लिखी जाती है - ८१ ।। इक्षुमालिनी-मशास्त्री० [सं०] एक नदी जो इद्र पर्वत से निकलती है । इक्षना(G)---क्रि० स० [हिं० इच्छना] दे० 'इच्छा ' । ३०- --लप्पन इक्षुभूल--सज्ञा पुं० [म०] १ एक प्रकार की ईग्छ । वाँसी । २. ईखे | उद्दल, मुभट वर, ते इक्षत घमसान :---q० रा०, पृ० १३४। की जड या मूल की। इक्ष संज्ञा पुं० [सं०] १ ईख । गन्ना । दे० 'ख' । २ कोकिली नाम इभुमेह-सझा पु० [म०] इक्षुप्रमेह । मधुप्रमेह । मधुमेह ! का एक वृक्ष (को०) । ३ मनोरथ । इच्छा (फी०) । इधुमेही–वि० [सं० इक्षु मेहिन् । मधुमेह की रोगी [को॰] । यौ०..--इझुकाड । इक्षुगंधा । इक्षुतुल्या। इक्षुदंई । इक्षुपत्रा । इक्षुयत्र--सझा पु० [सं० इक्षुयत्र] ईख पेरने की मशीन । कोल्हू (को०)।