पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/४३९

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प्रतिकारक ३१४८ प्रतिगर्हित प्रतिकारक-सचा पुं० [ म० ] प्रतिकार करनेवाला । बदला घुफाने- प्रतिक्रम-सज्ञा पुं० [सं०] प्रतिकूल कार्य। विपरीत प्राचार । विपरीत क्रम [को०] । वाला। प्रतिकारी-वि० [स० प्रतिकारिन् ] प्रतिकार करनेवाला । प्रतिरोध प्रतिक्राति-सज्ञा रसी० [ स० प्रति+क्रान्ति ] एक क्राति के विरोध- करनेवाला [को०] । स्वरूप होनेवाली दूसरी क्रांति । उ०-इस तरह बुशहर फी क्राति दवा दी गई और प्रतिक्राति का पल्ला भारी रहा।- प्रतिकार्य-वि० [सं० प्रतिकाय्यं ] जो प्रतिकार करने के योग्य हो । जिसका प्रतिकार किया जा सके। किन्नर०, पृ०२० । प्रतिक्रिया-सद्या स्त्री॰ [स०] १ प्रतिकार । बदला । २ एक पोर प्रतिकाश-सज्ञा पु० [सं०] १. प्रतिरूप । प्रतीकाश । २ सादृश्य । कोई क्रिया होने पर उसके परिणामस्वरूप दूसरी पोर तुल्यता [को०)। होनेवाली क्रिया। ३ सजावट । सस्कार । ४. शमन या प्रतिकितव-सचा पु० [सं०] जुपारी के मुकाबले में जूमा खेलनेवाला निवारण का उपाय । जुआरी । जुमारी का जोड। प्रतिक्रियावादी-सज्ञा पुं० [ मं० प्रतिक्रिया + वादिन ] किसी कार्य प्रतिकुचित-वि० [ स० प्रतिकुञ्चित ] टेढा । झुका हुआ (को॰] । के विरोध में कार्य करनेवाला व्यक्ति को । प्रतिकूप-सज्ञा पुं॰ [ स०] परिखा । खाई। प्रतिक्रुष्ट-वि० [सं० ] दीन । दया करने योग्य [को॰] । प्रतिकूल'-पि. [ स०] १ जो अनुकूल न हो। खिलाफ । उलटा । प्रतिक्रर-वि० [सं०] प्रतिकार में क्रूर । पत्यत निर्दय (पो०] । विरुद्ध । विपरीत । २ कष्टकर। अरुचिकर (को०)। ३ प्रतिक्रोध-सशा पुं० [ मं०] वह क्रोध जो किसी के क्रोध करने पर हठी । दुराग्रही (को०)। उत्पन्न हो [को०] । यौ० प्रतिकूलकारी, प्रतिकूलकृत, प्रतिकूलचारी= विरुद्ध प्राच- रण या काम करनेवाला। प्रतिकूलदर्शन = जिसका दर्शन प्रतिक्षण-क्रि० वि० [ स०] हर दम । हर दाण । निरतर । अप्रिय वा अशुभ हो। प्रतिकूलप्रवर्ती । प्रतिकूलवाद। प्रति- प्रतिक्षय-सञ्ज्ञा पुं॰ [स० ] रक्षक । रक्षा करनेवाला । फूलवृत्ति = विरोधी। प्रतिक्षिप्त'-वि० [सं०] १. रोका हुषा। २. फेंका हुप्रा। ३ भेजा हुमा। ४. निदित । ५ अपवादग्रस्त (को०)। ६. बुला- प्रतिकूल-सज्ञा पुं० १ वह जो विरोघ या प्रतिकुलता करे । प्रतिपक्षी। विरोधी । २ विरोध । प्रतिरोध (को॰) । कर वापस किया हुप्रा (को०)। ७ स्पर्धा के कारण किसी फे द्वारा तिरस्कृत (को०)। ८ जिसे क्षति या चोट पहुंचाई प्रतिकूलता-सज्ञा स्त्री॰ [ मै० ] प्रतिकूल प्राचरण। प्रतिकूल होने गई हो (को०)। का भाव या क्रिया। विरोघ । विपरीतता । प्रतिक्षिप्त-सञ्ज्ञा पु० पोषधि । दवा [को०] । प्रतिकूलत्व-मज्ञा पुं॰ [सं० ] दे० 'प्रतिकूलता' । प्रतिक्षुत-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] छींक । छिक्का [को०] । प्रतिकूलप्रवर्ती-वि० [सं० प्रतिकूलप्रवर्तिन् ] १ (पोत) जो गलत प्रतिक्षेप-सज्ञा पु० [सं०] १ फेकना । २ रोकना । ३. तिरस्कार । मार्ग पर हो । २ (जीम) जो अनुचित बोले [को०] । ४ होस । स्पर्धा (को०)। प्रतिकूलवाद-सज्ञा पुं० [ सं०] विरोध । खडन । २ शत्रुता [को०] । प्रतिक्षेपण-तचा पुं० [सं०] दे० 'प्रतिक्षेप' [को॰] । प्रतिकूला-सशा स्त्री॰ [सं०] सौत । सपत्नी। प्रतिखुर-सग पुं० [सं०] वह मूढ़ गर्भ जिसमें बालक हाथ पैर प्रतिकूलिक-वि० [सं०] शत्रु । विरोधी [को०] । वाहर निकालकर अपने धड़ और सिर से योनि मार्ग को प्रतिकृत-वि० [स०] १. जिसका बदला हो चुका हो। जिसके रोक दे। जवाव या बदले में कोई बात की जा चुकी हो । २ जिसका प्रतिस्यात-वि० [ स०] बहुत प्रसिद्ध । उपाय किया जा चुका हो। जिसके विरुद्ध प्रयल किया जा प्रतिख्याति-सञ्ज्ञा सी० [सं०] बहुत अधिक प्रसिद्धि । प्रतिगत'—सज्ञा पुं० [ म०] १ वापस होना । लौटना । २ पक्षियो प्रतिकृत -सज्ञा पु० १ विरोध । २ हरजाना । क्षतिपूर्ति [को०] । की एक प्रकार की गति । पक्षियो का प्रागे पीछे इधर उधर प्रतिकृति-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] १ प्रतिमा। प्रतिमूर्ति । २. तसवीर । चित्र। ३ प्रतिबिंब । छाया। ४. बदला। प्रतीकार। प्रतिगतर—वि० १ लौटा हुमा । जो वापस पाया हो । २ भुला ५ पूजा। हुमा । विस्तृत (को०)। ३ इधर उधर या आगे पीछे की ओर प्रतिकृत्य-सहा पुं० [ स०] जो प्रतिकार करने के योग्य हो । उडता हुमा (को०)। प्रतिकृष्ट-सञ्ज्ञा पु० [सं०] १ वह जो बहुत ही निदित या बुरा प्रतिगमन-सज्ञा पुं० [ स० ] वापस जाना । लौटना [को०] । हो। निकृष्ट । २ दो बार का जोता हुमा खेत । प्रतिगर्जना-सद्या स्त्री० [सं०] किसी गर्जन या हुकार के उत्तर में प्रतिकोप-सज्ञा पुं॰ [ स०] किसी विरोध के प्रति क्रोध का गरजना (को० । होना [को०] । प्रतिगर्हित-वि० [सं०] निदित । अपवादयुक्त (को०] । चुका हो। उडना।