पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/३८४

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अंना - - - - | | अरुझाना--मि० अ० लिपटना। उनझना । उ०—विटप बिमान अरुणानुज---संज्ञा पुं० [सं०] अरुण के लघु भ्रातः । गरुड [को०] । || २ ता अरुझानी।--तुलसी (शब्द॰) । (ख) मेरो मन हरि अरुणाभ--वि० [सं०] लालिमायुक्त। रक्ताम् [को०] । | चितवनि अरुझान ।--सूर०; १०1१६६७ ।। अरुणार –वि० [हिं०] दे॰ 'अरुनार' । अरुदुq-वि० [म० रुष्ट] । नाराज । अरुणाच--सज्ञा पु० [स० अरुणचिस] मूर्य (को०] । अल्ट्रनाg---क्रि० अ० [सं० रुट रुष्ट होना । क्रुद्ध होना । उ०--तिन अरुणावरज-सज्ञा पुं० [सं०] दे० 'अरुणानुज' । । पर तृट्ट बीज जौं, जिन पर राज अरुट । राजकाज समुह अरुणाश्व--सज्ञा पुं० [सं०] मरुत (को०] । भिरन, दई न कबहू पुट्ठ --पृ० ग०, ५५५ । अरुणित-वि० [१०] लाल किया हुआ । अरुण--वि० पु० [सं०] [वि॰ स्त्री० अरुणा] लाल । रक्त । अरुणिमा- सच्चा स्त्री० [सं०] ललाई । लालिमा । सुख । अरुण’-- सज्ञा पुं० १ सूर्य । २ सू को सारथी । ३ गुड़। ४ ललाई अरुणी-पशी ली० [सं०] १ अरुण वर्ग फी गाय । २ उपा [को०] । जो सपा के ममय पश्चिम में दिखलाई पड़ती है । ५ एक अरुणोद-सज्ञा पुं० [सं०] १ जैन मतानुसार एक समुद्र जो पृथ्वी को दानव का नाम । ६ एक प्रकार का कुष्ठ रोग । ७ पुन्नात वृक्ष । आवेष्टित किए है । २ लाल भभद्र । अरुणोदधि । ३ एक ८ गहरा लान रग । ६ कुमकुम । १० सिंदूर । ११ एक भील (को०] । देश । १२ बारह सुर्यों में से एक मूर्य । माघ महीने का सूर्य । अरुणोद --सज्ञा पुं० [हिं०] दे॰ 'अरुणोदय' । उ०—पहिलो मुख- १३ एक प्राचार्य का नाम जो, उद्दालक ऋषि के पिता थे। राग प्रगट भ्यो प्राची, अरुण कि अरुणोद अवर ।—बेलि०, | १४ एक जहरीला क्षुद्र जनु [को॰] । १५ एक झीत्र जो हिमा- पृ० १६ । लय के इस पार है। १६ मोना । स्वर्ण [को०] । १७, एक अरुणोदधि-सझा पुं० [स०] एक सागर जो मिश्र और अरव के मध्य प्रकार का पुच्छल तारा । । में है। पहले यह स्वेज म्य नडमरूनध्य के द्वारा रूम के समुद्र से विशेष—इनकी चोटियाँ चैंबर की भी होती है। ये कृष्ण अरुण पृय था पर अब डनेरू मग कर देने से यह हम के समुद्र से वण के होते हैं। इनका फल अनिष्ट है । ये मख्या में ७७ हैं। भिन्न गया है । इगनिस्तान को भारत मे जहाज इत्री मार्ग और वायुपुत्र मी कहलाते हैं । से होकर जाते हैं । लाल सागर । ।। यौ०-अरुणलोचन । अरुणात्मज 1 अरुणोदय । अरुणोपले । अरुणोदय-संज्ञा पुं० [सं०] वह कान जव पूर्व दिशा