मिर्च ३२६ मिलना 1 इकट्ठा होना। रहते हैं। कच्ची दशा मे ये फल लाल रंग के होते हैं, पर मिलकना - क्रि० अ० [देश॰] दीप का जलना या प्रकाशित होना । पकने और सूखने पर काले रंग के हो जाते हैं। और प्राय मिलकाना-क्रि० स० [हिं० मिलकना] दीया जलाना या वालना । इसी स्प मे बाजारो मे मिलते हैं। कभी कभी इन सूखे फलो दीप जलाना। को पानी मे भिगोकर उनका परो छिलका अलग कर लिया मिलकाना-क्रि० म० [हिं० ] दे० 'मलकाना' वा 'मुलकाना' । जैसे, जाता है जिसमे अदर से सफेद या मटमले रग के फल निकल आँखें मिलकाना। अाते ह और जो बाजारो मे 'सफेद मिच' के नाम से बिकते मिलकी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [हिं० मिलक + ई (प्रत्य० ) ] १. वह जिसके है । इस दशा मे उनका तीतापन भी कुछ कम हो जाता है। पास जमीन जायदाद हो । जमीदार । २ वह जिसके पास धन भारतवर्ष मे इसका व्यवहार और उपज बहुत प्राचीन काल से सपत्ति हो । दौलतमद । अमीर । होती पाई है और यहाँ से बहुत अधिक मात्रा मे यह विदेश भेजी जाती रही है। वैद्यक मे यह कडवो, चरपरी, हलकी, मिलन-सञ्ज्ञा पुं॰ [ सं० ] मिलने की क्रिया या भाव । मिलाप । भेंट । गरम, रूसा, तीक्ष्ण, अवृष्य, छेदक, शोपक, पित्तकारी, अग्नि समागम । योग । २ मिश्रण । मिलावट । ३. एकत्र होना। प्रदीपक, रुचकारी, तथा कफ, वात, श्वास, शूल, कृमि, खाँसी, हृदयरोग और प्रमेह तथा बवासीर का नाश करनेवाली मिलनसार वि० [हिं० मिलन + सार ( प्रत्य० ) ] जो सबसे प्रेम- मानी गई है। साधारणत इसका व्यवहार मसाले के रूप मे पूर्वक मिलता हो। सबसे हेलमेल रखनेवाला। सुशील और ही होता है, पर हिकमत और डाक्टरी मे यह प्रोपधि के रूप सद्व्यवहार रखनेवाला। मे भी काम ग्राती है। जिन लोगो को लाल मिर्च अप्रिय या मिलनसारी सज्ञा स्त्री० [हिं० मिलनसार + ई (प्रत्य॰)] सबसे हानिकारक होती है वे प्राय इसी का व्यवहार करते हैं, प्रेमपूर्वक मिलने का गुण । सबसे हेलमेल रखना। सद्व्यवहार क्योकि यह उसमे कम तिक्त भी होती है और उत्तेजक तथा और सुशीलता। दाजनक भी कम होती है। मिलना' क्रि० अ० [स० मिलन ] १ एक पदार्थ का दूमरे मे पर्या०-मरिच । वेणुज । यनवप्रिय । वल्लीज । कोल । कृष्ण । पडना । समिलित होना । मिश्रित होना। जैसे, दाल मे नमक शुद्ध । कोलक । धमपत्चन । ऊपण । वरिष्ट । कटुक । वेणुक । मिलना । २ दो भिन्न भिन्न पदार्थों का एक होना। वीच मे शिरोवृत्त । वार आदि। का अतर मिटना । जैसे,—अब ये दोनो मकान मिलकर एक मिर्च-वि० जिसका स्वभाव बहुत ही उग्र, तीन या कटु हो। हो गए हैं । ३ समिलित होना । समूह या समुदाय के भीतर (क्व०)। होना । जैसे,—(क) हमारी किताबें भी इन्ही में मिल गई है । मिर्चना -सज्ञा स्त्री॰ [ हिं• मिर्च + न (प्रत्य॰)] झडवेरी के फलो (ख) अब वह भी जात मे मिल गए हैं। का चूर्ण जो नमक मिर्च मिलाकर चाट के रूप मे वेचा यौ०-मिलाजुज्ञा = (१) समिलित । (२) मिश्रित । जाता है। मह०-मिलीमार = ऊपर से मिला रहना और भीतर से हानि मिर्चिया-सज्ञा स्त्री० [हिं० मिर्च ] रोहिस घास । पहुंचाने की कोशिश करना । उ०—मानो मार की मिली मार मिर्त-मझा पु० [ स० मत्य वा मृत्यु ] मृत्युलोक । नरलोक । कर कुतूहल दिखला रही है । - प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ० १२५ । उ.-मुर्ग मिर्त पाताल कहा, कहा तीन लोक विस्तार । - ४ सटना । जुडना । चिपकना । ५ प्राकृति, गुरण आदि मे समान दरिया० बानो, पृ०५। होना, विलकुल या बहुत कुछ वरावर होना । जैसे,—(क) इन मिर्तक-सज्ञा पुं० [ स० मृतक ] दे० 'मृतक' । उ०—(क) मिर्तक दोनो पुस्तको का विषय बहुत कुछ मिलता है । (स) इन दोनो परा वैद कह करई ।-हिंदी प्रेमगाथा०, पृ० २१८ । (ख) का स्वभाव बहुत कुछ मिलता है। तुम तन मिर्तक देखि के किया वैद कर वेस ।-हिं० क० का०, यौ०-मिलता जुलता एक सा । समान । तुल्य । पृ० २१६ । ६ भेंट होना। मुलाकात होना। देखादेखी होना। जैसे,-वह मिल-सझा स्त्री॰ [ मिस ] १ कपडा बुनने का कारखाना । मुझसे रोज मिलते हैं। पुतलीघर । उ० - मिल बनती या भाड मे जाती।-रगभूमि, यौ० -मिलनातुर = मिलने के लिये व्यग्न । भा०२, पृ० ६२६ । २ बाटा ग्रादि पीसने, लकडी काटने या ७ विरोध या द्वेप दूर होना । मेल मिलाप होना। चीरने तथा चीनी श्रादि बनाने का कल या कारखाना । करना । मैथुन करना । ६ किसी के पक्ष मे हो जाना । जैसे,- यौल-मिल मजदूर = मिल मे काम करनेवाला मजूरा । मिल अव तो आप भी उधर ही जा मिले। १० लाभ होना । नफा मालिक = मिल या कारखाने का मालिक | होना । फायदा होना । जैसे,—इस सौदे में आपको भी कुछ मिलका-सद्धा पी० [अ० मिल्क ] १ जमीन जायदाद । जमीदारी । मिलकर ही रहेगा। ११ प्रत्यक्ष होना। सामने आना । मिलकियत । २ जागीर । उ०—ग्रज की भूमि इद्र ते मानो पता लगना । जैसे, रास्ता मिलना । मदन मिलक करि पाई।-सूर (शब्द०)। सयो०नि०-जाना। go ८ मभोग
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१६७
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।