पहल पहरा २६.७ यो०- पहरा । चीकी। साधो ऐगा पहरा पायेगा। नभांगी गोईन पूरे गाली मुहा०-पहरा बदलना = (१) नए रक्षय या रक्षको का न्योत जिमायेगा ।वीर (मद०)। नियुक्ति पारना। नया नियुक्त कर पुराने गो छुट्टी देना। पहरा- पुं० [हिं० पाव+रा, पारा ] और गने मा फल । रक्षक बदलना । (२) नए रक्षको का नियुक्त होना । रक्षा या जाने वा शुभ या अशुभ प्रभार। पौर । जैसे,—यह का नया प्रवध होना। रक्षक बदलना । पहरा घेटना=किसी Tा पहा अच्छा नहीं है, जब से पाई है ए 7 एक पारा वस्तु या व्यक्ति के पास पास रक्षक बैठाया जाना । पौकीदार लगी रहती है । (स्त्रिया)। नियुक्त होना। पहरा दैटाना = चौकीदार बैठाना। रक्षक मुहा०-यदा पहरा = ऐसा पहरा जिनमे प्रारम frया तुपा नियुक्त करना। गार्ग शोघ्र पूरा हो दाग। बुरा पहरा - ऐना पहरा जिसमे २ मिमी व्यक्ति या वस्तु के सबध में यह देखते ररने की क्रिया भारभ मिया हुमा कार्य जल्दी मगा न हो। भारी परग% कि वह निदिष्ट स्थान से हट न सके। निर्दिष्ट स्थान मे बुरा पहरा । एलका पहरा% अच्छा पग। किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति की रक्षा करने का कार्य । रस- पहराइता- पुं० [हिं० पहरान मत (प्रत्य०) ] परैत । पहरे- वाली । हिफाजत । निगहबानी । दार। रखवाली करनेवाला। उ०-पद्दराहत पर जो मुमै यौ०-पहरा चौकी। साह न जाने कोइ । घोर पाइ रक्षा गारे सुदा तव गुरा महा०-- पहरा देना = रखवाली करना। निगहबानी करना । होइ । —मुदर ग्र०, भा० २, पृ०७५६ । चौकी देना। पारा पहना = रक्षक बैठा रहना। सतरी या पहराना-कि० स० [हिं० पहनना ] - 'पहनाना' । चौकीदार का किसी स्थान पर खडा रहना। रक्षा का पहरामणी - सी० [हिं० पटरावना] ३० 'पहावनी' । उ०- प्रवध रहना । जैसे,—उनके दरवाजे पर पाठ पहर पहरा तो तट दी लारो तन पहामणी पुर्गण। -योकी ग्र०, पडता है। भा०१, पृ०८० ३ उतना समय जितने में एक रक्षक अथवा रक्षक दल को रक्षा- पहरावनी-तसा पी० [हिं० पहावना ] यह पहनावा या पोणात कार्य करना पटता है। एक पहरेदार या पहरेदारो के एक जो कोई व्यक्ति पिसी पर प्रगन्न होकर उसे दान करे । दल का कार्यकाल । तैनाती। नियुक्ति । जैसे,—अपने पहरे यह पोशाक जो कोई वटा योटे को दे। सिलपत्र । ७०- भर जाग लो फिर जो पाएगा वह चाहे जैसा करे । पठावनी पहरावनी, बाहान भोजन सब भली भांति तो दियो । विशेष-एक व्यक्ति प्रथया एक रक्षकदल की नियुक्ति पहले एक -दो मौ बावन०, भा०१, पृ० १२ । पहर के लिये होती थी। उसके बाद दूसरे व्यक्ति या दल फी नियुक्ति होती थी पौर पहले यो छुट्टी मिलती थी। उप- पहरावा-राज पुं० [हिं० पहनना ] - 'पहनावा' । र्युक्त प्रवघ, फार्य धौर कार्यकाल की, 'पहरा' सरा होने का पहरी-सा पुं० [सं० प्रहरी] , पहरेदार १ गोनीदार । रक्षक । यही पारण जान पड़ता है। पहरा देनेवाला। २ एक जाति जिसपा पाम पहरा देना होता था। ४ वे रक्षक या चौकीदार जो एक समय में काम कर रहे हों। एक साथ याम मारते हुए पौकीदार । रक्षकदन। गारद । विशेप-प्राजयल इस जाति पे लोग यिविध पाय पोर ( १० ) । जैसे,—(क) पहरा सड़ा है। (ख) पहरा कामपधे में लगे है। परतु प्राचीन समय में इस जाति पर पा रहा है। ५ पौगीदार का गएत या फेरा। रात मे लोग विशेषत पहरा पेनेला ही गाम करते थे। गांव में निश्चित समय पर रक्षक का चमार या भमरण । रहनेवाले पहरी पतमा पधिपतर पोकीदार ही होते है। ये लोग सूपर भी पालते हैं। प्राय गतुपर्ण के लिए नया क्रि० प्र०-पटना। सशंनिया हुपा पत नहीं पीते । ६. पौकीदार की आवाज । फेरे मे चौगीदार या सोतो पो साव- ६० 'पर'। १०-पल नरि पान करने के लिये कोई वाक्य चार बार उच्च स्तर में पहरुमा-परा पुं॰ [हिं० पारा सेत पहरमा गत विधि साध्य हो।---पम०, ०६४ ॥ फहना। वैसे,-पाज पया बात है जो प्रयतम पहरा सुनाई न दिया ? ७ पहरे मे रहने की स्पिति । पिसी मनुष्य की पहरू-गरा ० [हिं० पहरा +5 (प्रस०) काग देनेवाला। ऐसी स्पिति जिसमें उसके इर्द गिर्द रक्षक या सिपाही तैनात चौतीसर। य । पार्स। 130-भी पुर हो। हिरासत । हवालात । नजरबदी। घोर पंपि, पद पर है | - नी० ० मुदा.- पहरे में देना = हिरासत मे देना। रवालात भेना। पृ०७॥ नजरबद पराना। पहरे में रमना-हिरासत में रराना । पहरेदार-fe पदग] पारापान गठन। हवालात में रसना। नजरयर सना। परेम हो पहरेदारी- [१० पहरेदार ] पान हिरासत में होना। नरयर होना। पालात में रोगा। चोरीमा अंस.---पाज पार रोज से दे सरायर परे में। परल'-..[कार पर। पापा CI समय । गुग । जमाना। 50-मएँ म योर स्नो माई से सीन या पिनो पारीमदर
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/१९८
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