पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१७२

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हाँ ५४८४ होता hoca - ३ कोई बात स्वीकार न करने पर भी दूसरे रूप मे स्वीकार पहुँचाना । हवा करना । जैसे,-मुझे मत हांको, उन लोगो सूचित करनेवाला शब्द । वह शब्द जिसके द्वारा किसी बात का को हाँको। दूसरे रूप मे, या अशत माना जाना प्रकट किया जाता है । यह हाँका' -सज्ञा पुं० [हि० हाँकना ] शेर आदि दरिदे जानवरो के वात तो नही है या ऐसा तो मैं नही कर सकता पर इतना हो शिकार करने का एक ढग । विशेष दे० 'हंकवा' । सकता है, या इतनी बात मानी जा सकती है । जैसे,—(क) हाँका २..-सज्ञा पु० [ हि० हाँक ] दे० 'हाँक' । तुम्हें हम अपने साथ तो न ले चलेंगे, हाँ, पीछे से पा सकते हो। हाँकारी--वि० [हि. हा + कारी ] किसी बात पर हां कहनेवाला । (ख) हमारे सामने तो वह कुछ नही कहता, हाँ औरो से कहता किसी विचार पर स्वीकृति व्यक्त करनेवाला । हो तो नही जानते । ४ मना करना, वारण करना, बरजना हाँगर-सञ्ज्ञा पुं० [ स० हागर ] एक प्रकार की वडी मछली । आदि अर्थों में प्रयुक्त शब्द । हाँगा--भज्ञा ॰ [ स० प्राङ्ग] १ शरीर का वल । व्रता । ताकत । हाँg- अध्य० स० इह] इहां। दे० 'यहाँ । मुहा०—हाँगा छूटना = बल काम न करना । साहस छूटना। हाँक -सज्ञा स्त्री॰ [सं० हुड्कार] १ क्सिी को बुलाने के लिये जोर से हिम्मत न रहना। निकाला हुआ शब्द । जोर की पुकार । उच्च स्वर से किया हुआ २ जबरदस्ती । अत्याचार । धीगा धीगी । जैसे,—पुलिसवाले सवोधन । सबके साथ हाँगा करते हैं। यौ०-हाँक पुकार। मुहा०–हाँक देना या हाँक लगाना = जोर से पुकारना। हाँक हाँगी-सज्ञा स्त्री॰ [हिं० हाँ ] हामी । स्वीकृति । मारना = दे० 'हाँक देना' या 'हाँक लगाना' । हांक पुकारकर मुहा०-हांगी भरना = हामी भरना । स्वीकार करना। मानना या अगीकार करना। उ०-छारि डारी पुलक, प्रसेद निवारि कहना = डके की चोट कहना। सबके सामने निर्भय और निस्स- कोच कहना। सबको सुनाकर कहना। डारी, नेक रसना हू ते भरी न कछु हाँगी री । एते पै रह्यो न प्रान मोहन लटू पै भटू, टूक टूक ह के जो छटूक भई २ लडाई मे धावा या आक्रमण करते समय गर्वसूचक चिल्लाहट । प्रांगरी।--पद्माकर (शब्द॰) । डाँट । दपट । ललकार । हुकार । गर्जन । उ०-रजनिचर घरनि घर गर्भ अर्भक स्रवत सुनत हनुमान की हांक बांकी । तुलसी हांडना'- क्रि० प्र० [सं० हिण्डन ] व्यर्थ इधर उधर फिरना । आवारा घूमना । (शब्द०) । ३ वढावे का शब्द । उत्साह दिलाने का शब्द । बढावा । उ०--तुलसी उत हांक दसानन देत, अचेत में वीर को हांडना'-वि० [वि० सी० हांडनी] हाँडनेवाला । व्यर्थ इधर उधर घूमने- धीर धरै ।—तुलसी (शब्द॰) । ४ सहायता के लिये की हुई हाँडी-सज्ञा पु० [सं० भाण्ड, हिं० हडा वाला । आवारा फिरनेवाला । जैसे,-हाँडनी नारि । पुकार । दुहाई । उ०- वसत श्री सहित बैकुठ के वीच गजराज 'हडिका' प्राकृत से लिया की हाँक पै दौरि आए । —सूर (शब्द०)। प्रतीत होता है ) ] १ मिट्टी का मझोला बरतन जो बटलोई के आकार का हो । हंडिया । हाँकना-क्रि० स० [हि० हांक+ना (प्रत्य॰)] १ जोर से पुकारना । मुहा०-हांडी उबलना = (१) हांडी मे पकाई जानेवाली चीज चिल्लाकर बुलाना । २ ललकारना। लडाई मे धावे के का गरम होकर ऊपर आना। (२) खुशी से फूलना । समय गर्व से चिल्लाना। हुकार करना। उ०-भूमि परे भट इतराना । हाँडी चढना या चढाना = कोई चीज पकाने के लिये घूमि कराहत, हाँकि हने हनुमान हठीले । —तुलसी (शब्द॰) । हाँडी का आग पर रखा जाना। उ०-जैसे हांडी काठ की ३ बढ बढकर बोलना। लवी चौडी बातें कहना। सीटना। चढे न दूजी वार--(शब्द०) । हाँडी पकना = (१) हांडी मे जैसे-(क) हमारे सामने वह इतना नही हाँकता। (ख) पकाई जानेवाली चीज का पकना । (२) वकवाद होना । मुंह शेखी हाँफना। डीग हांकना। (ग) वह दूकानदार बहुत दाम से बहुत बातें निकलना। (३) भीतर ही भीतर कोई युक्ति हांकता है। ४ मुंह से वोलकर या चाबुक मादि मारकर खडी होना । कोई षट्चक्र रचा जाना । कोई मामला तैयार जानवरो (घोडे, बैल आदि) को आगे बढाना। जानवरो को किया जाना । जैसे,-भीतर ही भीतर खूब हाँडी पक रही है। चलाना। जैसे,—वैल हांकना। उ०-हाँकि हांकि दलनि किसी के नाम पर हांडी फोडना=किसी के चले जाने पर दनाइ दहपट्टी हते, वाजी श्री वितु ड झु ड झूमत खरे जे हैं। प्रसन्न होना। वावली हांडी = वह भोजन जिसमे बहुत सी हम्मीर०, पृ० ५७ । ५ खीचनेवाले जानवर को चलाकर चीजें एक मे मिल गई हो। गाडी, रथ आदि चलाना। गाडी चलाना। उ०-खोज मारि २ इसी प्रकार का शीशे का पान जो सजावट के लिये कमरे रथ हाँकहु ताता । —तुलसी (शब्द॰) । २ मारकर या मे टांगा जाता है और जिसमे मोमबत्ती जलाई जाती है । वोलकर चौपायो को भगाना । चौपायो को किसी स्थान से हाँण-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ सं० हानि ] दे० 'हानि' । उ०--सुख दुख हटाना । जैसे,-खेत मे गाएँ खडी है, हांक दो। मिन उदाससूं ह्र मिस सज्जण हाण ।-रघु० रू०, पृ० ६ । सयो०क्रि०-देना। हाँता-वि० [स० हात = छोडा हुअा )] [वि० सी० होती] ७ पखा हिलाना। वीजन डुलाना। झलना। हवा १ अलग किया हुआ। त्याग किया हुआ । छोडा हुआ। ८ पखे से