२ अनिश्च-.. संदृष्ट ४८६३ सधातय सदृष्ट-वि० [स० सन्दृष्ट] १ पूर्ण रूप से अवलोकित । भली भांति विशेष—यह उस समय माना जाता है जब किसी चीज को - देखा हुआ । २ निर्दिष्ट (को०) । देखकर सदेह बना रहता है, कुछ निश्चय नही होता । 'भ्राति' सदेग्धा-वि० [स० सन्देग्धृ] शक्को स्वभाव का । सदेहालु । मे और 'सदेह' मे यह अतर हे कि भ्राति मे तो भ्रमवश किसी एक वस्तु का निश्चय हो भी जाता है, पर इसमे कुछ भी सदेव-सज्ञा पु० [स० सन्देव] हरिवश के अनुसार देवक से एक पुत्र निश्चय नहीं होता। कविता मे इस अलकार के मूचक प्राय का नाम । धौ, किधौ, आदि सदेहवाचक शब्द आते हैं। जैसे,—(क) सदेवा-सञ्ज्ञा स्त्री० [स० सन्देवा] वसुदेव को स्त्री और देश्क की की तुम हरिदासन महँ कोई । मोरे हृदय प्रीति अति होई। कन्या का नाम । इनका दूसरा नाम श्रीदेवा या को तुम राम टोन अनुरागी। पाए मोहिं करन बडभागी । सुदेवा भी है। -तुलसी (शब्द॰) । (ख) सारी वीच नारी है कि नारी संदेश-सज्ञा पुं॰ [स०] १ समाचार। हाल । खबर । सवाद । २ बीच सारो हे कि सारी ही को नारी है कि नारी ही की एक प्रकार को बँगला मिठाई जो छेने और चीनी के योग सारी है। कुछ प्राचार्यों ने इसके निश्चयगर्भ, निश्चयात और से बनती है। ३ वाचिक कयन । सँदेमा। ४ ० 'सदश'। शुद्ध ये तीन भेद माने है। ५ आज्ञा । आदेश (को०)। ३ जोखिम। खतरा। डर (को०)। ४ शरीर के भौतिक यौ०-सदेशपद = समाचार के शब्द । सदेशवाक् = समाचार । उपकरणो का उपचयन (को०)। हाल। सदेशवाहक, सदेशहारक, सदेशहारी = सदेश ले सदेहात्मक-वि॰ [स० सन्देहात्मक] सदिग्ध (को०] । जानेवाला। सदेहास्पद-वि० [स० सन्देहास्पद] सदेह का स्थान । सदिग्ध । सदेशहर-सञ्ज्ञा पु० [स० सन्देशहर] सदेमा या समाचार ले जाने- सदेही-वि० [सं० सन्देहिन्] १ सदेहवाला। शक्को । वाला । वार्तावाह । दूत । कासिद । यात्मक [को॰] । सदेशा-सहा पु० [स० सन्देश] दे॰ 'सदेश' । सदोन-पन्ना पु० [स० सन्दोल] कान मे पहनने का कर्णफूल नाम का गहना। सदेशी-सचा पु० [स० सन्देशिन्] सदेश लानेवाला । समाचार वाहक । सदोह-सज्ञा पु० (स० सन्दोह १ समूह। झुड। उ०-जयति सदेस-सञ्ज्ञा पु० [म० सन्देश] दे० 'सदेश' । निर्भरानद सदोह कपि केसरी सुप्रन भुवनैक भर्ता । तुलसोग (शब्द०)। २ दूध दुहना (को॰) । ३. गायो आदि के झुड सदेसड़ा पु-सञ्ज्ञा पु० [हिं० सदेस + राज० डा (प्रत्य॰)] सदेश । का सारा दूध (को०)। हालचाल । समाचार । कथन । उ०-अवसर जे नहिं प्राविया, वेला जे न पहुत्त । सज्जण तिण सदेसडइ, करिजइ राज वहुत्त । सद्रव - सना पुं० [स० सन्द्रव] १ गूंथने को क्रिया । गुर्थन ।। –ढोला०, दू० १७६। पलायन । भागना (को०)। संद्राव-पक्षा पुं० [स०] १ युद्ध क्षेत्र से भागने की क्रिया । पलायन ..., सदेसरा-सज्ञा पु० [हिं० सदेस + रा (प्रत्य)] दे० 'सदेशडा' । २ चाल । गति (को०) । ३ दौडने का स्थान (को०)। सदेसी-पचा पु० [स० मन्देशिन्] सदेशी । बसोठ । दूत । सघर-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स० सन्धि] दे॰ 'सवि' । सदेह-सञ्ज्ञा पु० [स० सन्देह] १ वह ज्ञान जो किसी पदार्थ की सध-वि[सं० सन्ध] १ रखनेवाला । धारण करनेवाला। २. मिला- वास्तविकता के विषय मे स्थिर न हो। किसी विषय मे ठीक हुा । युक्त को०] । या निश्चित न होनेवाला मत या विश्वास । मन को वह अवस्था सध-सज्ञा पुं० योग । लगाव । सबध (को०] । जिसमे यह निश्चय नही होता कि यह चीज ऐसो हो हे या सधना -क्रि० अ० [म० सन्धि] सयुक्त होना,। मिलना। उ०- son और किसी प्रकार की। अनिश्चयात्मक ज्ञान । सशय। पक्ष दू सधि सध्या सधो हे मनो। -केशव (शब्द०)। शका। शक । उ०-तव खगपति विरचि पहि गएऊ। निज सधा-सज्ञा औ० [म० सन्चा) १ स्थिति । सदेह सुनावत भएऊ।-मानस, ७६० । ३. सधान । सधि । मिलन । ४ सध्या काल । साँझ। क्रि० प्र०—करना ।-डालना ।-मिटना ।-मिटाना ।—होना । यौ०-सवा भाषा-अस्पष्ट भाषा जो साफ न व्यक्त हो । सधा- यौ०-सदेहगध = सदेह का आभास या झलक । सदेहच्छेदन - भाष्य, सधावचन =अस्पष्ट कयन। घुमाफिरा कर कही हुई शक दूर करना । सदेह न रहना। सदेहदायी = शका उत्पन्न उलझन भरी उक्ति। करनेवाला । शक धरानेवाला । सदेहदोला = दुवधा को ५ अनुसधान । तलाश । ६ सोमा। हद (को०)। ७ घनिष्ट या स्थिति । अनिश्चय की अवस्था। सदेहनाश = संशय मिटना। प्रगाढ सवध (को०)। ८ स्थिरता । स्थैर्य (को०)। ६. शराव सदेहपद = सशय को जगह। सदेह का स्थान । सदेहभजन = चुवाना। मद्यसधान (को०)। शक या शका दूर करना। सघातव्य-वि० [स० सन्धातव्य ] १. एक मे मिलाने या युक्त करने के २. एक प्रकार का अर्थालकार | योग्य । २. जिससे सधान या सधि को जाय को०] । बसीठ । दूत। २ प्रतिज्ञा। करार। 4
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