सवर्द्धन सवर्धन' ४८८५ सवास सवर्द्धन, मवर्धन--वि० सबर्द्धक । वटानेवाला रो०] । सवर्द्धनोय, सवर्धनीय--वि० [म०] १ बढने या बढाने योग्य । २ पालने पोसने योग्य। सद्धित, सवित--वि० [स०] १ बढा हुआ। २ नढाया हुआ। ३ पाला पोसा हुआ। समित-वि० [स०] वर्म से युक्त । जिरह कतर पहने हुए फिो०] । सवल-पहा पु० [सं०] १ दे० सबल' । २ प्राचार । सहारा । सवलन--नचा पु० [म०] [वि० सदलनीय, सवलित] १ मिडना । जुटना (गबु से) । २ मेन । मिलान । सयोग । ३ मिलावट । मिश्रण । सवलित--वि० [स० १ मिाहुप्रा । जुटा हुमा (गदु मे)। २ मिला हुआ । ३ युन। सहिन । ४ निहुप्रा । ५ त्रुटित । टूटा हुआ (को०)। ६ बाई या तर किया हुया (को०)। ७ मिश्रण युक्न । मिश्रित (को०)। ८ सयद । सवल्गन--सञ्ज्ञा पु. (म०] उछलना । उल्लमित होना [को०] । सल्गित'--वि० [म० अभिद्रविन । वरवाद को०] । सबल्गित'-मचा पुं० ध्वनि (को॰] । सवसति--पज्ञा स्त्री॰ [म०] बहुतो को एक साथ रहने को स्थिति । एक माथ वास करना [को०] । सवसथ-पदा पुं० [म०] १ बस्तो। गांव या कम्पा। २ निवाम । वसति । घर (को०)। सवसन--पक्षा पु० [म.] निनाम स्थान । गृह पो०] । मवस्त्रप-- पञ्चा पृ० [म०] एक समान वस्त्र धारण करना [को०) । सवह--पक्षा पृ० [म.] १ वह जो वहन करता हो । वहन करनेवाला। ले जानेवाला । २ एक वायु जो अाकाश के सात मार्गों में से तोमर मा में रहती है। ३ अग्नि को सात जिहाणा में से एक। सवहन--पञ्चा पुं० [म०] १ वहन करना । ते जाना । डोना। २ दिवाना। प्रगित कना। यक्त करना। ३ अगुप्राई या नेतृत्व करना (को०)। सवाच्य--मज्ञा पुं० [म०] ६८ रुवायो मे मे एक का नाम । बातचीत करने या कथा कहने का ढग । मवाटिका--ज्ञा ची० [स०] सिंवाडा । शृगाट । सवाद--पग पुं० [स०११ बातचीत । कयोपायन । खबर । हात । समाचार। वृत्तात । ३ प्रमगकया। चर्वा । ४ नियति । नियुक्ति । ५ मामना । मुकदमा । याहार -६ नहमति । एक राय । ७ साकार । रजामदो। ८ वहम । मुबामा । ६ नादृश्य । एकस्पता। जैसे, रूप सवाद (को०)। १० समागम । भेट । मिलन (को०)। सवाद:--'व०, मज्ञा पु० [म० १ भाषण करनेवाला। बातचीत करनेन ना। २ सहमत होने वाला। एक राय होनेवाला। ३ स्वीकार करनेवाला । माननेवाला। राजो होनेवाला । ४ वजानेवाला। हि शु०१०-७ सवाददाता--पज्ञा पुं० [स० सदाददातृ सवाद देनेवाला। समाचार नेजनेबाता। समाचार पत्रो मे स्थानीय समाचार भेजनेवाला वह व्यक्ति जो उस कार्य के लिये नियुक्त किया गया हो । (अ. लोकरा रिपोर्टर)। सवादन--मञ्जा पु० मि०] [वि० मवादनीय, सवादित, सजादो, सवाद्य] १ भाषण । बातचीत करना । २ सहमत करना । एकमत होना। ३ राजो होना । मानना। ४ बजाना। सवादिका-- पहा स्त्री० [म०1१ कोट । कीडा । २ पिपीलिका । च्यूटी। सवादित--वि० [स०१ बोलने में प्रवृत्त किया हुआ। बातचीत मे लगाया हुग्रा । २ राजो किया हुमा । मनाया हुया । ३ वजाया हुमा । वादित। मवादिता--नशा चौ० [म०] १ सादृश्य । तुल्यता। समानता । २ एक मेल का होना। सवादो--वि० [स० मवादिन्] [वि० स्त्री० सवादिनी) १ मवाद करने- वाला। बातचीत करनेवाला । २ सहमत होनेवाला। राजी होनेवाला। ३ अनुकूल होनेवाला । तुल्य । समान। ४ वजानेवाला। सत्रादा--मज्ञा पुं० मगोत मे वह स्वर जो गदो के माय सव स्वरो के साय मिलता और सहायक होता है। जैसे,-पचम से पडज तक जाने मे बीच के तीन स्वर सवादी होगे। संवार--मना पु० [म०] १ आच्छादन । ढाँकना । छिपाना । २ शब्दो के उच्चारण मे कठ का आकुचन या दवाव । ३ उच्चारण के बाह्य प्रयत्नो में से एक जिसमे कठ का प्राकुचन होता है। विवार' का उलटा । ४ वावा । रोव । विघ्न । अडचन । ५ अपनय । क्षय । ह्राम । वटती को०)। ६ रक्षण । सरक्षण (को०) । ७ उफनन । व्यवस्थापन (को०)। सवारण--णा पुं० [स०] [वि० मपारणोप, सवारित, सवार्य] १ हटाना। दूर करना। निवारण करना। २ रोकना। न आने देना। ३ निव करना। मना करना। ४ छिपाना। प्रावृत करना । हाँकना । सवारणोय--वि० [१०] १ हटाने या द्र करने योग्य । २ रोकने योग्य । ३ छिपाने या टॉकने योग्य । सवारित-वि० [म०१ रोका हुमा। हटाया हुआ। २ मना किया हुआ । ३ ढाँका हुआ। सवार्य-वि० [म०1१ हटाने योग्य । दूर करने योग्य । २ मना करने योग्य । रोकने योग्य । ३ ढाँकने या छिपाने योग्य । सवावदूक-२० [म०] १ ठोक ठीक कह देनेवाला । ज्यो का त्यो बताने या अभिव्यक्त करनेवाला । २ जो अतिशय तुल्यता का व्यजक हो [को०] । सवास-पक्षा १० [म०१ साथ बसना या रहना। २ परस्पर सबध । ३ सहवास । प्रसग । मैयुन । ४ वह खुला हुआ स्थान जहाँ लोग विनोद या मन बहलाव के निमित्त एकव हो । समा। समाज। ६ मकान । घर। रहने का स्थान । वसनि । ७ सार्वजनिक स्वान। ८ घरेलू व्यवहार (को०)। 1
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