मारगीर मारना गन चले लहलहात जनु रमास । जुमसी (शब्द॰) । २ भिक्षुक । याचक | निममगा। मारगीर--सज्ञा पुं० [ फा०] मारी। सपेरा [को०) । मारजन-सञ्ज्ञा पुं॰ [ #० मार्जन ] दे० 'मार्जन'। मारजनी- सज्ञा पी० [सं० मार्जनी ] दे० 'मार्जनी'। मारजार- सज्ञा पुं॰ [स० मार्जार ] दे० 'माार' । मारजित-सज्ञा पुं॰ [सं०] १ वह जिसने कामदेव को जीत लिया हो । २ शिव ।को०) । ३ युद्ध । मारण-संज्ञा पुं० [ स०] १ मार डालना। प्राण लेना। हत्या करना। एक कल्पित तात्रिक प्रयोग जिसके विषय में यह प्रसिद्ध है कि जिस मनुष्य के मारने के लिये यह प्रयोग किया जाता है, वह मर जाता है । उ॰—(क) मारण मोहन वसिक- रण उच्चाटन पर थभ । पाकर्पण बहु भांति के पढ़ सदा करि दभ-रघुनाथदास (शन्द०)। 'स) सीसी सवै मिलि धातु कर्मनि द्रव्य वाढत जाइ। आकर्पणादि उचाट मारण वशीकरण उपाइ |--केशव (शब्द०)। मारतड-सशा पु० [स० मार्तण्ट ] दे० 'मार्तड'। उ०-मारतंड परचड महं फरकत जुग भुजदड। रघुनदन दसकध लखि टकोरयो कोदड ।-स० सप्तक, पृ० ३६७ । मारतडमडल-सशा पुं० [सं० मार्तण्रमण्डल ] दे० 'मार्तडमडल' । मारतडसुत-सज्ञा पुं० ० मार्तण्रसुत ] दे० 'मातंडसुत' । मारतौल-सचा पुं० [ पुर्त० मारेली ] एक प्रकार का वहा हथौडा । उ.-जब मैं परेग को मारतौल से मारता हूं।- वेलेन्टाइन (शब्द०)। मारन-मज्ञा पुं० [सं० मारण] १ मार डालना। उ० -- घाय मुवा लै मारन गई। समुझि ज्ञान हिये महं भई । —जायसी (शब्द॰) । २ टे० 'मरण' । उ०-सतगुरु शब्द सहाई । मारन मोहन उचाटन बसिकरन मनहिं माहिं पाछिताई।- कबीर श०, भा० २, पृ० २८ । मारना-क्रि० स० [सं० मारण ] वध करना। हनन करना । घात करना । प्राण लेना। उ०—(क) जिन वेधत मुख लक्ष लक्ष नृप कुंवर कुंवरमनि । तिन वानन वाराह वाघ मारत नहिं मिहनि । केशव (शब्द॰) । (ख ) सुप्रा सो राजा कर बिसरामी । मारि न जाय चहै जेहि स्वामी। -जायमी (भन्द०)। २ दड देने के लिये किसी को किमी वस्तु से पीटना या प्राघात पहुंचाना । जैसे, लात, थप्पड, मुक्का, लाठी, जूता, तलवार आदि मारना । उ०—(क) एक ठौर देखत भयो वृषभ एक एक गाय । भय वस भागे जात दोउ एक नर मारत जाय ।विश्राम (शब्द॰) । (ख) जो न मुदित मन आज्ञा देही । लाग्यो मारन तुरत तेही ।-विश्राम (शब्द०)। ३ जरब लगाना। ठोकना । उ०- जब मैं परेग को मारतौल से मारता हूं, तो यह परेग इम लकडी मे घुस जाती है ।-वेलेन्टाइन (शब्द०)। ४ दुख देना । मताना । जैसे,—मुझे तुम्हारी चिंता मार रही है। उ० - देखी राम दुखित महतारी। जनु सुवेलि अबली हिम मारी | - तुलसी (शब्द०)। ५ कुश्ती या मल्लयुद्ध मे विपक्षी को पछाड देना । जैसे,—इस पहलवान को मेरे पहलवान ने दो बार मारा है। ६ वद कर देना । जैसे, किवाडा मारना। ७ शस्त्र आदि चलाना । फेंकना । जैसे,—उसने कई तीर मारे । उ०-पारथ बाण चहूं दिशि मार । यूय यूथ छत्री सहार।- सवल सिंह (शब्द०)। मुहा०-गोली मारना = (१) किसी को बंदूक की गोली से मार देना । किसी पर वदूक चलाना या छोडना । (२) जाने देना । त्याग देना । ध्यान न देना। तुच्छ वा अनावश्यक समझना । जैसे,—मारो गोली इस बात में धरा ही क्या है। नदूक मारना= किसी पर बदूक की गोली छोडना । वदूक दागना । फैर करना । उ०-दुश्मनो ने भी हर तरफ से वहां आकर मुकाविले के वास्ते दीवारें और बुरजें वनाई जिनमे बदू को के मारने के वास्ते जगह रखी । -देवीप्रसाद (शब्द०) । ८ किसी शारीरिक आवेग या मनोविकार श्रादि को रोकना । ९ नष्ट कर देना । अत कर देना । न रहने देना । जैसे,—(क) पाले ने फमल मार दी। (स) तुमने उनका रोजगार मार दिया। (ग) उसने बार बार उपवास करके अपनी भूख मार ली है। (घ) भूख मारने से अरुचि, तद्रा, दाह और वल का नाश होता है । (ङ) उसने वहुतेरे घर मारे हैं । १० शिकार करना । अहेर करना । श्राखेट करना । जैसे, मछली मारना, हिरन मारना । ११ किसी वस्तु को इस प्रकार फेंकना कि वह किसी दूसरी वस्तु से जोर से टकरा जाय । उ०- उसने ढोंके को ऊंचा करके जोर से उस खभे पर मारा जिममे खभा हिल उठा। देवकीनदन (शब्द०)। मुहा०- दे मारना = (१) पटकना । (२) पछाडना । वह मारा = वस अव कार्य सिद्ध हो गया। विजय प्राप्त हुई। जो चाहते थे सो हो गया। उ०-यह आपकी मेहरवानी है, मैं किस काविल हूँ। (मन मे) वह मारा, अव कहाँ जाती है। आज का शिकार तो बहुत हो नफीम है।- राधाकृष्ण दास (शब्द॰) । १२ गुप्त रखना । छिपाना । दवाना। उ० - (क) रिस उर मारि रक जिमि राजा। विपिन वर्म तापम के साजा। तुलसी (शब्द॰) । (ख) खोज मारि रथ हाँकहु ताता। पान उपाय वनहिं नहि बाता ।—तुलसी (शब्द०)। १३ चलाना । मचा- लित करना। महा०-गाल मारना = मीटना। बढ बढकर बातें करना । उ०—(क) मूढ मृपा जनि मारेमि गाला । राम वैर होइहि अस हाला ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) काहू को सर सूघो न पर मारत गाल गली गली हाट । - हरिदास (शब्द॰) । (ग) मारत गाल कहा इतनो मन मोहन जू अपने मन ऊटे।- रघुनाथ (शब्द॰) । कुछ पढ़कर मारना = मय से फूंककर कोई चीज किमी पर फेंकना । जैसे, मूंग मारना साप पर मरसी मारना । जादू मारना = किमी पर जादू का प्रयोग करना । किसी पर मा या तत्र करना। डींग मारना= शेखी बघारना । वडी
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१३७
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