में निक नते हुए || अरुणकर--भज्ञई पुं० [सं०] सूर्य [को॰] । सूर्य की लाली दिखाई पड़ती है। यह काल सूर्योदय से दो अरुणकिरण---संज्ञा पुं० [सं०] सूर्य (को॰] । मुहुर्त या चार दर्ड पहले होता है । उषाकाल। ब्राह्ममुहर्त । तडका । भोर। उ०—देखा तो मुदर प्राची में अरुणोदय का अरुणचूड--संज्ञा पुं॰ [सं०] कुक्कुट ! मुर्गा । अरुणमिला । अरुणज्योति--संज्ञा पुं० [सं०] शिव [को॰] । रसरग हुआ |--कामायनी, पृ० ७७ ।। अरुणनेत्र--मज्ञा पुं० [म०] १० 'अरुणनोचन' (को०] । अरुणोदयसप्तमी--सहा स्त्री॰ [स०] माघ शुक्ना मप्तमी । इस दिन अरुणप्रिय–संझा पु० [भ] मूर्य [को॰] । अरुणोदय में स्नान करना पुण्य माना गया है । अरुणप्रिया- सच्चा स्त्री॰ [म०] १ अप्सर । ३ छाया और सज्ञा, सूर्य । अरुणोपल-सच्चा पु० [स] पद्मराग मणि । लाभ । उ०---जिमि की स्त्रियाँ ।। अरुणोपल निकर निहारी |--मानस ।। । अरुणमल्लार- सज्ञा पुं० [सं०] मार गि का एक भेद । इममें सव अरुन –वि०, ससा पु० [हिं॰] दे० 'अरुण' । उ०—अरुत अधरनि । शुद्ध स्वर लगते हैं । दसन झाई कही उपमा थोरि ।—सूर० १०॥२२५ । अरुणलचिन--सद्मा पुं० [सं०] जिसकी अखे नान हो । कवतर [को०)। अरुनई -सा भी० [हिं०] दे॰ 'अरुणाई' ।। अरुणशिखा--संज्ञा पुं० [सं०] कुक्कुट । मुर्गा ।। अरुनचूड)--सल्ला पुं० [हिं०] दे० 'अरुण चूड' । उ०--प्रात पुनीत । अरुणसारथि–संज्ञा पुं० [सं०1 सूर्य [को०] । काल प्रभु जागे । अरुनचूह बर वोलन लागे ।--मानस, अरुणा-सा जी० [सं०] १. मजीठ । २. कोदो । ३. अतिविषा । १११५। | ४. एक नदी का नाम । ५। मूडी । ६ निसोथ । त्रिवृता । अरुनता सच्चा स्त्री० [हिं०] दे॰ 'अरुणाई' । ३०--मी मान ७, इंद्रायन ! ८ घुघची। ९. लाल रंग की गाय । १०. उषा। चरनकमलनि अरुनता तजि तर नि ।-नुनसी ग्र ०, पृ० २६२। ११. काला अनतमूल ।। अरुशिखा -सच्ची पुं० [हिं०] दे० 'अरुणशिबा' । उ०—उठे। अरुणाई-सको सी० [सं० अरुणा+हि० भाई (प्रत्य॰)] ललाई ।। लखन निसि'विगंत सुनि भग्नविडा धुनि कान |-मान में, | रक्तता । लालिमा ।। १1११५ । | असणाग्रज-सी पुं० [सं०] गरुड (को०] । अरुनाई–मधी जी । • 'अरुणाई' । ३०-7रुन बरन अरुणाचल--सच्ची डी० [सं०] पूरब दिशा ।। | अंगुली मनोहर, न ३ दुतिवत कछ । अव जाई --नुनी व्र, अपात्मजसी पुं० [सं०] १. जटाये । ३. येम ३. शनि । ४. १० ३९५ ।। सुग्रीव 1 ५ कर्ण [को॰] । अरुनानी --क्रि 8 अ० [सं० अण हि० 'अन' नै नप्ति 27 अरुणात्मजा संज्ञा स्त्री० [सं०] १. यमुना। २. ताप्ती [को०] । सात होना । उ०—- ॐ भूपने सौर में माँगे फ।' पाएँ ।