पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/५५१

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आश्वस्त आश्वस्त- वि० [सं०] १ निर्भय 1 उ०-सायं सभ्यता हुई प्रतिष्ठित आषाढी योग--सज्ञा पुं० [सं० आषाढी योग] अपिढ शुकना पूणिमा अार्य धर्म शाश्वस्त हुआ ।—साकेत, पृ० ३७६ । २ उत्साह को अन्न की तौल से सुवृष्टि श्रादि का निश्चय। युक्त (को॰) । विशेष---इस दिन लोग थोडा मा अन्न तौकर हवा में रख देते अश्विास- सच्चा पु० [सं०][वि० श्वासक] १. सात्वना । दिलासा । हैं। यदि वहाँ की मील से अन्न की तीन कुछ बढ़ गई तो तसल्ली । अशाप्रदान । २ किसी कथा का एक भाग । ३ समझते हैं कि वृष्टि होगी अौर सुकाल रहेगा। विराम (को०)।४ पूरी तरह खुलकर साँस लेना [को०] । असग'--सज्ञा पुं० [स० सङ्ग] १ साथ। सग । २ नगाव । अश्विासक-- वि० [स०] दिलासा देनेवाला । भरोसा देनेवाला । सबघ । ३ आसक्ति । अनुरवित । लिप्तता । ४ मुल्तानी मिट्टी अाश्वासक-- सज्ञा पुं० कपडा। वस्त्र [को०)। जिसे सिर में मलकर लोग स्नान करते हैं । आश्वासन–सला पु० [सं०] [वि० आश्वासनीय, प्राश्वासित, शाश्वास्य) असग-क्रि० वि० सतत । निरतर । लगातार । तसर। विना प्रदान । य ध्याकल आसगत्य-संज्ञा पुं० [सं० आसन्नत्य] १ असंगति का भाव या को आश्वासन सा देती हुई ।-महा०, पृ०४। | अवस्था । पार्थक्य । अलगाव । २ वियोग किो०] । सगिनी--सच्चा स्त्री॰ [स० सिङ्गिनी] ववंडर । वात्याचक्र [को०] । अाश्वासनीय---वि० [स०] दिलासा देने योग्य । तसल्ली देने योग्य ।। आसगो---वि० [स० असङ्गिन] १ सपर्की । मेनजोन रखनेवाला । प्रोत्साहन के योग्य ।। २. असक्त को०) । श्राश्वासित--वि० [सं०] दिलासा दिया हुआ । दिलासा पाया हुआ। सिजन--सच्चा पु० [स० सञ्जन] १ बाँधना या जोडना । २ श्राश्वासी-वि० [स० अाश्वरसिन् १ अाश्वासन देनेवाला । दिलासा पहनना या धारण करना । ३. अनुराग । ४ भक्ति । ५ या ढाढस बँधानेवाला । २ आत्मविश्वासी । ३ प्रफुल्ल चित्त भूठ को०] । [को०] । प्रसिद--सच्चा पुं० [सं० आसन्द] वासुदेव या विष्णु [को०] । आश्वास्य--वि० [स०] दे० 'अश्वासनीय'। प्रासदिका--संज्ञा स्त्री० [सन्दका] १ मचिया । ३ श्रासनी [को०] 1 अाश्विक-- वि० [सं०] १ घोडो से सवध रखनेवाजा । अश्वारोही श्रासदी--सज्ञा स्त्री० [म०] १ मचिया । मोढा । कुरसी । २ खटोला । घोडे से खीचा जानेवाला [को०] । भासबाध- वि० [सं० सम्वाध] १ अवरुद्ध । घेरे में पड़ा हुआ । अाश्विक- सज्ञा पु० धृडसवार सैनिक (को॰] । २ फैला हुआ कि]। अश्विन- सच्चा पु० [सं०] १ वह महीना जिसकी पूणिमा अश्विनी सिसार---वि० [सं०] विकारी । प्रगतिशील । परिवर्तनशील [को०] । नक्षत्र में पड़े । ववार का महीना ! २ अश्विनीकुमार। ३ आससृति--वि० [सं०] दे॰ 'असिसार' । एक यज्ञ (को०)। असि--सज्ञा स्त्री० [स० अशा] १ प्राशा । उम्मेद । उ०—साथि आश्विनेय-सज्ञा पुं॰ [सं०] १ अश्विनीकुमार । २ नकुल और चले सँग बीछुरा, भए विच समुद पहार । श्रास निरासा हौं सहदेव । फिरौ, तु विधि देहि अवार।—जायसी 9 ०, पृ० ३० । २ ऋषि -- सी० पुं० [सं० खु] दे॰ 'अाखु' । उ०- अाप इष्षि चष लालसा । कामना । उ०—तजहु ग्रास निज निज गृह जाहू । छग्ग । घात मजार न मई - पृ० रा०, ६३।१६० ।। लिखा न विधि वैदेहि विवाहू --मानस, १।२५२ । ३ आषाढ--संज्ञा पुं॰ [स ० आषाढ] वह चांद्रमास जिसकी पूणिमा को सहारा । अाधार । भरोसा। जैसे,--हमे किसी दूसरे की सि नही । पूर्वाषाढ़ नक्षत्र हो । जेष्ठ मास के पश्चात् और श्रावण के पूर्व मुहा०—- अस करना = (१) अशा करना । (२) अासरा करना । का महीना । असाढ । २ ब्रह्मचारी का दइ । ३ पलाश । मुंह ताकना । जैसे,—चलते पौरुष किसी की असे करना ठीक ढाक। नही । श्रास छोड़ना = अशा परित्याग करना। उम्मेद न आषाढक'--वि० [स० आषाढक] अषाढ मास में होनेवाला । अाषाढ़ रखना । घास टूटना = निराश होना । जैसे,—जब अास टूट सवधी [को॰] । जाती है, तब कुछ करते धरते नहीं बनता । अस होकना = आपाढक’---सच्चा पु० थापाढ मास [को॰] । (१) आसरा देखना । इतजार करना । जैसे,—तुम्हारी अस आषाढा-सज्ञा पुं० [स० आषाढा] पूर्वापाढा और उत्तरापाढ़ा नक्षत्र । तकते तकते दोपहर हो गए । (२) सहायता की अपेक्षा प्राषाढाभव, अाषाढा भू--संज्ञा पुं० [सं० आषाढीभव-भू] मंगल ग्रह । रखना । मुह जोहना । जैसे,—ईश्वर ने करे किसी की आस झापाढी-सज्ञा स्त्री० [सं० आषाढी] १ अपाङ मास की पूणिमा । तकनी पड। आस तजना = अशा छोडना । स तोडना = विशेष- इस दिन गुरुपूजा या व्यास पूजा होती है। वृष्टि आदि किसी की आशा के विरुद्ध कार्य करना । किसी को निराश करना । का अगम निश्चय करने के लिये वायुपरीक्षा भी इसी दिन जैसे,—किसी की आशा तोडना ठीक नही । आस देना = (१) की जाती है। उम्मेद बँधाना । किसी को उसके इच्छानुकुल कार्य करने का २ इस पूर्णिमा के दिन होनेवाले कृत्य ।। वचन देना । जैसे,—किसी को असि देकर तोडना ठीक नही। अाषाढी--वि० [सं० प्रापाढिन] पलाशदड धारण करनेवाली [को०)। (२) संगीत में किसी बाजे या स्वर से सहायता देना। अस मापाढीय--वि० [सं० आषाढीय] अाषाढा नक्षत्र में उत्पन्न [को०] । पुराना=अशा पूरी करना । मास शुजना = अाशा पूरी होना।