5 प्रतिपद प्रतिपूजक का वडा ढोल । ७ पग्निप्रवेश (को०)। ८ प्रारभ के श्लोक। प्रतिपाप' सञ्चा पुं० [सं०] वह कठोर और पापरूप व्यवहार जो शुरू के छद (को०)। ६ अग्नि की जन्मतिथि । किसी पापी के साथ किया जाय । प्रतिपद-क्रि० वि० [ म०] पद पद पर । प्रत्येक पग पर [को०] । प्रतिपाप-वि० बुगई के बदले बुराई करनेवाला [को०] । प्रतिपदा-सशास्त्री० [ स०] किसी पक्ष की पहली तिथि । प्रतिपद् । प्रतिपार+-संशा पुं०म० प्रतिपाल ] दे० 'प्रतिपाल'। उ०- परिवा। ध्रुव जन प्रह्लाद रटत कुती के कुपर रटत । द्रुपदसुता रटत नाथ, नाथन प्रतिपार री।-नद० ग्र०, पृ० ३२३ । प्रतिपदी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ स०] प्रतिपदा [को०] । प्रतिपन्न-वि० [स०] १ अवगत । जाना हुआ ।२ अगीकृत । प्रतिपारना-क्रि० स० [ स० प्रतिपालन ] प्रतिपालन करना । स्वीकृत । अपनाया हुआ । ३ प्रचड । ४ प्रमाणित । साबित । पालना। निश्चित । स्थापित। निर्धारित । निरूपित । ५ भरा पूरा। प्रतिपाल--सञ्ज्ञा पुं० [स०] वह जो पालन फरे । पालन या रक्षण ६. शरणागत । ७ समानित । जिसकी प्रतिष्ठा की गई हो। करनेवाला । पोषक । रक्षक । उ०-जो नहिं करते, भावती प्राप्त । जो मिला हो। पराभवग्रस्त । पराभूत रूप, भूप प्रतिपाल ।-स० सप्तक, पृ० १८४ । (को०) । १० प्रारंभित । जो प्रारंभ किया गया हो (को०) । प्रतिपालक-सज्ञा पु० [स०] १. पालनकर्ता । पालन पोपण करने- ११. कृत । किया हुआ (को॰) । वाला । पोषक । रक्षक । उ०-बोले वचन नीति प्रतिपालक । प्रतिपन्नफ-सज्ञा पुं० [स०] बौद्ध शास्त्रो के अनुसार श्रोतापन्न, -मानस० ५०५०।२ राजा। नरेण । सकृदागामी, अनागामी और अहंत ये चार पद । प्रतिपालन-सज्ञा पुं० [स०] १ पालन करने की क्रिया या भाव। प्रतिपन्नत्व-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] प्रतिपन्न होने का भाव । पालन । २ रक्षा करने की क्रिया या भाव। रक्षण। उ०- प्रतिपर्ण शिफा-सञ्ज्ञा स्त्री० [ स० ] मूसाकानी। द्रवती। बहु बिधि प्रतिपालन प्रभु कीन्हो। परम कृपालु ज्ञान तोहिं दीन्हों।-तुलसी ग्र०, पृ० ५२४ । ३ निर्वाह । तामील । प्रतिपाण-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स०] जुए मे प्रतिपक्षी का रखा हुआ दाँव । वदले मे लगाई हुई बाजी। प्रतिपालना-क्रि० स० [स० प्रतिपालन ] ३ पालन पोषण करना । पालना । उ०-एहि प्रतिपाल सयु परिवारू।- प्रतिपात-सञ्चा पुं० [स०] कौटिल्य के अनुसार किसी क्षति की मानस, २२१००।२ रक्षा करना। वचाना। ३. निर्वाह पूर्ण पूर्ति । नुकसान का पूरा बदला या हरजाना । करना । तामील करना । उ०-प्रतिपालि पायसु कुशल देखन प्रतिपादक-वि०, सचा पु० [ स०] अच्छी तरह समझाने या कहने- पाय पुनि फिर पाइहौ।-मानस, २११५१ । वाला । प्रतिपादन करनेवाला। २ प्रतिपन्न करनेवाला। प्रतिपालनोय-वि० [भ] प्रतिपालन के योग्य । प्रतिपाल्य [को०] । ३. निर्वाह करनेवाला । ४ उत्पादक । उत्पन्न करनेवाला । ५. देनेवाला। प्रदायक (को०)। ६ पुरस्कृत करनेवाला । प्रसिपालित-वि० [सं०] १. पालन किया हुआ। २ रक्षित । उन्नायफ (को०)। ३ जिसका अभ्यास किया गया हो (को०) । ४ जिसका अनु- गमन या निर्वाह किया गया हो (को॰) । प्रतिपादन-सा पुं० [ स०] १ अच्छी तरह समझाना। भली- भाँति ज्ञान कराना । प्रतिपत्ति । २ निष्पादन । निरूपण । प्रतिपाल्य-वि० [स०] १ पालन करने योग्य । जिसका पालन किसी बात का प्रमाणपूर्वक कथन । ३ प्रमाण । सबूत । करना उचित या धर्म हो । २ रक्षा करने के योग्य । जिसकी ४ उत्पत्ति । ५. धान । ६. पुरस्कार । ७. दापस करना। रक्षा करना उचित हो। प्रत्यर्पण (को०)। ८. प्रारभण । उपक्रमण (को०)। प्रतिपित्सु-वि० [स०] किसी वस्तु को पाने के लिये इच्छुक (को०] प्रतिपादनमान-सहा पुं० [स०] कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार प्रतिपिष्ट-वि० [स०] १ चूरिणत । निष्पिापित । घर्पित । २ बहुत अधिक वेतन या जागीर प्रादि देकर प्रतिष्ठा बढाना । पीडित । निदलित । ३ परस्पर एक दूसरे द्वारा प्रहरित य प्राघातित (को०)। प्रतिपादयिता-वि०, मन्ना पुं० [सं० प्रतिपादयित ] १ प्रध्यापक । शिक्षक | २ देनेवाला। प्रदाता । ३ प्रतिपादक । निर्देशक । प्रसिपुरुष-सशा पुं० [स०] १. यह पुरुष जो किसी दूसरे पुरुष स्थान पर होकर काम करे। प्रतिनिधि । २ वह पुतला ज प्रदर्शक [को०] । प्राचीन काल में चोर लोग घुसने के पहले घर में फेका कर प्रतिपादित-वि० [स०] १ जिसका प्रतिपादन हो चुका हो । जो अच्छी तरह कह या समझा दिया गया हो। २ जिसका थे। (जब इस प्रतिपुरुप के फेंकने पर घर के लोग किस निश्चय हो चुका हो । निर्धारित । निरूपित । ३ जो दिया प्रकार का शोर नही करते थे, तब चोर घर में घुसते थे। गया हो । ४ उत्पादित । उद्भूत (को०)। ३ सहकारी । वह जो साथ में काम करे । प्रतिपाद्य–वि० [सं०] १. प्रतिपादन के योग्य । निरूपण करने प्रतिपुस्तक-समा स्त्री॰ [ स० ] किसी मूल प्रथ की प्रतिलिपि (को०] के योग्य । कहने के योग्य । समझाने के योग्य । २, देने के प्रतिपूजक-सज्ञा पु० [ स०] प्रतिपूजन करनेवाला। पभिवाद योग्य। करनेवाला।
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/४४४
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