पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/२३३

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अधिविन्ता १७२ अधिवास अधिविना-मज्ञा स्त्री॰ [ स० अधिविन्ना ] १ अध्यूढा । पहली पत्नी । अधियार--सञ्ज्ञा पुं० [हिं० अधिया+श्रार] ( प्रत्ये ० )] १ किसी प्रथम विवाह की न्। वह स्त्री जिसके रहते 'उसका पति जायदाद में आधा हिम्मा। २ अाध का मानक । वह दूसरा विवाह कर ले। जमींदार या ग्राम मी जो किसी माँ के हिस्से या जात में अधिभू-सज्ञा १० [२०] म्वामी । प्रधान व्यक्ति [को॰] । वे की हिम्मेदार हो । ३ वह जमींदार था श्रमामी अधिभूत-वि० [१०] भूत मवधी [को॰] । जिसका श्रधा सब एक गांव में और अधि। दूसरे गाव में हो अधिभूत--सज्ञा पुं० [सं०] १ ब्रह्म । २ मृप्टि के ममम्न पदार्थ (को०] । और जो अपना समय दोनों गाँवो के काम में लगावे ।। अधिभोजन-सज्ञा पुं० [म०] अति भोजन 1 बहुत अधिक खाना [को०] । अधियारिन सझा स्त्री० [ हि अधियार+इन ( प्र०) ] १ अधिभौतिक-- वि० हि० दे० आधि नौनिक' ।उ०—अधिभौतिक सौत 1 सपत्नी । २ बराबर का दावा रखने और आधे बाधा भई त किंकर तोरे, बेगि वोलि बनि वरजिए करतूति हिस्से की हिस्सेदार स्त्री ।। कटोरे ।—तुमी ग्र०, पृ० ४५७ ।। अधियारी-सज्ञा स्त्री० [हिं० अघियार +ई ( प्र० ) ] किमी अधिमथ---सज्ञा पुं॰ [म० अधिमन्य अभिष्यद रोग का एक अण । जायदाद में धो हिस्सेदारी। २ किमी जमीदार या अगामी अधिमथन-सज्ञा पुं० [ स० अधिमन्यन ] अग्नि उत्पन्न करने के लिये । की जमीदारी या जोत का दो भिन्न भिन्न गाँवों में होना । अरणी की लकडियो को परस्पर रगडना [को०] । अधियोग---संज्ञा पुं० [म०] यात्रा के f ये शुभ माना जानेवाली अधिमथन--वि० रगड़ मे अग्नि उत्पन्न करने योग्य (लकडी) [को०] ग्रहों का एक योग [को०] अधिमथित--वि० [सं० अघि मन्थि ] प्रधिभत्र रोग से पीड़ित (को०)। अधिरथ'--सज्ञा स० [सं०] माथी । जो रथ को हाँकनेवाला अधिमान—मज्ञा पुं० [म०] अाँख के सफेद भाग में या मस्ड के पिछने हो । गाडीवान ।। भाग में होने वाला रोग विशेप [को॰] । अविथ- वि० १ रथारूढ़। रथ पर चढ़। हु प्रा । २ करों को अधिमासक-सज्ञा पुं० [सं०] एक रोग । पालनेवाले सुन का नाम ३ वटा र । उतम रथ ।। विशेष-कफ के विकार से नीचे की दाढ़ में विशेप पीडा और अधिराज-उज्ञा पुं० [सं०] राजा । बादशाह । महाराज । प्रधान सूजन होकर मुह से लार गिरती है । राजा । चक्रवर्ती । सम्राट् । अधिमात्र–वि० [स] परिणाम से अधिक । बहुत ज्यादा [को॰] । अधिराज्य–सज्ञा पु० [सं०] साम्राज्य । चक्रवर्ती राज्य ।। अधिमास--सज्ञा पुं० [सं०] दे ‘अधिक भाम' ।। अधिरात -मज्ञा स्त्री० [ हि० } आधोरात 1 उ०—-पिंउ पिउ अधिमित्र--सज्ञा पुं० [सं०] १ परस्पर मित्र । २ ज्योतिप में परस्पर अधि रात पुकारत ।