पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/४९९

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HO HO लवारी' ४२६० लब्धि लोल लोलुप ललात लालची लबार बार बार लालच घरनि धन लब्धनाम-वि० [सं० लव्चनामन ] जिसने नाम पाया हो । नामवर । धाम को। तुलसी (शब्द॰) । (ग) वालि न कबहुं गाल अस प्रसिद्ध। सारा । मिल तपसिन्ह ते भएसि लवारा ।-तुलसी (शब्द०)। लव्धनाश-सच्चा स्त्री० [ ] १ प्राप्त वस्तु का नष्ट हो जाना। २. लवारी'-संशा सी० [हिं० लबार ] झूठ बोलने का काम । उपार्जन का विनाश [को०)। लबारी-वि० १ झूठा । २ चुगुलखार । उ०-यह पापी अति लब्धप्रणाश-मचा पुं० [ स०] पचतय का एक नय जिसमे प्राप्त का चोर लवारी। ताहि दीन हम साँसति भारी ।-विश्राम नाश दिखाया गया है। (शब्द०)। लब्धप्रतिष्ठ-वि० [सं०] जिमने प्रतिष्ठा पाई हो। प्रतिष्ठित । समानित । लबालव-क्रि० वि० [फा० ] मुंह या किनारे तक। छलकता हुआ। ज से,—(क ) यह तालाब भरा है। ( ख ) प्याला लबालब लब्धप्रत्यय-वि० [ स० ] जिसने विश्वास प्राप्त किया हो। विश्वास- भरा है। भाजन । विश्वसनीय [को०] । लबी-सझा ना० [हिं० लिपडा] ईख का रप जो पकाकर खूब गाढ़ा और लब्धप्रशमन-सज्ञा पुं० [ ] मनुस्मृति के अनुसार मिले हुए धन दानेदार कर दिया गया हो। राव । आदि का सत्पाय को दान । (मनु०) । लवृव-सज्ञा पु० [अ० लुबूब ] काम-शक्ति-वधक एक पाक (को॰] । लब्धप्रसर-वि० [ ] स्वच्छद । अबाधित (को०] । -लवूब कबीर, लबूब सगीर = लबूब नाम का पाक । लब्धप्रसाद-वि० [स० ] प्रियपात्र । स्नेहभाजन [को०) । लवेचू-सञ्ज्ञा पुं॰ [ देप० ] जैन वैश्यो की एक जाति । लमेचू । लव्धलक्ष-सचा पुं० [ मं०] १ जिसका वार ठीक निशाने पर जा लवेद-सज्ञा पुं० [सं० वेद का अनु० ] १ वेद के विरुद्ध रीति, रूढ़ि लगे । २ जिसे अभिप्रेत वस्तु मिल गई हो । वचन या प्रसग । २ लोकाचार और दतकया । (वोलचाल)। लव्धलक्षण-वि० [ ] दे० 'लव्यावसर' [को०) । जैसे,-वेद म यह सब कुछ नही है, तुम्हारे लवेद मे हो, लव्धलक्ष्य-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] दे० 'लव्धलक्षण' । तो हो। लव्धवर-वि० [सं०] जिसने वर प्राप्त किया हो। लवेदा-सञ्ज्ञा पुं० [सं० लगुड ] [ स्त्री० अल्पा० लवेदी ] मोटा लब्धवर्ण -वि० [सं०] विद्वान् । पडित । बड़ा डडा। लब्धविद्य-वि० [सं०] विद्वान् । शिक्षित । प्राज्ञ (को०] । लवेदी-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० लवेदा] १ छोटा डडा । लाठी । २ डडे लव्धव्य-वि० [सं० ] प्राप्य । पाने के योग्य [को०] । का वल । जवरदस्ती। लव्यशब्द-वि० [ ] विख्यात । प्रसिद्ध [को॰] । लबरा-सशा पु० [ देश० ] लसोडे का पेड़ या फल । लपेरा । लब्धश्रुत - वि० [सं०] विद्वान् । निष्णात । वहुश्रुत [को०) । लब्ध -वि० [सं०] १ मिला हुआ। पाया हुआ। प्राप्त । २ लब्धसज्ञ-वि॰ [ स०] दे० 'लब्धचेता' । उपजित । कमाया हुया । ३ भाग करने से आया हुमा फल । लव्धसिद्वि-वि० [सं० ] जिसने पूर्णता प्राप्त की हो। दे० 'लव्य (गणित)। काम' (को०] । लब्ध'-सज्ञा पुं० स्मृति के अनुमार दस प्रकार के दासो मे से एक । लब्धाक-सञ्ज्ञा पुं० [सं० लब्धाङ्क ] गणित करने पर जो अक प्राप्त लव्धक-वि० [ स०] १ प्राप्त । उपलब्ध । मिला हुआ (को०)। २ हो । जवाब। पाने वाला । लब्ध करनेवाला। लब्धातर-वि० [ स० लव्यान्तर ] द० 'लव्यावकाश' । लब्धकाम-वि० [सं० ] जिसकी कामना सिद्ध हो गई हो। जिसका लब्धा-वि० [सं० लव्धृ] लव्ध करनेवाला। प्राप्त करनेवाला [को०] | मनोरथ सफल हो गया हो। जिसका मतलव हासिल हो लव्धा-सञ्ज्ञा ली [ स० ] विप्रलव्या नायिका। गया हो। लव्धातिशय-वि० [सं० ] जिस असाधारण शक्ति प्राप्त हुई हो । लव्धकीर्ति-वि० [स० लब्धीत्ति ] १ जिसने कीर्ति पाई हो। जिसने यश प्राप्त किया हो । २ विख्यात । प्रसिद्ध । नामवर । लव्धानुज्ञ-सज्ञा पुं० [ ] १ जिसने आज्ञा पा ली हो। २ जो उपनयन मे गृहीत ब्रह्मचारी के कर्तव्या से मुक्त हो [को०] । लब्धचेता-वि० [ स० लब्धचेतस् ] जिसकी चेतना लौट आई हो। लव्धविकाश-वि० [स०] जिसने कोई अवसर प्राप्त किया हो। जिसकी बेहोशी दूर हो गई हो [को० । जिसे ( कार्य का ) क्षेत्र या, अवसर मिला हो (को॰] । लब्धजन्मो-वि० [सं० लब्धजन्मन् ] जन्मा हुया । उत्पादित (को॰] । लब्धावसर-वि० [सं० ] दे० 'लव्यावकाश' । लव्धतीर्थ-वि० [ मं० ] जिसने कोई अवसर प्राप्त किया हो लब्ध स्पद-वि० [स० ] कोई सहारा या पद प्राप्त करने योग्य । लव्यावसर (को०] । लब्धि-सच्चा स्त्री० [सं०] १ प्राप्ति । लाभ। २ हिसाव का लब्धदास-मशा पुं० [ स० ] वह दास जो दूसरे से मिला हो। जवाब । गरिणत का लव्याक । भागफल । स० स०