पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/४९

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बैठते है। संधिक ४८६५ सधिनी विशेष-सधि हिंदी मे नहीं होती, संस्कृत के जो मामानिक शब्द सधिकुसुमा--पधा श्री० [म० सन्धियुसुमा] निसधि नामक फ्लदार आते हैं, उन्ही के निरूपण के लिये हिंदी मे सधि को प्राव- पौधा। श्यकता होती है। संस्कृत मे सधि तीन पकार की होती ह- सावग-सज्ञा पु० [स० सन्धि] एक प्रकार का ज्वर । विशेष दे० (१) स्वर मधि (जैसे,--राम अवतार = रामावतार), 'सधिक'। (२) व्यजन सधि (जैसे,--जगत् + नाथ = जगन्नाय), और सधिगुप्त-मज्ञा पुं० [म० मन्विगुप्त) वह स्थान जहां णत्नु को पाने- (३) विसर्ग सधि (जैसे,--नि + अतर = निरतर) । वालो मेना पर छापा मारने के लिये सैनिक लोग छिपकर ७ नाटक मे किसी प्रधान प्रयोजन के साधक कया शो का किसी एक मध्यवर्ती प्रयोजन के साथ होनेवाला सबंध । ये सधियाँ सधिगृह-मञ्ज्ञा पुं० [म० सन्धिगृह। मधुमक्खी का छत्ता [को॰] । पांच प्रकार की कही गई है--मुख सधि, प्रतिमुख सधि, गर्भ सधिग्रथि - पञ्ज्ञा स्त्री० [५० सन्धिग्रन्थि] शरीरावयवो के जोड पर की भधि, अवमर्श या विमर्श सधि और निर्वहण मधि। ८. चोरी अयि या गॉठ किो०] । आदि करने के लिये दीवार मे किया हुआ छेद । सेव । सधिचोर, सधिचौर -पन्ना पु० [स० सन्धिचोर, सन्धिदौर] सेध एक युग की समाप्ति और दूसरे युग के प्रारम के बीच का लगाकर चोरी करनेवाला । सेधिया चोर। समय । युगसधि । १० किसी एक अवस्था के प्रत सधिच्छेद-पञ्चा पु० [५० मन्धिच्छेद| १ वह (प.) जो सधि के और दूमरी अवस्था के प्रारभ के बीच का समय । बय निय नो का भग करता हो। अहदनाम को शतें तोडनेवाला। सधि। जैसे--शैशव और बाल्य अवस्था को सधि । ११ २ सेध लगानेवाला (को॰) । स्त्री की जननेद्रिय । भग। १२ सट्टन । १३. दो चीजो के सचिच्छेदक-पञ्चा पु० [स० सन्धिच्छेदक] १ सधि तोडनेवाला। २. बीच की खाली जगह । अवकाश । १४ भेद । १५ साधन । १६ सधिचोर । सेधियाचोर। वस्त्र आदि की तह। पर्त (को०)। १७ उपयुक्त अवसर 'को॰) । सधिच्छेदन --सक्षा पृ० [स० सन्धिच्छेदन] दे० 'सधिच्छेद [को०] । १८ सकट का समय (को०)। १६ मद्य सधान । मद्य निष्कर्ष सधिज'-सञ्ज्ञा पु० [म० सन्धिज] १. (चुनाकर तैयार किया हुआ) (को०) । २०. वह भूमि आदि जो मदिर के लिये धर्मार्य दी गई हो (को०)। २१. प्रवध करना (को०)। २२ सया। मद्य, ग्रासव अादि । २. वह फोडा जो शरीर को किसी सधि या गाँठ पर हा। गोधूली । साँझ (को०)। २३ दो स्तरो या पर्तों के बीच को विभाजन रेखा (को०)। २४ लव और आधार का मिलन- सघिज -वि० १ सधि द्वारा उत्पन्न । सधान द्वारा निर्मित (मद्य स्थल । वह स्थान जहाँ लव आधार से मिलता हे (को॰) । आदि) । २ ग्रथि या गाँठ पर होनेवाला । जैसे,—सधिज व्रण । ३. व्याकरण मे दो शब्दो की सधि से बना हुआ । जैसे,--सधिज २५ दो त्रिभुजो की उभयनिष्ठ भुजा (को०)। शब्द को०] । सधिक-सञ्चा पुं० [सं०] वैद्यक के अनुसार सन्निपात रोग का एक सधिजीवक-ज्ञा पुं० [म० सन्धिजीवक । वह जो स्त्रियो को पुरुषो से भेद । मिलाकर जीविका चलता हो। कुटना । टाल । विशेष -इस रोग मे शरीर की सधियो मे वायु के कारण अधिक पोडा होती है और कफ, सताप, शक्तिहीनता, निद्रानाश ग्रादि सघित'-वि० [स० सन्धित] १. जिसमे सधि हो। सधियुक्न । २ एक मे मिलाया हुअा (को०) । ३ बद्ध । बंधा हुआ (को०)। ४. उपद्रव होते है । इसका वेग एक सप्ताह तक रहता है। सधान किया हुया। स्थिर किया हुआ । रखा हुप्रा । जैसे,- सधिकर्म--सञ्ज्ञा पु० [स० सन्धिकर्भ सधि करना । सुलह करना। धनुप पर तीर (को०)। ५ अचार डाला हुमा (को०)। ६ विरोष-सधि के मुख्य दो भेद है--चालसधि और स्थावरसधि । जिसने सधि किया हो या जिससे सधि हुई हो (को०)। चालसधि वह है जिसे दोनो पक्ष शपथ करके करते है, और सधित-मचा पुं० १ पासव । अर्क । २ अचार (को०)। ३. अलग स्थावर सधि वह है जो कुछ दे लेकर की जाती है । कौटिल्य मे हुए वालो को एक मे बाँधना (को॰) । चालसधि को बहुत ही स्थायी कहा है, क्योकि शपथ खाकर की सधितस्कर-सञ्ज्ञा पुं॰ [स० सन्धितस्कर दे० 'सधिचोर' (को॰) । हुई सधि राजा लोग कभी नहीं तोडते थे। कामदक ने १६ प्रकार की सधियों कही है। सधितटी-मचा स्त्री० [स० सन्धितटी] सधि का स्थान । दो वस्तुओं के मिलने का स्थान । उ०-सोमा समेरु की मधितटी किधौ सधिका-सज्ञा स्त्री॰ [स० सन्धिकामद्य आदि चुवाना (को०] । । मान मवास गढास की घाटी।-घनानद, पृ० ३३ । सधिकाल-सद्या पुं० [सं०] सधि का समय । दो के मिलने का क्षण। सघिदूषण-पचा पुं० [सं० मन्धिदूषण] मधि या शर्त तोडना [को०] । दो तिथियो, मुहतों आदि के योग का काल । जैसे,--दिन और सविनाल-मसा पु० [सं० मन्धिनाल] नख या पुर कि०] । रात का सधिकाल। संघिनी-पधा ली• [स० मन्विनी] १. गाभिन गौ। २ वह गौ जो सधिकाष्ठ -सज्ञा पुं० [सं० सन्धिकाण्ठ] प्रासादशिखर के नीचे लगाई गाभिन होने पर भी दूध दे। ३ वह गौ जो बिना बछडे के जानेवाली लकडी [को०] । दृध दे । ४. वह गौ जो वेसमय या दिन रात में एक समय सधिकुशल-वि० [सं० सन्धिकुशल] जो सधि करने मे प्रवीण हो। - दूध दे।