पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/३०९

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पीछे dopt पीछे । या दौडाना। किमी का पीछा करने के लिये किसी को भेजना। ( बन ) पोछे दालना = खर्च से बचाकर भविष्यत् की आवश्यकता के लिये कुछ रखना । आगे के लिये बटोरना । संचय करना । जैसे,—प्रत्येक मनुप्य को चाहिए कि अपनी कमाई में से कुछ न कुछ पीछे डालता जाय । (किसी को ) पीछे डालना = पीछे छोडना । पीछे दौड ना। जैसे,—उसने चोरो के पीछे सवार हाले। ( किसी के ) पीछे दौडाना = (१) गए या जाते हुए आदमी को फेर लाने के लिये किसी को रवाना करना। किसी को लौटा लाने के लिये किसी को दौडाना या भेजना । (२) भागे या भागते हुए को पक्ह लाने के लिये किसी को भेजना । भागे या भागते हुए का पोछा करने के लिये किसी को रवाना करना । पोछे पछताना उसी चने को खाना = (१) इच्छापूर्वक त्यागी हुई वस्तु को त्यागने की गलती समझकर फिर ग्रहण करना । (२) किसी कार्य को न करने का निश्चय करके फिर करना । उ०-इसका निरादर कर वे पीछे पछताएंगे और उसी चने को खाएंगे। -प्रेमघन०, भा०२, पृ० ४०५ । (किसी काम के ) पीछे पढ़ना = किसी काम को कर डालने पर तुल जाना । किसी कार्य के लिये अविराम उद्योग करना । किसी कार्य की सिद्धि के लिये प्राग्रहयुक्त होना । बार बार विफल होने पर भी किसी काम के लिये उत्साह के साथ प्रयत्न करते रहना । ( किसी व्यक्ति के ) पीछे पहना%3D (१) कोई काम करने के लिये किसी से बार बार कहना । किसी से कोई प्रार्थना करते हुए प्राग्रहयुक्त होना । किसी के पीछे लगकर उससे कोई अनुरोध करना। घेरना । जान खाना । तग करना । (२) किसी के समय मे कोई ऐसा कार्य वार बार अाग्रहपूवक करना जिससे उसे कष्ट पहुंचे या उसका अपकार हो । मौका या सघि ढूढ़ ढूंढकर किसी की बुराई करते रहना। किसी को हानि पहुंचाने के लिये प्राग्रह- युक्त होना। जैसे,-वरसो से यह दुष्ट न जाने क्यो मेरे पीछे पड़ रहा है। पीछे लगना = (१) किसी भाशा या प्रयोजन से किसी के पीछे पीछे चला करना । साथ हो लेना। साथ साथ चलना । पोचे पीछे घूमना । पीछा करना । जैसे,- तुम तो कितने दिनो से उनके पीछे लगे हो पर अभी तक हाथ कुछ न पाया । (२) अनिष्ट या अप्रिय वस्तु का सबघ हो जाना । दुःखजनक वस्तु का साथ हो जाना । रोग कष्टादि फा देर तक बना रहना । जैसे,-रोग पीछे लगना, मुसीवत पीछे लगना आदि । ( अपने ) पीछे लगाना (१) प्राथय देना। साथ कर लेना । (२) रोग दु ख मादि की प्राप्ति और स्थिति में स्वत कारण होना। अनिष्ट वस्तु से सवध कर लेना । पालना । जैसे,-मुसोवत पीछे लगाना, झझट पीछे लगाना आदि। ( किसी और के ) पीछे लगाना = (१) साथ लगा देना । अनिष्ट या अप्रिय वस्तु से सबंध करा देना । मढ़ देना। जैसे,—तुमने यह मच्छी मुसीबत हमारे पीछे लगा दी। (२) भेद लेने या निगाह रखने के लिये किसी को किसी के साथ कर देना। किसी आदमी को किसी का पीछा करने के लिये नियुक्त करना या भेजना । कार्रवाइयाँ देखते रहने के लिये विसी यादमी को उसके साथ कर देना । किसी के साथ रहने के लिये नियुक्त करना। विशेष-धीरे' आदि कितने ही अन्य अव्ययों के समान 'पीछे भी प्राय मावृत्ति के साथ आता है, जैसे, पीछे पीछे माना, पीछे पीछे चलना, पीछे पीछे घुमना, प्रादि । इस रूप में अर्थात् प्रावृत्तिपूर्वक यह जिस क्रिया का विशेषण होता है उसका लगातार अधिक समय तक होना सूचित होता है। २ पीछे की ओर कुछ दूर पर। पीठ की पथवा पाने की विरुद्ध दिशा में । कुछ दूर पर । जैसे, ( क) उनके मकान को तुम बहुत पीछे छोड पाए । (ख) वह गांव बहुत पीछे छूट गया। मुहा०-पीछे छटना, पढ़ना या होना = (१) किसी विषय मे किसी से कम होना । गुण योग्यता प्रादि की तुलना में किसी से न्यून रह जाना । किसी विषय में किसी व्यक्ति की अपेक्षा घटकर होना। पिछडा होना । जैसे,—और विषयो की तो मैं नहीं कह सकता पर रचनाभ्यास मे तुम उससे वहुत पीछे छूट गए हो। (२) किसी विषय में किसी ऐसे मादमी से घट जाना जिससे किसी समय वगवरी रही हो। पिछड़ जाना । जैसे-वीमारी के कारण वह अपने सहपाठियो से बहुत पीछे छूट गया। (प्राय इस प्रर्थ मे यह क्रिया 'जाना' से सयुक्त होकर पाती है)। (किसी को, पीछे छोड़ना = किसी विषय में किसी से बढ कर या अधिक होना। किसी विषय में किसी की अपेक्षा अधिक सामर्थ्य- वान होना या योग्यता रखना। जैसे,—इस विषय में वह हजारो को पीछे छोड गया। (२) किसी विषय में किसी से बढ़ जाना। किसी से भागे निकल जाना। किसी विषय मे किसी विशेष व्यक्ति की मपेक्षा अधिक योग्य या सामर्य- वान् हो जाना। ३ देश या कालक्रम मे किसी के पश्चात् या उपरात। स्थिति या घटना के विचार से किसी के अनतर कुछ दूर या कुछ देर बाद । किसी वस्तु या व्यापार के पश्चाद्वर्ती स्थान या काल में । पश्चात् । उपरात । अनतर । जैसे,—(क) पचास हाथ लंबी पात में सब लोग एक दूसरे के पीछे खडे थे। (ख) तुम्हारे काशी पाने के कितना पीछे यह घटना हुई । ४ प्रत में। भाखिर में। (क्व०)। जैसे,- पहले तो वे बहुत दिनो तक पहते रहे पीछे बीमार पडने के कारण उनका पढ़ना लिखना छूट गया । ५ किसी की अनुपस्थिति या प्रभाव मे। किसी की पविद्यमानता मे। पीठ पीछे। जैसे,-किसी के पीछे उसको बुराई करना अच्छा काम नहीं। ६ मर जाने पर । इस लोक मे न रह जाने की दशा में । मरणोपरात । जैसे,—(क) भादमी के पीछे उसका नाम ही रह जाता है । (ख) वे पपने पीछे चार बच्चे, एक विधवा पौर प्राय पचास हजार का ऋण छोड़ गए। ७. लिये । वास्ते । कारण । अर्थ । खातिर ।