५ पचवटी पजनेस. पदमावत 1 पदु०, पदुमा० पधाकर प्र. 1 पपाकर (शब्द॰) प०रा०, प० रासो परमानद परमेश (शम्द०) परिमल पचवटी, मैथिलीशरण गुप्त, साहित्य सदन, चिरगांय, झांसी, प्र० स० पजनेस प्रकाश, सपा० रामकृष्ण वर्मा, भारत प्र.सा. जीवन यत्रालय, काशी, प्र० स० प्रताप ग्रं पदमावत, स० वासुदेवशरण अग्रवाल, साहित्य सदन, चिरगांव, झांसी, प्र० स० पदुमावती, सपा० सूर्यकात शास्त्री, पजाब प्रताप (शब्द०) विश्वविद्यालय, लाहौर, १६३४ ई० प्रवघ० पद्माकर ग्रघावती, सपा० विश्वनाथप्रसाद मिश्र, ना० प्र० सभा, वाराणसी, भ० स० प्रभावती पघाफर भट्ट परमाल रासो, सपा० श्यामसुदरदास, ना०प्र० प्राण सभा, काशी, प्र० स० परमानदसागर प्रा०भा०प० परमेश फवि परिमल, 'निराला', गगा न थागार, लखनऊ, प्र० स० प्रिय पर्दे की रानी, इलाचद्र जोशी, भारती भडार, लीमर प्रेस, इलाहाबाद, प्र० स०, १६६६ वि० प्रिया० (शब्द०) पलटू सहब की यानी [ १-३ भाग ], बेलवे- प्रेम० डियर प्रेस, इलाहाबाद, १९०७ ई० पल्लव, सुमित्रानदन पत, इडियन प्रेस लि., प्रेम० और गोर्की प्रयाग, प्र० स० पाणिनिकालीन भारतवर्ष, वासुदेवशरण अग्र- प्रेमघन पाल, मोतीलाल बनारसीदास, प्र० स० पारिजातहरण प्रे० सा० (शब्द०) पार्वती, रामानद तिवारी शास्त्री, भारतीनवन, , प्रेमाजलि मगलभवन, नयापुरा, कोटा (राजस्थान), प्र. स०, १९५५ ६० फिसाना पाश्चात्य साहित्यालोचन के सिद्धात, लीलाधर गुप्त, हिंदुस्तानी एफेडमी, इलाहावाद, प्र० स०, पर्दै० पलटू. पल्लव पग्रवाल, अखिल भारतीय ग्रज साहित्यमटल, मयुरा, स०२०१०वि० प्रगतिशील (वादी) साहित्य । प्रतापनारायण मिश्र न थावली, सपा०विजय- शकर मल्ल, ना० प्र० सभा, वाराणसी, प्र० स० प्रतापनारायण मिश्र प्रबधपद्म, 'निराला', गंगा पुस्तकमाला, लखनऊ, प्र० स० प्रभावती, 'निराला,' सरस्वती भहार, लखनऊ, प्र० स० प्राणसगली, सपा० सत सपूरणसिंह, बेल- वेडियर प्रेस, इलाहावाद, प्र० स० प्राचीन भारतीय परपरा और इतिहास, डा० रागेय राघव, पात्माराम ऐंड संस, दिल्ली, प्र. स०, १०५३ ई० प्रियप्रवास, भयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध', हिंदी साहित्य कुटीर, वनारस, षष्ठ स० प्रियादास प्रेमपथिक, जयशफर प्रसाद, भारती भहार, लीडर प्रेस, प्रयाग, तृ० स. प्रेमचद और गोर्की, सपा० शचीरानी गुहूं, राजकमल प्रकाशन लि०, बंबई, १९५५ ई० प्रेमघन सर्वस्व, हिंदी साहित्य समेलन, प्रयाग, प्र० स०, १९९६ वि० प्रेमसागर प्रेमाजलि, ठा० गोपालशरण सिंह, इडियन प्रेस लि०, प्रयाग, १९५३ ई. फिसाना ए बाजाद [चार भाग], प० रतननाय 'सरणार,' नवलकिशोर प्रेस, लखनऊ, चतुर्थ सं० फूलो का कुर्ता, यशपाल, विप्लव कार्यालय, लखनऊ,प्र० स० चगाल का काल, हरिवंश राय बच्चन,' भारती भहार, इलाहावाद, प्र० स०, १६४६ ई० बदनवार, देवेंद्र सत्यार्थी, प्रगति प्रकाशन, दिल्ली, १९४६ ई. बदमाश वर्पण, तेगमली, भारतजीवन प्रेस, यनारस, प्र० स० सलवीर कवि बलभद्र कवि बाँकीदास प्रथावती [तीन भाग], सपा० राम- नारायण मूगड, ना०प्र० सभा, फासी, प्र०सं० चांगेदरा चापू, फवितास प्रह बिल्लेसुर बकरिहा, निराला, युगमदिर, उनाय, प्र.सं० पाणिनि० पारिजात पार्वती पा० सा०सि० फूलो १९५२ ६० पिंजरे० बगाल० वदन० पूर्ण (शब्द) पू. म० मा० बद० पु० रा० पिंजरे की उहान, यशपाल, विप्लव कार्यालय, लखनऊ, १९४६ ई० पूर्ण कवि पूर्वमध्यकालीन भारत, वासुदेव उपाध्याय भारती भहार, लीटर प्रेस, इलाहाबाद, प्र० स०, २००६ वि० पृथ्वीराज रासो [५ खड], सपा० मोहनलाल विष्णुलाल पड्या, श्यामसुदर दास, ना०प्र० सभा, फाशी, प्र० स० पृथ्वीराज रासो [ ४ खट ], स० फविराज मोहनसिंह, साहित्य सस्थान, राजस्थान विश्व विद्यापीठ, उदयपुर, प्र० स० पोद्दार अभिनंदन म०, संपा. वासुदेवशरण बलबीर (शब्द०) पलभद्र (शन्द०) बाँकी० ग्र, चौकीदास पं० वांगेदरा बापू विल्ले० पु. रा० (उ.) पोद्दार पमि०प्र.
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/८
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