पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१६८

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मिलना ३६२७ मिलावट १२ बजने से पहले बाजो का सुर या अावाज ठोक होना । मिलान-सज्ञा पु. [ हिं० मिलाना ] १ मिलाने की क्रिया या भाव । जैसे, तबला मिलना, सारगी मिलना । १३ प्राप्त होना। २ तुलना। मुकाबला। ३ ठीक होने की जाँच । ४ मेल । भेंट । उपलब्ध होना । जैसे,—यह पुस्तक बाजार मे मिलती है । १४. ५ मिलने का स्थान । डेरा। शिविर । पडाव । उ० समाचार मूल्य पर प्राप्त होना । जैसे,~-गेहूँ एक रुपए का सवा सेर वसुदेव जु पाए । सखहि मिलान मिलानहिं पाए।-नद० मिलता है। १५ मुलाकात करना । भेंटना। १६ आलिंगन ग्र०, पृ० २३५। करना । छाती से लगाना । गले लगाना । भेंटना। जैसे, राम क्रि० प्र०—करना --मिलना ।-होना। और भरत का मिलना। मिलाना-क्रि० स० [ स० मिलन, । हि. मिलना का सक० रूप] मुहा०-मिल जुलकर = एक होकर । सघटित होकर। मिलना १ एक पदार्थ मे दूसरा पदार्थ डालना। मिश्रण करना । जैसे, जुलना = अन्य लोगो से भेंट मुलाकात करना। परस्पर सवध दूध मे पानी मिलाना । २ दो भिन्न भिन्न पदार्थों को एक रखना । मिल वांटकर खाना = ममान भाव से किसी वस्तु का करना । बीच मे अतर न रहने देना। जैसे,—दोनो दीवारें उपयाग करना। बरावर हिस्सा लगाकर किसी वस्तु मिला दी गई। ३ समिलित करना। एक करना । जैसे,—यह को लेना। रकम भी उसी में मिला दी गई है। मिलना@-क्रि० स० [ 7 ] गौ श्रादि का दूध दुहना । सयो० क्रि.-ढालना ।—देना । मिलनि-सज्ञा स्त्री० [हिं० मिलना ] दे० 'मिलन' । उ०—(क) ४ सटाना जोडना। चिपकाना। ५ दो पदार्थों को तुलना मिलनि विलोकि भरत रघुबर को।—मानस, २।२४० । (ख) करना । मुकाबिला करना । जैसे,—दोनो कपडे मिलाकर देख घुमडनि मिलनि देखि डर आवै।-नद० ग्र०, पृ० १३२ । लीजिए । ६ यह देखना कि प्रतिलिपि आदि मून के अनुसार है मिलनी-संज्ञा स्त्री॰ [हिं० मिलना + ई (प्रत्य० ) १ विवाह की या नहीं। ठीक होने को जांच करना । जये,-नकल तो पूरी एक रस्म जो कही तो कन्यादान हो चुकन क उपरात और हो चुकी है पर मिलाना अभी बाकी है। कही उससे पहले होती है। इसमे कन्यापक्ष क लोग वरपक्ष सयो० कि०-लेना। के लोगो से गले मिलते और उन्हे कुछ नकद देते हैं। कही ७ भेंट या परिचय कराना । ८ दो व्यक्तियो का विरोध या द्वेप कही यह रस्म स्त्रियो में भी होती है। २ द० 'मिलन' । दूर करके उनमे मेल कराना । सुलह या सधि कराना । ६. मिलपत्र-सज्ञा पु० [म. [ अश्मतक वृक्ष । बहेडे का पेड । स्त्री और पुरुष का सयोग कराना । सभोग या सवच कराना। मिलवन-सज्ञा स्त्री॰ [हिं० मिलावना ] मिलाने पहुंचान या झुड सयो०क्रि०-देना। मे करने की क्रिया या भाव । उ०-या मिलवन मिस उठि १० किमी को अपने पक्ष मे करना। अपना भेदिया या साथी भोर । गहगोरी गवनी उहि वोर । —नद० ग्र पृ० १७२। वनाना । साँटना । जैसे, हम उन्हें अपनी ओर मिला लेंगे। मिलवना -क्रि० स० [हिं० मिलाना ] दे॰ 'मिलाना' । उ० सयो०नि०-लेना। उन हटकी हंसि के इतं इन सौंपी मुसकाइ । नैन मिल मन यौ०-मिलाना जुलाना । मिलि गए दोऊ मिलवत गाइ । —विहारी ( शब्द०)। ११ वजाने से पहले बाजो का मुर या पावाज ठीक करना। मिलवाई-मज्ञा स्त्री० [हिं० मिलवाना+ई (प्रत्य॰)] १ मिलवाने जैसे, पखावज मिलाना, सारगी मिलाना । की क्रिया या भाव । २ वह धन या पुरस्कार जो मिलवाने के मिलाप-सञ्ज्ञा पु० [हिं० मिलना+श्राप (प्रत्य॰)] १ मिलने की बदले में दिया जाय। क्रिया या भाव । २ मेल या सद्भाव होना । मित्रता। यौ०-मेल मिलाप । मिलवाना-क्रि० स० [हिं० मिलाना का प्रे० रूप ] १. मिलने का काम दूसरे में कराना । दूसरे को मिलन मे प्रवृत्त करना । २ ३ भेंट । मुलाकात। ४ एक साथ वजनेवाले वाजो का एक सुर भेंट या परिचय कराना। ३ मेल कराना। ४ सभोग मे होना। ५ सभोग । सयोग। ६ दे० 'मिलाई । कराना। विशेष—इस शब्द का प्रयोग अधिकतर मनुष्यो या प्राणियो के मवध में होता है, वस्तुओ के मिश्रण के लिये नही। - सज्ञा पुं० [हिं० मिलान ] हेरा। शिविर । उ०- अमली ममली भारती। जाई बगैरइ दियो मिलान । मुहा॰-मिलाप का पुतला = मेल मिलाप का प्रेमी या समर्थक । वी० गमो, पृ० १२। उ०—आइए ऐ मिलाप के पुतले। हम पलक पांवडे बिछा देंगे।-चुभते०, पृ० ६ । मिलाई-सहा सी० [हिं० मिलाना+ई ( प्रत्य० ) १. मिलाने की क्रिया या भाव । २ मिलाने की मजदूरी । ३ विवाह की मिलाव-सज्ञा पुं० [हिं० मिलाना+श्राव ( प्रत्य॰)] १ मिलाने की मिलनी नामक रस्म । विशेष दे० 'मिलनी'। ४ जाति से क्रिया या भाव । मिलावट । २ दे० मिलाप' । निकाले हुए आदमी को फिर से जाति मे मिलाने का काम । मिलावट-सज्ञा स्त्री० [ हिं० मिलाना + श्रावट (प्रत्य॰)] १, ८-२० मिलॉण