-पोद्दार अभि० प्र०, पृ० १७० ।। मित्र अहो के योग का नाम । अधिरूढ–वि० [सं०] १ थाल्छ । चढा हुमा । २ वढा हुअा [को०] । अविमुक्त--वि० [स] विश्वासयुक्त (को०] । अधिरोपण-संज्ञा पुं० [स०] ऊपर उठाने या चढ़ाने का कार्य [को०] । अविमुक्तक---सज्ञा पुं० [सं०] मधुमाधवी नाम का पौधा [को॰] । अधिरोह----सज्ञा पुं० [स०] १ हाथी पर चलना । २ ऊपर चढना । अधिमुक्ति–सज्ञा स्त्री० [सं०] विश्वास [को॰] । ३ सीढी (को०] । अधिमुक्तिक-मज्ञा पुं० [न] बौद्धौ के अनुसार महाकान [को॰] । अधिरोहण--संज्ञा पु० [सं०] चढ़ना । सवार होना। ऊपर उठना ।। अधिमूक्तिका–संज्ञा स्त्री० [सं०] मुक्ता । सीप । मोती का सीप [को०] । अधिरोहिणी—संज्ञा स्त्री० [सं०] मीढी । निसे नी । जीना । अधिमुह्य--पज्ञा [सं०] चौतीस पूर्व जन्म में बुद्ध का एक नाम अधिरोही--वि० [ सं० ] अधिरोहण करनेवाला । ऊपर चढ़ने[को०] । वाला [को० । । अधियज्ञ-वि० [न०] यज्ञ मवधी । यज्ञ से मबध रखनेवाल। अधिलोक सच्चा पु० [सं०] स सार । ब्रह्मांड । अधियज्ञ-सा पु० प्रधान यज्ञ [को०) ।। अघिलोक..-वि० ब्रह्माड सवयो । अधियो-सज्ञा स्त्री० [म० अधिका] १ अाधा हिम्मा । गाँव में अधिो अधिवक्ता--सज्ञा पुं० [स०अधिवक्त1 १ न्यायालय में किसी पटा के १ टिमदार । २ एक रीति जिसके प्रसार उपर समर्थन करनेवाला । वकील । २ वक्ता [को०] । का अाधा मालिक को और अाधा उमके संबध में परिश्रम अधिवचन--मशापु० [सं०] १ बाफर कही हुई बात २ नाम । करने वाले को मिलता है । उ०—खेती करे अधिया, न वै न सच्चा ३ पक्ष का समर्थन । न वधिया ----घाघ, पृ० ८६ । अधिवसित---वि॰ [ स० अधिवस+इते (प्रत्य॰) 1 बसा हुप्रा । अधिया---सज्ञा पुं० [सं० अधिक] अावा हिम्सेदार । गांव में याधी | वाद [को०] । | पट्टी का मालिक | अधिकार । अधिवाचन सञ्चा पु० [सं०] नामजदगी । निर्वाचन । चुनाव । अधियान)—सच्चा पु० [सं०] अपनी । गोमुवी। एक थैली अधिवास-सज्ञा पुं० [सं०] १ निवासस्थल । म्यान । रहन । | जिममें हाथ डालकर माला जपते हैं २ छोटीं माना। जगह । २ महासुगध । खुशबू । ३ विवाह से पहले तैल मुमिरनी।। अधियाना-क्रि० स० [हिं० अावा से नाम०] अाधा करना । दो। हलदी चढ़ाने की रीति । ४ उत्रटन् । ५ अधिक ठहरना । अधिक देर तक रहना । ६ दूसरे के घर जाकर रहना । बराबर हिस्सो मे बाँदना । विशेप-मनु के अनुसार स्त्रियो के ६ दोप में से एक ।