सुभग स्थान। सुबालिश विशेष-इस जाति के घोडे मेहनती और हिम्मती होते है। इनका सुबालिश-~-वि० [सं०] वच्चो जैसा अज्ञ या अबोध । कद मझोला होता है । 'दौडने मे ये बडे तेज होते है। इन्हें सुबास--सज्ञा स्त्री० [स० सु + वास। अच्छी महक । सुगध । दौडाक भी कहते है। सुबास--सज्ञा पुं० १ एक प्रकार का धान जो अगहन महीने मे होता है और जिसका चावल वर्षों तक रहता है । २ सुदर निवास- सुबुकदस्त-वि० [फा०] फुर्तीले हाथोवाला [को०] । सुबुझद'तो सज्ञा स्त्री० [फा०] हाथो का फुर्तीलापन । हस्तला- घव (को०)। सुबासनाg'-सज्ञा स्त्री० [स० सु+ वास] सुगध । खुशबू । अच्छी सुबुक रदा-सञ्ज्ञा पुं॰ [फा० सुबुक + हिं० रदा] लोहे का एक औजार महक । उ०--कहि लहि कौन सकै दुरी सोनजुही मैं जाइ । जो बढइयो के पेचकश की तरह का होता है। इसकी धार तन की सहज सुवासना देती जो न बहाइ । --बिहारी (शब्द॰) । तेज होती है। इससे बर्तनो की कोर आदि छीलते है। सुबासना-क्रि० स० सुवासित करना । सुगधित करना। महकाना । सुबुक रफ्तार-वि० फा० सुवुक रफ्नार द्रुतगामी । तेज चालवाला। सुबासिक-वि० [स० सु+ वास] सुवासित । सुगधित । खुशबूदार। सुबुकी - सज्ञा स्त्री० [फा०] १ हलकापन। २ सुदरता। ३ तेजी। उ०--रहा जो कनक सुवासिक ठाऊँ । कस न होए हीरा मनि ४ अप्रतिष्ठा । नाऊँ ।- जायसी (शब्द॰) । सुबुद्धि' वि० । स० उत्तम बुद्धिवाला बुद्धिमान् । सुबासित-वि॰ [सं० सुवासित] दे० 'सुवासित' । सुबुद्धि -सज्ञा स्त्री॰ उत्तम बुद्धि । अच्छी अक्ल । सुबाहु' -सञ्ज्ञा पु० [सं०] १ नागासुर । २ स्कद का एक पार्षद । सुबुध' - सज्ञा पुं० [स० बुद्धि, बुद्धि । अक्ल । (डि०) । ३ एक दानव का नाम। ४ एक राक्षस का नाम । ५ एक सुबुध' -वि० [म०] १ बुद्धिमान् । अक्लमद । २ सावधान । सतर्क । यक्ष का नाम । ६ धृतराष्ट्र का पुत्र और चेदि का राजा । सुबू -सज्ञा पुं० [फा० सुब्ह] दे० 'सुबह'। उ०-जो निसि दिवस ७ पुराणानुसार श्रीकृष्ण के एक पुत्र का नाम । ८ शत्रुघ्न न हरि भजि पैए। तदपि न साँझ सुबू विसरैए। -विश्राम का एक पुत्र । ६ प्रतिवाहु का एक पुत्र । १० कुवलयाश्व का (शब्द०)। एक पुत्र । ११ एक बोधिसत्व का नाम । १२ एक वानर सुबू-सञ्ज्ञा पुं० [फा०] कुभ । घट । मटका (को०] । का नाम । सुबूचा--सा पुं० फा० सुवूनह] ठिलिया। गगरी [को०] । सुबाहु-वि० दृढ या सुदर बाहोवाला । जिसकी वाहें अच्छी और सुबूत--सज्ञा पुं० [अ०] १ वह जिससे कोई बात साबित हो । प्रमाण । मजबूत हो। साक्ष्य सबूत । २ तर्क । दलील । ३ उदाहरण । मिसाल |को॰] । सुबाहु -सज्ञा स्त्री० [स० सुवाहुस्] एक अप्सरा का नाम । सुबोध'-वि० [सं०] १ अच्छी बुद्धिवाला। २ जो कोई वात सहज मे सुबाहु'-- सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स० सु + बाहु] सेना । फौज । उ०-रैयत राज समझ सके । जिसे अनायास समझाया जा सके। समाज कर तन धन धरम सुवाहु । शात सुसचिवन सौपि सुबोध:--सज्ञा पु० अच्छी बुद्धि । अच्छी समझ । सुख विलसहि नित नरनाहु। तुलसी (शब्द०)। सुब्रह्मण्य'- सज्ञा पु० [सं०] १ शिव । २ विष्ण। ३ कार्तिकेय । सुबाहुक-सज्ञा पुं० [स०] एक यक्ष का नाम । ४ उद्गाता पुरोहित या उसके तीन सहकारियो मे से एक । ५ दक्षिण भारत का एक प्राचीन प्रांत । सुबाहुशत्रु सज्ञा पुं० [सं०] श्रीरामचद्र का एक नाम । सुब्रह्मण्य - वि० ब्रह्मण्प्रयुक्त । जिसमे ब्रह्मण्य हो । सुविस्ता - सज्ञा पुं॰ [देश॰] दे॰ 'सुभीता' । सुब्रह्मण्य क्षेत्र-सज्ञा पु० [स०] एक प्राचीन तीर्थ जो मद्रास प्रदेश सुबिहान-सज्ञा पु० [अ० सुवहान] दे० 'सुभान'। के दक्षिण कनारा जिले में है। सुबीज-सजा पु० [स०] १ शिव । महादेव । २ पोस्तदाना । खस सुब्रह्मण्य तीर्थ-सञ्ज्ञा पुं० [स० दे० 'सुब्रह्मण्य क्षेत्र' । खस । ३ उत्तम वीज । सुब्रह्मवासुदेव--संज्ञा पुं० [स०] श्रीकृष्ण । सुवीज' -- वि० उत्तम वीजवाला । जिसके बीज उत्तम हो । सुभग-सज्ञा ० स० सुभङग] नारियल का पेड । नारिकेल वृक्ष । सुबीता-सञ्ज्ञा पु० [देश०, तुल० 'सुविधा ] दे० 'सुभीता' । सुभग'--वि० सरलता से टूट जानेवाला [को०] । सुबुक-वि० [फा०] १ हलका। कम वोझ का । भारी का उलटा। सुभत-वि० [प्रा० सोभन्त स० शोभमान] शोभित। जो शोभायुक्त हो। २ सुदर । खूबसूरत । उ०--बसन फटे उपटे सुबुक निबुक सुभ-वि० [स० शुभ, प्रा० सुभ] दे० 'शुभ' । ददोरे हाय !-रामसहाय (शब्द०)। सुभ-वि० [स०] शुभ नक्षत्र या ग्रह को] । यो०-सुबुक रग = सोना रँगने का एक प्रकार । ३ कोमल । नाजुक । मृदु (को०)। ४ तेज । फुर्तीला। चुस्त । सुभगमन्य---वि० [सं० सुभगम्मन्य] दे० 'सुभगमानी' [को०) । जैसे, सुबुक रफ्तार। सुभग'- वि० [सं०] १ सुदर । मनोहर। मनोरम । २ ऐश्वर्यशाली। ३. भाग्यवान् । खुशकिस्मत । ४ प्रिय । प्रियतम । ५ सुबुक'-सशा पुं० घोडे की एक जाति । सुखद। मानददायक ।
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/३७५
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।