पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१९७

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मुखन्नस-वि० मुखतार ३६५६ मुगध मुखतार - सज्ञा पुं० [अ० मुजतार ] १ जिमे किमी ने अपना प्रति- अ० मुखन्नस ] १. नपु सक। पुस्त्वविहीन । २ निधि बनाकर कोई काम करने का अधिकार दिया हो। व्याकरण मे नपुसक लिंग। यौ० मुखतार आम | मुग्मतार सास । मुखपट-सज्ञा पु० [स०] १ मुह टकने का वस्त्र । नकाव । २ २ एक प्रकार के कानूनी मलाहकार और काम करनेवाले जो घूघट । वकील से छोटे होने है और प्राय छोटी अदालतो मे फौजदारी मुखपाक-मज्ञा पुं० [सं० ] एक प्रकार का गेग जो मनुष्यो और या माल के मुकदमे लडते है । घोडो को होता है और जिसमे उनके मुह मे चाट छाटे घाव मुखताराम - स्क्षा पुं० [अ० मुखतार+श्राम ] वह गुमाश्ता या हो जाते हैं। प्रतिनिध जिसे सब प्रकार के काम करने, विशेषत मुकदमे आदि मुखपान-सज्ञा पुं॰ [ हिं• मुत्र + पान ] पान के आकार का पीतल लडने का अधिकार दिया गया हो । या किसी और धातु का कटा हुया वह टुडा जो मात्र या मुखतारफार - सज्ञा पुं० [अ० मुखतार+फा. कार] वह जो किसी आलमारी आदि मे ताली लगाने के म्यान मे मुदरता के लिये काम की देखरेख के लिये नियुक्त किया गया हो । जहा जाता है और जिसके बीच मे ताली लगान के लिये छेद मुखतारकारी 1- सज्ञा स्त्री० [अ० मुखतार + फा० कार + ई (प्रत्य॰)] होता है। १ मुखतारकार का काम या पद । २ दे.'मुखतारी' । मुखपिड-सञ्ज्ञा पुं० [सं० मुखपिण्ड ] १ वह पिंड जो मृत व्यक्ति के मुखतारखास-मचा पु० [अ० मुसतार+खास ] वह जो किसी उद्देश्य से उसकी प्रत्येष्टि क्रिया से पहले दिया जाना है। २ विशिष्ट कार्य या मुकदमे के लिये प्रतिनधि बनाया गया हो। ग्रास । कवल । भोजन (को०) । मुखतारनामा - सञ्चा पुं० [अ० मुखतार + फा० नामह ] १ वह मुखपिडिका - सशा स्त्री० [सं० मुसपिढिका ] मुहामा । अधिकारपत्र जिसके द्वारा कोई व्यक्ति किसी की ओर से मुखपुष्पक- सशा पुं० [सं०] एक प्रकार का श्राभूपण (को०) । अदालती कार्रवाई करने के लिये मुखतार बनाया जाय । यह मुखपूरण-सक्षा पु० [सं०] १. मह ने पानी भरकर फेंकना । दो प्रकार का होता है-मुखतारनामा खास और मुखतार- कुल्ला । २. मुह मे कुल्ली के लिये लिया हुआ पानी । नामा प्राम । २ वह अधिकारपत्र जिसके अनुसार कोई पेशेवर मुखपृष्ठ-सशा पु० [स० ] किमी पुस्तक, पत्रपत्रिका का आदि वह मुखतार कोई मुकदमा लडने के लिये नियुक्त किया जाय । पृष्ठ जो सबसे पहले रहता है। प्रावरण पृष्ठ । मुखतारनामा आम-सञ्ज्ञा पुं० [अ० मुखतार+फा० नामह, +म० श्राम ] घह अविकार पत्र जिसके द्वारा कोई मुखतार प्राम मुखप्रक्षालन-सचा पुं० [ ] मुख का प्रक्षालन करना या वोना। मुह साफ करना। नियुक्त किया जाय। मुखतारनामा खास-मज्ञा पु० [अ० मुखतार + फा० नामह +अ० मुखप्रसाद-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] मुस पर झलकनेवाली प्रसन्नता । खास ] वह प्रधिकारपत्र जिसके द्वारा कोई मुखतारखास प्रसन्न मुद्रा [को०] । नियुक्त किया जाय। मुखप्रसाधन-मा पु० [ स० ] १ वे द्रव्य जिनसे मुख का प्रसाधन मुखतारी-सञ्ज्ञा स्त्री० [अ० मुखतार + फा० ई (प्रत्य॰)] १ मुखतार किया जाय । जमे, पाउडर तथा अन्य शृगारमााचन ।। होकर दूसरे के मुकदमे लड़ने का काम । २ मुख्तार का पेशा । मुख को प्रमाधित या अतहत करना (को०] । प्रतिनिधित्व । मुखप्रसेक-सज्ञा -सज्ञा पु० [सं० ] भावप्रकाश के अनुसार मुह का एक मुखताल- सज्ञा पुं० [हिं० मुख+ताल ] किसी गीत का पहला पद । रोग जो श्लेष्मा के विकार से होता है। टेक | ध्रुव । मुखप्रिय-सज्ञा पुं० [ स०] १ वह जो खाने में अच्छा लगे। स्वादिष्ट मुखदूपण - सशा पु० [सं०] प्याज । वस्तु । २ नारगी। ३ काडी। मुखदूपिका-सशा स्त्री॰ [ स०] मुह का एक प्रकार का क्षुद्र रोग मुखफ्फफ'-4 [अ० मुजफ्फाफ़ ] जो वफीफ या हलका किया गया जिसमे चेहरे पर छोटी छोटी फुसियां निकल पाती हैं। हो। जो घटाकर कम किया गया हो। मुंहासा। मुखफ्फफ-सशा पुं० किसी पदार्थ या शब्द यादि का सक्षिप्त रूप । मुखदूषी - सज्ञा पु० [ स० मुखदूपिन ] लहसुन । जैसे,—'मीठा' का मुखफ्फफ 'मिठ' या 'घाडा' का मुखफ्फफ मुखदोष - सज्ञा पु० [ ] जिह्वा का दोप । लोलुपता (को०] । 'घुड' होता है। मुखधौता-सञ्ज्ञा स्त्री० [ स० १. भारगी। भार्गी । २ ब्राह्मण- मुखबद-सज्ञा पुं० [सं० मुख+हिं० वद] घोडो का एक रोग जिसमे यष्टिका। उनका मुह बद हो जाता है और जल्दी नही खुलता इसमे मुखनिरीक्षक-सञ्ज्ञा पु० [ स०] आलसी आदमी । सुस्त व्यक्ति । उसके मुंह से लार भी बहती है। काहिल [को॰] । मुखवध-सञ्ज्ञा पुं० [सं० मुखबन्य ] किसी प्रथ की प्रस्तावना या मुखनिवासिनी-सज्ञा स्त्री- [सं० ] सरस्वती । भूमिका। HO स०