पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१७५

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हाजिर ५४६७ हाटकगिरि हाजिर--वि० [अ० हाजिर] १ समुख उपस्थित । सामने आया ३ न्यायालय मे सम्मन अथवा वारट के द्वारा प्रतिपक्षी और हुआ। मौजूद । विद्यमान। जैसे,--(क) तुम उस दिन गवाहो की उपस्थिति (को॰) । हाजिर नही थे । (ख) जो कुछ मेरे पास है, हाजिर हे । २ मुहा०-हाजिरी बजाना = किसी अधिकारी अथवा बडे अादमी के कोई काम करने के लिये सनद्ध । प्रस्तुत । तैयार । जैसे,- यहाँ बराबर उपस्थित होना। दरवारगीरी करना। हाजिरी मेरे लिये जो हुक्म होगा, मैं हाजिर हूँ। देना = (१) उपस्थिति सूचित करना। (२) दे० 'हाजिरी बजाना' । हाजिरी लेना= विद्यार्थियो अथवा मजदूरो आदि का क्रि० प्र०—करना ।—होना । नाम पुकारकर उनकी उपस्थिति मालूम करना या लिखना। मुहा०-हाजिर अाना = हाजिर होना । हाजिर मे हुज्जत न होना = जो मौजूद हो, उसको प्रस्तुत या ग्रहण करने मे किसी हाजिरीन- सशा पुं० [अ० हाजिरीन ] हाजिर शब्द का बहुवचन । उपस्थित लोग। प्रकार की हीलाहवाली न होना। ३ परदेशी। शरणार्थी (को०) । ४ जो ऊंचा हो । उच्च (भूमि)। हाजी'-सज्ञा पु० [उर्दू । अ० शब्द 'हाज' है] १ हज करनेवाला । तीर्थाटन के लिये मक्के मदीने जानेवाला । २ वह जो हज कर ५ मना करनेवाला (को०)। आया हो। (मुसल०)। यौo--हाजिरजामिन = अपराधी को न्यायालय मे उपस्थित करने हाजी-वि० [अ०] १ निंदा या बुराई करनेवाला। निंदक । २ की जिम्मेदारी लेनेवाला । हाजिर जामिनी = अपराधी को हिज्जे या अक्षरो के प्रमविन्यास को साफ साफ बोलने- न्यायालय में उपस्थित करने की जमानत । हाजिर दिमाग = वाला किो०] । (१) किसी बात की तह पहुँचकर ठीक राय देनेवाला। (२) तुरत उचित उत्तर देनेवाला। प्रत्युत्पत्रमति। हाजिरजवाव । हाजुर-~वि० [अ० हाजिर] दे० 'हाजिर' । उ०-हाजुर मीर हमाम मीर गिरदान सामि नमि |--पृ० रा०, ६१।१६६४ । हाजिरनाजिर, हाजिरोनाजिर = (१) ईश्वर । परमात्मा । (२) किसी स्थान पर उपस्थित और देखनेवाला। उपस्थित हाट --सज्ञा स्त्री० [स० हट्ट) १. वह स्थान जहां कोई व्यवसायी बेचने के लिये चीजे रख कर बैठता है । दूकान । २ वह स्थान और द्रष्टा। जहां विक्री वी मव प्रकार की वस्तुएँ रहती हो। बाजार । हाजिरजवाव-वि० [अ० हाजिर जवाब] उत्तर देने मे निपुण । जोड उ०-प्रेम बिकता मैं सुना, माथा साटे हाट। बूमत विलंब न की तोड बात कहने मे चतुर । वान का चटपट अच्छा जवाब देने कीजिए ततछिन दीजै काट । --सतवारणी०, पृ० १६ । मे होशियार । उपस्थितबुद्धि । प्रत्युत्पन्नमति । जैसे,-बीरबल वडे हाजिरजवाब थे। यौ०-हाटवाट = पण्यवीथिका । वाजार । उ०—(क) शतसख्य हाटबाट भमते । --कीर्ति०, पृ० २८ । (ख) हाट बाट नहि जाइ हाजिरजवाबी-सज्ञा स्त्री० [अ० हाजिरजबाबी या अ० हाजिरजवाब निहारी।--मानस, २।१५६ । हाट बाजार%3D दे० 'हाटबाट ।' +हिं० ई (प्रत्य॰)] चटपट उत्तर देने की निपुणता । उपस्थित बुद्धि । प्रत्युत्पन्नमतित्व। जैसे,-वीरवल की हाजिरजवाबी से मुहा०-हाट करना (१) दूकान रखकर बैठना। (२) सौदा लेने के लिये बाजार जाना । हाट खोलना = (१) दूकान रखना। अकबर बहुत खुश रहता था। हाजिरवाश-वि० [अ० हाजिर + फा० बाश] १ सामने मौजूद रहने- रोजगार करना । (२) दूकान पर पाकर विक्री की चीजें निकाल- कर रखना । हाट बाजार करना=सौदा लेने वाजार जाना । वाला। बराबर सेवा मे रहनेवाला । २ लोगो के पास जाकर जैसे,—वह स्त्री हाट बाजार करती है । हाट लगना = दूकान वरावर मिलने जुलनेवाला। या वाजार मे विक्री की चीजें रखी जाना । हाट चढना=बाजार हाजिरवाशी-सज्ञा स्त्री० [अ० हाजिर+ फा० वाशी] १ सेवा मे मे विकने के लिये पाना। उ०--पडित होइ सो हाट न चढा।- निरतर उपस्थिति । २ लोगो से जाकर मिलना जुलना । जायसी (शब्द०)। हाट जाना- कुछ खरीदने या बेचने के खुशामद। उद्देश्य से बाजार जाना। हाट भरना बाजार मे खरीद हाजिराई-सञ्ज्ञा पुं० [अ० हाजिर हिं० + आई (प्रत्य०) ] १ भूतप्रेत और विक्री करनेवालो की भीड इकट्ठी होना । बुलाने या दूर करनेवाला । ओझा। सयाना। २ जादूगर । ३. बाजार लगने का दिन । ऐंद्र जालिक । मायिक। हाट-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १ मैनफल वृक्ष और उसका फल। विरोप-दे० हाजिरात-सज्ञा ली० [अ० हाजिरात] वदना या पूजा आदि के द्वारा 'मैनफल'।२ कमल की जड । भसीड । ३ कमल का छत्ता (को०] । किसी के ऊपर कोई प्रात्मा, भूत प्रेत, जिन आदि वुलाना जिससे हाटक'---सच्चा पुं० [सं०] १ महाभारत मे वर्णित एक देश का नाम । वह झूमने और अनेक प्रकार की बातें कहने तथा प्रश्नो के २ सोना। स्वर्ण । उ०-फाटक दे कर हाटक मांगत भोरी उत्तर देने लगता है। निपट विचारी ।-सूर (शब्द॰) । ३. भाडा । किराया । हाजिराती-सञ्ज्ञा पुं० [अ० हाजिराती] हाजिरात करनेवाला प्रोझा । जैसे,--नौका हाटक । ४ धतूर (को॰) । सयाना [को०] । हाटक-वि० [सं०] [ जी हाटकी ] १ सुनहरा । स्वण के वर्ण का हाजिरी-सशा स्रो० [अ० हाजिरी] १ उपस्थिति । विद्यमानता। स्वणिम । २ स्वरणनिर्मित । सोने का बना हुआ (को०] । मौजूदगी । वर्तमानता । २. विद्यार्थियो या मजदूरो की गणना। हाटकगिरि- सचा पुं० [स०] सुमेरु पर्वत (को॰] । "