मारपोट ३६१५ मारिपा खयाल जी 1 वडी वातें करना जिनका होना असंभव हो। उ०—बाह ऐसा मारवा-सञ्ज्ञा पुं० [ देश०] १. एक सकर राग जो परज, विभास और ही था तो चूडी पहिर लेते, जवामी की डीग क्यो मारते गौरी को मिलाकर बनाया जाता है। कुछ लोग इसे भ्रम से है।- देवकीनदन (शब्द॰) । मत्र मारना = जादू करना । श्री राग का पुत्र मानते है। २ एक प्रकार का मत्र पढकर फूंकना । उ०-गट्ठी को एक दिवाल पर फेंक देना तिलवाडा ताल पर बजाया जाता है। और ऐसा मन मारना कि पाहचाना हुअा ही ताश उसमे मारवाड-सज्ञा पुं० [हिं० मेवाद ] १ मेवाड राज्य । ते० 'मेवाड' । चिपक जाय, बाकी सब गिर पडें ।-रामकृष्ण (शब्द॰) । २ राजपूताने का एक प्रात जहां अब बीकानेर और जोधपुर १४ धातु आदि का जलाकर उसका भस्म तैयार करना । जैसे, के राज्य हैं। मेवाड के आस पास का प्रात । पारा मारना, सोना मारना । १५ अनुचित रूप से, विना मारवाड़ी - सज्ञा पुं० [हिं० मारवाद + ई ] [स्त्री० मारवाडिन ] परिश्रम के अथवा बहुत श्रावक प्राप्त करना । (इस अर्थ मे १ मारवाड देश का निवासी। २. मारवाड देश को भापा । इसका प्रयाग प्राय माल या रकम प्रादि शब्दो क ही साथ मारवाडी-वि० [हिं० मारवाड ] मारवाड देश का | मारवाड देश होता है ।) जसे, माल मारना, किसी का हक मारना। १६ सवधी। करना । लगाना । जैस, गोता मारना, चक्कर मारना । १७ मारवीज-मञ्ज्ञा पुं॰ [ स०] एक प्रकार का मत्र । विजय प्राप्त करना । जीतना । जैस, मैदान मारना । १८. ताश या शतरज प्रादि खेलो म विपक्षी के पत्ते या गोट आदि मारा-वि० [हिं० मारना ] जो मार डाला गया हो। मारा को जीतना । १६ जो कुछ देना वाजिब हा, वह न देना। हुआ। निहत । उ०-परखेसु माहि एक पखवारा। नहि अनुचित रूप से रख लेना । जैसे,--हमारे १००) उसने मार प्रावहूं तो जानेसु मारा। -तुलसी (शब्द॰) । लिए । २० बल या प्रभाव कम करना । मारक हाना । जैसे, मुहा०—मारा फिरना, मारा मारा फिरना = व्यर्थ घूमना फिरना । जहर को जहर मारता है । २१ किसी योग्य न रहन देना। वुरो दशा मे इधर उधर घूमना । उ०-टुक हिम खा की छोड निर्जीव सा कर देना । जैसे,—इन्ह तो फजूलखर्ची न मारा है। मियाँ मत देश विदेश फिरे भारा। नजार (शब्द०)। २२ डसना । काटना । डक मारना। जैस, वाछी मारना । मारात्मक-वि० [सं०] १. हिंसक । २ दुए। ३. प्राणनाशक । २३ रागाना । देना । जैसे, टाका मारना। २४. गुदाभजन साघातिक । उ०-वह भारत मे मजहब के मारात्मक नशे -करना । पुरुप का पुरुप के साथ सभोग करना। २५ सभोग की व्यापकता हा समझता था -पिजरे०, पृ० १५३ । करना। राप्रसग करना । माराभिभू-सञ्ज्ञा पुं॰ [ सं० ] वुद्ध देव । विशेप-(क) यह शब्द भिन्न भिन्न सज्ञायो तथा कुछ मारामार-क्रि० वि० [हिं० मारना ] अत्यत शीघ्रता से। बहुत वशिष्ट क्रियात्रा के साय मुहावरे के रूप म अनक प्रकार क जल्दी । उ०—में अयोध्या के राजा का सारथी हूँ। दमयती का अर्थ देता है। जैसे, दम मारना, लकीर मारना, कोर स्वयवर भाज ही सुनके मारामार घोडा का यहा लाया हूँ।- मारना, धार मारना, पीस मारना, सता मारना, मादि । शिवप्रसाद (पन्द०)। (ख) इसक साथ प्राय 'डालना' और देना' पाद सयोज्य मारामार-सचा खौ० दे० 'मारपीट' । क्रियाएं पाती है। एक मारपीट-सश का [हिं० मारना+पाटना ] मारने और पीटने मारि'-सझा स्रो० [ सं०] १. मार डालना। वध करना। व्याधेि । मरा (रोग)। की क्रिया । ऐसा लडाई जिसमे श्राघात किया जाय । मारि- -सचा लौ० [हिं० मार ] १ लढाई । युद्ध । २ मारपीट । मारपेच-सञ्ज्ञा पु० [हिं० मारना+पेच ] वह युक्ति जो किसी को मारिका-सहा मौ० [सं• ] मरी (रोग)। महामारी [को०] । धोखे में रखकर उसकी हानि करक या उस नीचा दिखाने के लिये की जाय । धूतता । चालबाजी। मारिचर-औ० पुं० [सं• मारीच ] दे० 'मारीच'। मारफत'- अव्य० [अ० मारफत ] द्वारा। वसीले से । जरिए से । मारिच'-सचा पुं० [अ० मार्च ] दे० 'मार्च' । उ०—(क) संध मागध मारफत यह काज श्रम बनु भासु।- मारिच-वि० [स०] [वि॰ स्त्री० मारिची ] काली मिर्च मिश्रित । गोपाल (शब्द०) । (ख) नपाल म एक अगरेजा दूत रहता काली मिर्च द्वारा निर्मित किो०) । है। उस रजाडेट कहत है। उसा को मारफत नेपाल राज्य मारिचिक-वि॰ [सं०] जिसमे मिर्च मिला हो । मिर्च का । मिर्च- और हिंदुस्तान का गवर्नमेंट स आवश्यकतानुसार लिखा पढ़ी युक्त [को०। होतो है ।-द्ववदी ( शब्द०)। मारित-वि० [सं०] १ जो मार डाला गया हो। निहत । २ मारफत - सशाली माव्यात्मिक बुद्धि या ज्ञान प्रयवा आध्यात्मिक जो भस्म कर दिया गया हो । (वैद्यक) । रचना । श्वराय ज्ञान-दादू०, पृ० ११० । मारिप-संश पुं० [स०] १ नाटक का सूयवार । २ नाटक में किसी मारव-सशा पुं० [ स०] १ मरु देवता । २. मरुभूमि । जागल प्रदेश मान्य या प्रातात व्याक्त क लिये मबोधन। ३ भरसा नामक (को०) । ३. जितरागणी क अनुसार एक प्राचीन देश । उ०- साग। मरु मारव माहदेव जवासा।-मानस, श६। मारिपा-सया सी० [सं०] दक्ष की माता का नाम ।
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१३८
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