पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/३१६

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

यूनान का। यूनानी ४०७५ साहित्य, दर्शन इत्यादि के लिये जगत् में प्रसिद्ध था। प्रायोनिया यूपद्विप-संज्ञा पुं॰ [ सं० ] यूप पर लपेटने का वस्त्र (को०] । द्वीप इसी देश के अतर्गत था, जिसके निवासियो का पाना पर्या०—यूपवेष्ठन । यूपहस्ति । जाना एशिया के शाम, फारस आदि देशो मे बहुत था, इसी से सारे देश को ही यूनान कहने लगे थे। भारतीयो का यवन यूपध्वज-सञ्ज्ञा पुं० [ स०] यज्ञ । शन्द यूनान देशवासियो का हो सूचक है । सिकदर इसी देश का यूपलक्ष्य - सज्ञा पुं० [सं०] पक्षी। बादशाह था। यूपाग-सज्ञा पुं॰ [ सं० यूपाङ्ग ] यूप का कोई प्रश वा अग । यूनानी'-वि० [ फा० यूनान + ई (प्रत्य॰)] यूनान देश मवधी । यूपा-सञ्ज्ञा पु० [ स० धूत ] जूया। द्यूतकर्म । उ०-यहै मनोरथ जीतब यूपा । कहूं कहेउ यह भेद न भूपा ।-सबलसिंह यूनानी २-सञ्ज्ञा स्त्री० १. यूनान देश की भाषा । २ यूनान देश का (शब्द०)। निवासी । ३ यूनान देश की चिकित्साप्रणाली। हकीमी । यूपाक्ष-सञ्ज्ञा पु० [सं० ] रावण की सेना का एक मुख्य नायक विशेप-फारस के प्राचीन बादशाह अपने यहाँ यूनान के चिकि जिसको हनुमान ने प्रमदावन उजाडने के समय मारा था । त्सक रखते थे, जिससे वहाँ की चिकित्साप्रणाली का प्रचार यूपाहुति-सञ्चा स्त्री० [सं०] वह कृत्य जो यज्ञ मे यूप गाडने के समय एशिया के पश्चिमी भाग मे हुया । इस प्रणाली मे क्रमश देशी किया जाता है। चिकित्सा भी मिलती गई। आजकल जिसे यूनानी चिकित्सा यूपोच्चार्य-सञ्ज्ञा पु० [ सं० ] वे मत्र जो यज्ञादि मे यूप की प्रतिष्ठा के कहते हैं, वह मिली जुली है । खलीफा लोगो के समय में भारत- समय कहे जायं (को०] । वर्ष से भी अनेक वंद्य बगदाद गए थे, जिसमे बहुत स भारतीय यूप्य-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] पलास । प्रयोग भी वहां की चिकित्सा मे शामिल हुए। यूरप-सज्ञा पु० [अ० यूरोप] दे० 'यूरोप' । यूनियन-सज्ञा पुं० [अ०] सघ । सभा । ममाज । मडल । जैसे,—लेवर यूराल-सज्ञा पुं० [?] १ एक बहुत बड़ा पहाड जो एशिया और यूनियन । टूट्स यूनियन । युरोप के बीच मे है । २. इस पर्वत से निकलने वाली एक नदी यूनियन जैक-सञ्चा पु० [अ०] दे० 'यूनियन फ्लंग' । का नाम । यूनियन फ्लैग-सज्ञा पुं॰ [अं॰] ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के सयुक्त यूरेनस-मज्ञा पुं० [अ० ] १. एक ग्रीक देवता । २.एक ग्रह जिसका राज्यो की राष्ट्रीय पताका । हर्शेल ने पता लगाया था [को०)। यूनिवर्सिटी-सधा स्त्री० [अं॰] वह सस्था जो लोगो को सब प्रकार यूरेनियम -सञ्ज्ञा पु० [अ० ] किरण धातु । राल आदि मे प्राप्त की उच्च कोटि की शिक्षाएं देती, उनकी परीक्षाएं लेती और होनेवाला एक धवल धातुतत्व [को०] । उन्हे उपाधियां आदि प्रदान करती है। विश्वविद्यालय । यूरोप–सज्ञा पुं० [अ० ] दे० 'युरोप' । विशेप-ऐसी सस्था या तो राजकीय हुमा करती है अथवा राज्य यूरोपियन-सज्ञा पु० मं० दे० 'युरोपियन'। की प्राज्ञा से स्थापित होती है, और उसकी परीक्षामो तथा उपाधियो प्रादि का सव जगह समान रूप से मान होता है। यूरोपीय-वि० [अ० यूरोप + ईय (प्रत्य॰)] युरोप सबंधी। युरोप का। यूप-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १. शहतूत का वृक्ष । २. जूस । दाल आदि का यूनीफार्म-मज्ञा पुं॰ [अं॰] एक ही प्रकार की पोशाक या पहनावा पानी। मोल [को॰] । जो किसी विशेप विभाग के कर्मचारियो या नौकरी के लिये नियत हो । वरदी । जैसे,—पुलिस के पचास जवान जो यूनीफार्म यूह -सञ्ज्ञा पुं॰ [ सं० यूथ ] १. समूह । झु ड । २ सैन्य । सेना । मे नही थे, वहाँ सवेरे से पा सटे थे। ये सर्व० [हिं० ] दे० 'यह' । ये सर्व० [हिं० यह ] 'यह' का बहुवचन । यह सब । यूप-सशा पुं० [स०] १ यज्ञ मे वह खभा जिसमे बलि का पशु बाँया जाता है । २ वह स्तभ जो किसी विजय अथवा कीर्ति आदि येई@ -सर्व० [हिं० यह + ई (प्रत्य०) ] यही । की स्मृति में बनाया गया हो। येऊg -सर्व० [हिं० ये + क (प्रत्य॰)] यह भी। यूपक-सञ्ज्ञा पुं० [स०] १. दे० 'यूप'। २ काष्ठविशेष, बांस येतोg - वि० [हिं० ] दे० 'एतो'। अथवा खदिर जिससे यूप बनता था । येन-क्रि० वि० [ म० यत ] जिसके द्वारा या जिससे । यूपकटक-सज्ञा पुं० [स० ] लोहे या लकडी का कडा या छल्ला यौ०-येन केन प्रकारेण = निस किसी प्रकार । जैसे तैसे। जो यूप के सिरे पर अथवा नीचे होता था। येन-सञ्ज्ञा पुं० [जापानी ] जापान का सिक्का । जापान का प्रचलित यूपकर्ण -सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] यूप का वह भाग जो घृत से अभिषिक्त सिका। किया जाता था। येमन-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] खाना । भक्षण [को०] । यूपकेतु-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] राजा भूरिश्रवा का एक नाम । येहां-सर्व० [हिं० ] दे॰ 'यह'। यूपकेशि-मचा पु० [ स० यूपकेशिन् ] एक राक्षस का नाम (को॰] । येहू-अव्य० [हिं० यह+हू ] यह भी । यूपद्रु, यूपद्रुम-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स०] खैर का वृक्ष । याँ-प्रव्य [ स० एवमेव, प्रा० एमेश्र, मप० एमि ] इस तरह पर ।