A vers. भरकर ३६२० . भरक'--संज्ञा पुं॰ [देश॰] दलदलो में रसोवाला एक प्रकार का 4241- ofiar 1.1.11 it: "77.1 7.301 30- पक्षी। सोही Rajtil 14.j11-याम विशेप-यह पंजाब और बगान मे पिता से पाया जाता है। (स.)। यह प्रायः चला रहता है, पर भी ना दो या तीन मा भरणीभ - ["] एक साथ दिखाई देते हैं। मान के लिये उस शिर भरणीय-[ Jai in niym पिया जाता है। पालनपोगने जाना। भरक-सजा पी० [अनु॰] दे॰ 'ना'।
- 1777-18! !-("") 8. '71-441 Na 21:11
भरकना-कि० प्र० [हि.jदे. भरना। ३. ए. २६ । भणी (४. . .it भरकम-पि० [हि. भारी] मोटाता। स्थुन । उ०-तुम मेरे गौर-रायगुर ग गध के बीच लिए गाया भारी भरकम यो जमार पेठ गार कुछ बोलो तो।-मिलन पु० १०६ ।
- 17771-i. ! ( ) !. lis 17817. clyf 1 it's
यो-भरी भरकम । भरण्यु-11 . [ ... ] १.५। २. 11: । भरका-सज्ञा पु. [ रा ] १. यह मान गिट्टिी काली और ३. सभा । ५. पान । ५. (11. गिा। चिकनी हो, परतु सूरा जान पर सफे: पोर गे हो भरत-... [-] १.itी सरप जाय । यह प्राय. जोती नही आती। २. दे. 'ना'। 97 ultik! 14461 fisik 3:11 ३. सहा रार। गहर। मापपापा। भर काना-क्रि० स० [हिं० भदक, गटक दे० 'भड़काना' । विशेष- माय ने मामा केही भरकी-सना सी० [३२] . भरा। दहारे दागतोया पा. गाभारा भरकूट-सज्ञा ० [४ि० ] गस्त। मापा। इनीने पासपीको मागम भरके-प्रव्य [हिं० भरका (= WE)] एस गरे त यो पातको डोने. दिने जिनमतको काम मामा पापर वाले कहार नाली भादि से वनकर चलने के लिये ही है। इसके लिये दोन पनो माना निवासी। रामपंटो पने नामावेप पोर भरखमा-० [सं० भर (= भा)+धमा ] भार नहने पानी। दामा से भरी हुई। सहनमोल । उ०-परवी बहा भरसमा, Jalsafio 31 7.1 fizinis :711-5 राम को भगोया या पोट नमणा जेही फेलि ।-डोला०, दु० ५६३ । गए गे। गम नी पार पान निमार भरचिंटी-शा मी ( रा. ] हिमार प्रात में होनेवाली एक प्रकार नही हुए, १६ मे ने माप माराम मोर फी घास जो वर्षा तु में पिता से होता है। पशुपो उसी पादुका को मिहामन परसर मान लिये यर बात पुष्टिकारक होती है। यह पोटी पौर की 2974 76 #116.15 VI ETT** WITH दो प्रकार की होती है। मोट पाए तो राज्य हो । दनको भरट-ससा पु० [१०] १. कुम्हार । २. सेवक नोकर। तदा मोर कर नाम दो पुर| TAओं को नाप भरटक-सा पु० [स०] सन्यानियो का एक संप्रदाय । गैर होने पदेश रावामनाय मुरिया भरण- पुं० [ ] १. पालन । पोपण | भरन । २. ज्योतिष पाऔर मे परास्त करके 33 रामपालो पुगो में में २७ नक्षों में से पुरारा नक्षा यमस्वत । यम भ । चोट दिलाया। गायरामा गए थे। भरणी नक्षत्र। ३. वेतन । तनस्याह । भृति । ४.किसी २. भागवत मनुनार बि पु नाम । वस्तु के बदले में जो बुध दिया जाना भरती। ५. 'जात' । ३. शतना गर्म से उत्पन्न दुप्पत से पुराना धारण । वहन करना (को०)। ६. पुष्टिदायर पन्न नाम जिस जन्मपि पावन पापा। आहार (को०)। विशेष-सन्म के समय 'हरिने न नाम ना रखा था भरण--वि० [सं०] १. भरण पोषण करनेवाला । २. वहन मोर इनको शीतला साप दुध पास दिया था। करनेवाला [को०)। २० 'दुप्यत'। बड़े होने पर ये बड़े प्रापी पौर सानोम भरणी-संशा रा [ स०] १. घोपक लता। कड़वी तरोई। पिया राना हुए। विश्राप की दोन पापो ये नका तरोई । २. सत्ताइस नामो दूसरा नक्षत्र । तीन तारों के विवाह हा पा। इन्होने मरे परमेध मोर राजगुप कारण इसकी माति त्रिकोण सी है। इसके मधिष्ठाता यश लिए पे। इस देश का 'भारत' नाम इन्ही के नाम पर देवता यम है। पमदैवत । यमभु। ३. एक पम्न जो भूमि पड़ा है। खोदने के लिये अच्छा माना जाता है। यो-मरवराट। भरतभूमि । २ या