पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/३९९

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योग्य। सहज मे - सुलमन ७०१९ सुलहनामा सुलझन--सशा स्त्री० [हिं० सुलझना] सुलझने की क्रिया या भाव । लहकि ।--देव (शब्द०)। (ख) मोती सियरात हित जानि सुलझाव । के प्रभात ढिग ढीले करि पीतम के गात सुलफनि के ।- देव सुलझना-क्रि० अ० [हिं० उलझना] १ किसी उलझी हुई वस्तु ( शब्द०)। की उलझन दूर होना या खुलना । उलझन का खुलना । २ सुलफा--सज्ञा पुं॰ [फा० सुल्फह्] १ वह तमाकू जो चिलम मे विना गुत्थी या पेचीदगी का खुलना । जटिलताओ का निवारण होना। तवा रखे भरकर पिया जाता है। २ सृखा तमाकू जिसे सुलझाना-क्रि० स० [हिं० सुलझना का सक० रूप] १ किसी गांजे की तरह पतली चिलम मे भरकर पीते हैं। ककड। उलझी हुई वस्तु की उलझन दूर करना। २ उलझन या ३ चरस । गुत्थी खोलना । जटिलताओ को दूर करना । यो०--सुलफेवाज। सुलझाव--सञ्ज्ञा पुं० [हिं० सुलझना + ग्राव (प्रत्य॰)] सुलझने की क्रि० प्र०--भरना ।--पीना । क्रिया या भाव । सुलझन । सुलफेबाज--वि० [हिं० मुल्फा + फा० वाज ] गांजा या चरस सुलटा-वि० [हिं० उलटा] [वि० स्त्री० सुलटा] सीधा । उलटा का पीनेवाला । गजेडी या चरसी। विपरीत। सुलब---मज्ञा पु० [डि• ] गधक । सुलतान--सज्ञा पुं० [फा०] बादशाह । सम्राट् । सुलभ'-वि० [स] १ सुगमता से मिलने सुलताना--मज्ञा स्त्री० [फा०] १ रानी। मलिका । २ सुलतान की मिलनेवाला । जिसके मिलने में कठिनाई न हो। २ सहज । स्त्री। ३ सम्राट् की माता । सरल । सुगम । आसान। साधारण । मामूली। ४ उपयोगी। सुलताना चपा--सज्ञा पु० [फा० सुलतान + हिं० चपा] एक प्रकार लाभकारी। का पेड । पुन्नाग। यौं०-सुलभकोप = जिसकी नाक पर गुस्सा हो। विशेष-यह वृक्ष मद्रास प्रात मे अधिकता से होता है और कही सुलभ' -सज्ञा पु० [स०] अग्निहोत्र के अग्नि । कही उत्तरप्रदेश और पजाब मे भी पाया जाता है । इसके सुलभता-सञ्ज्ञा स्त्री० [म०] १ मुलभ का भाव । सुलभत्व। २ होर की लकडी लाली लिए भूरे रंग की और बहुत मजबूत सुगमता। प्रासानी। होती है। यह इमारत, मस्तूल आदि बनाने के काम मे आती सुलभत्व-सशा पुं॰ [स०] १ सुलभ का भाव । सुलभता । २ सुगमता। है। रेल की लाइन के नीचे पटरी की जगह रखने के भी काम सरलता । अासानी। नाती है। संस्कृत मे इमे पुन्नाग कहते है। सुलभा-सज्ञा स्त्री० [स०] १ वैदिक काल की एक ब्रह्मवादिनी स्त्री सुलतानी'-सज्ञा स्त्री॰ [फा० सुलतान] १ बादशाही । वादशाहत । का नाम (गासन )। तुलसी। ३ मपवन । जगली उडद । राज्य । उ०--चढि धौराहर देखहिं रानी। धनि तुई अस मासपी । ४ तमाकू । धूम्रपना। ५ बेला। वापिकी जाकर सुलतानी ।-जायसी (शब्द॰) । २ एक प्रकार का बढिया महीन रेशमी कपडा। सुलभेतर - वि० [स०] १ जो सहज मे प्राप्त न हो सके। दुर्लभ । यो०--सुलतानी वनात = एक प्रकार की लाल रंग की वनात । कठिन । ३ महाघ । महँगा। सुलतानी बुलवुल = वडी जाति की बुलबुल । सुलभ्य वि० [स०] सुगमता से मिलने योग्य । सहज मे मिलनेवाला। सुलतानी'-वि० १ लाल रंग का । उ०--सोई हुती पलँगा पर बाल जिसके मिलने में कठिनाई न हो। खुले अचरा नहिं जानत कोऊ। ऊँचे उरोजन कचुकी ऊपर सुललिक-सज्ञा पु० [स०] एक मिश्र जाति [को०] । लालन के चरचे दृग दोऊ । सो छबि पीतम देखि छके कवि तोष कहै उपमा यह होऊ। मानो मढे सुलतानी वनात मे साह मनोज सुललित-वि० [स०] १ अति ललित । २ अत्यत सुदर। ३ प्रसन्न । हर्षित । ४. श्रीडारत । क्रीडाशील (को०) । के गुवज दोऊ ।--तोष (शब्द०)। २ शासन । राज्य । वाद- शाही (को०)। सुलवण सज्ञा पुं॰ [स०] जिसमे नमक ठीक पडा हो [को॰] । सुलपरवि० [स० स्वल्प] १ दे० 'स्वल्प' । उ०- नृत्यति उघटति सुलस-सज्ञा पुं॰ [देश०] स्वीडेन देश का एक प्रकार का लोहा । गति सगीत पद सुनत कोकिला लाजति । सूर श्याम नागर अरु सुलह-वि० [स० सुलभ, प्रा० सुलह] दे० 'सुलभ' । नागरि ललना सुलप मडली राजति ।-सूर (शब्द०) । २ सुलह-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [फा०] १ मेल । मिलाप । २ वह मेल जो किसी मद । उ०-1-बलि सुलप गज हस मोहित कोक कला प्रकार की लडाई या झगडा समाप्त होने पर हो। ३ दो प्रवीन ।—सूर (शब्द०)। राजाओ या राज्यो मे होनेवाली सधि । मुलप'--सञ्ज्ञा पु० [सं० सु + पालाप] सुदर पालाप। (क्व०) । यौ०-सुलहनामा । सुलफ-वि० [स० सु + हिं० लपना] १ लचीला । लचनेवाला । २. सुलहनामा-सज्ञा पुं० [अ० सुलह + फा० नामह] १ वह कागज जिस- नाजुक । कोमल । मुलायम । उ०-(क) दीरघ उसास लै लै पर दो या अधिक परस्पर लडनेवाले गजानो या राष्ट्रो की ससिमुखी सिसकति सुलफ सलौनो लक लहक लहकि मोर से मेल की शतें लिखी रहती है । तधिपन्न । २. वह कागज मल्लिका।