पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/२५६

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मेदोधरा ४.१५ मेमोरेंडम ९० TO O मंदोवरा- T-मशा मी० [स० ] शरीर की तीगरी कता या झिन्ली मेधिष्ठ-० [ ] अत्यंत मेवावी (को०)। जिसमे मेद या चरबी रहती है। मेध्य-वि० [ ] १ बुद्धि बढानवाला। मेधाजनक । २ पवित्र । मेनोर्बुद-सज्ञा पुं॰ [ मं०] १ मेदयुक्त गांउ या गिल्टी जिसमे पीटा शुनि । ३ यज नवधी । यन के योग्य । हो। २ गोठ का एक रोग । मेध'--ममा पु०१ पैर । सन्या । २ जो। ३ करा। मेदवृद्धि-सशा नी० [सं०] १ चरवी का बटना। मोटाई। मेध्या--रशा पी० [सं०] केतकी, शसपुष्पी, ब्राह्मी, महको प्रादि २ अडवृद्धि । बुद्विवर्षक बूटियां । २ गोरोचन । ३. एक रक्तवाहिनी मेद्य-वि० [ स० ] १ मोटा । 0 निविड । गाढा । ठोस [को०] । नरा (गो०] । मे-मज्ञा पुं० [ म०] १ यज्ञ । २ हवि । यज्ञ में वलि दिया जाने मेनका-मया जी० [ मं०] १ स्वर्ग को एक अप्सरा । वाला पगु । ४ मास का शोरवा या रमा (को०)। " रम । विशेप यह अप्सरा उद्र की प्राजा ने विश्वामिन का तप भग गार । नियमि (को०)। करने के लिये गई पी और विश्वामित्र के मयोग से इसे शकुतला मेधज-मशा पु० [सं० ] विष्णु । नाम की पन्या उत्पन्न हुई थी। मेधा-सज्ञा स्त्री० स०] १ अत करण की वह शक्ति जिसने जानी, २ उमा या पार्वती की माता जा हिमवान् की पत्नी थी। देखी, मुनी या पढी हुई बातें मन में बराबर बनी रहती है, मेनकात्मजा जा जी० [सं०] १ गकु तला। २ पार्वती । दुर्गा । भूलती नही। बात का स्मरण रखन की मानमिक शक्ति। मेकाहित सझा पु० [ म० ) रामक नामक नाटक का एक भेद । धारणावाली बुद्धि । २ दक्ष प्रजापति की एक कन्या । ३. ] १ पितरो की मानसी कन्या मेनका । २ पोडश मातृकाप्रो में से एक, जिमका पूजन नादीमुख श्राद्ध में मेना'-मश भी० [ होता है। मियान को स्त्री। मेनका । ३. रसो। ४ वृपणश्व को मानसी छप्पय बंद का एक भेद । ५ णक्ति । ताकत । कन्या ( येद )। ५ वाक् । वल (को०)। ६ सरस्वती का एक रूप (को०) । मेना-क्रि० स० [हिं० मोपन ] पक्वान प्रादि मे मोयन देना। यो-मेधाकर = बुद्धि वढानवाला । मेधा जित् । मेधारद्र । मोयन डालना। उ०-लुई पोइ पोर घिउ मेई। पाछे छानि मेधाजित् - सग पुं० [सं० ] कात्यायन मुनि । साड रग मे।-जायसी (शब्द॰) । मेधातिथि- सज्ञा पु० [ सं० ] एक नाम जो बहुत से लोगो का है । १ काण्ववश में उत्पन्न एक ऋषि जो ऋग्वेद के प्रथम महल मेनाद-तशा पुं० [सं०] १ मिन्ली । २ वकरी । ३ मोर । १२-३३ सूक्तो के द्रष्टा ये। २. कण्व मुनि के पिता । मेनाधव-सा पुं० [हिं०] हिमालय । (महाभारत)। ३ भट्ट वीरस्वामी के पुत्र जो मनुमहिता के मेमत वि० [म० मदमत्त, हिं० गमत] मदमन । मतवाला । उ०- प्रसिद्ध भाष्यकार हैं। ४. प्रियव्रत के पुत्र और शाकद्वीप के मेमति दति पन वज्जि मार |-पृ० रा०, ६११६०३ । अधिपति । (भागवत) । ५ कर्दम प्रजापति के पुत्र । मेम - समाग्री० [अ० मंडम का गक्षिप्त रूप] १ योरोप या अमेरिका मेधारुद्र-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] कालिदास [को॰] । श्रादि की विवाहिता स्त्री। २ ताश का एक पत्ता जिसे बीवी या रानी रहते हैं। यह पना बादशाह से छोटा और गुलाम से मेधावती- सज्ञा सी० [सं०] महाज्योतिष्मती लता। बडा माना जाता है। मेधावान्-वि० [ मेधावत् ] [ वि० सी० मेधावती ] जिसको म्मरण- मेमना - सा पु० [अनु० में में ] १ भेट का यच्चा। २ घोडे की शक्ति तीय हो । धारणाशक्तिवाला । एक जाति । उ०-योइ पावुन कंपोज फोइ कन्यो। योत मेधाविनी-सशा ग्वी० [ मं० ] ब्रह्मा की पन्नी का नाम (को० । मेपना मुनी लच्छी। -विश्राम (शब्द०)। मेधावी . [ म० गंधाविन् ] [वि० सी० गेधाविनी] १ मेधाशक्ति- मेमो-सा पुं० [अं० ] गेमोरेम का नक्षिप्त प । वाला । जिसकी धारणाशक्ति तीन हो । २. युद्धिमान् । चतुर । मेमार-पग पुं० [म.] नपन निर्माण करने वाला गिरपी। इमारत ३ पटिन । विद्वान् । बगानेवा: । राजगीर । मेधावी' -- म पुं० १ णुक पक्षो । मूया । तोता । २ मद्य । शराय । मेमोरियल-1 पु० [ अ०] र प्रार्थनापन जो किमी बरे ३ कश्यप के एक पुर। ४ च्यवन के एक पुष । उ.-न्यपन अधिकारीले पान पिनागर्थ भेजा जाय । प्रावेदनपत्र । 30- पुन मेधावी नामा। फर तपस्या विपिन अकागा ।-विधाग जिम नगर में श्रीमान् लेफ्टिनेंट गवर्नर बहादुर जायं यहीं (०२०)। उनको रागनी के प्रपाराप मेमोरियर दिए जायं।-प्रेमपन०, मेधि-सा पु० [सं० ] उस स्थान पर गटा हुमा गभा जहां पंत ने भा० २. १०५७।२ गारचिह । पारगार । लाकर फमल फैनाई जाती है। दानवाने बैल नी सभे मे ये मेमोरंटम- पुं० [०] १ वर पर निउमे गोई यार सारग हुए चारो ओर घूमकर पैरो से उठनो के दाने माने है। दिलान यिनिती गई। वारसान। म्मरणरमन । २. मैधिर-वि• [ मे० ] तत्तर पुस्लिाना । गायो । युतिमान् । वारय । पभिमत।