साथी सादी' विनाश। साथी-पचा पु० [हिं० साथ + ई (प्रत्य॰)] [ी० साथिन] १ वह जो साथ रहता हो। साथ रहनेवाला । हमराही । सगी। २ दोस्त । मित्र । ३ सहायक । सहकारी । सहयोगी। साद-सज्ञा पु० [म०] १ डूवना। तल मे बैठना । २ थकान । क्लाति । ३ पतलापन । तन्वगता। तनुता। ४ नष्ट होना। ५ पीडा। व्यथा। ६ स्वच्छता। पवित्रता। ७ गति । गमन । गतिशीलता [को०] | सादर--सज्ञा पुं० [स० शब्द, प्रा० सह] २० 'शब्द' । उ०—सिथल पुकारी साद सुणीज, कीजै हो हरि | बाहर कीजै ।-रघु० ०, पृ० १३५॥ सादक-सञ्ज्ञा पुं० [हिं०] दे० 'मदका'-३ । सादगी- सज्ञा स्त्री० [फा०] १ सादा होने का भाव । सादापन । सरलता । २ सीधापन | निप्कपटता। सादन-मज्ञा पु० [सं०] १ थकान । क्लाति । २. विनाश । बरबादी। ३ भवन । निवासस्थान । ४ पान । स्थाली (को०)। ५, क्लात करना। थवाना (को०)। ६ पात्र आदि व्यवस्थित करना [को०)। सादनी--मज्ञा स्त्री॰ [स०] १ थकान । क्लाति । २ बरबादी । विनाश । ३ कुटकी नामक पौधा [को०] । सादरी-वि० [स०] अादरपूर्वक । अादर के साथ । उ०-सदा सुनहिं सादर नर नारी। तेइ सुरवर मानस अधिकारी । -मानम, ११३८ । सादव-वि० [स० स+ द्रव या सत् + रव] सद्रव । जलयुक्त । उ०- जल जगल महिय गान सूझत दादुर मोर रोर घन सादव । जदपि मघो मेघ झरि मटि बुझि विरह विरह विकल विन कादव ।-अकबरी०, पृ० ३१७ । सादा-वि० [फा० सादड्। [वि॰ स्त्री० सादी] १ जिसकी बनावट अादि बहत सक्षिप्त हो। जिसमे बहुत अग उपाग, पेच या वखेडे अादि न हो। जैसे,—चरखा मूत कातने का सबसे सादा यत्र है। २ जिसके ऊपर कोई अतिरिक्त काम न बना हो । जमे,-सादा दुपट्टा, सादी जिल्द, सादा खिलौना। ३ जिसमे किसी विशेष प्रकार का मिश्रण न हो। विना मिलावट का। खालिस । जैसे,—मादा पानी या सादी भाँग (जिसमे चीनी आदि न मिली हो), सादी पूरी (जिसमे पीठी आदि न भरी हो), सादा भोजन (जिसमे अधिक मसाले या भेद आदि न हो) । ४ जिसके ऊपर कुछ अकित न हो। जैसे,- सादा कागज, मादा किनारा (जिममे बेल बूटे प्रादि न बने हो) । ५ जिसके ऊपर कोई रग न हो। सफेद । जैसे,—सादे किनारे को धोती। ६ जो कुछ छल कपट न जानता हो। जिसमे किसी प्रकार का प्राडवर या अभिमान आदि न हो । सरल- हृदय । सीधा । जैसे,—वे बहुत ही सादे आदमी है । यौ०-सादा कपडा = (१) विना वेलबूटे का कपडा। (२) वस्त्र जो रगोन न हो । सादा कागज = (१) बिना कुछ लिखा हिं० २०१०-२६ हुअा कोरा कागज। (२) कागज जिसपर टिकट या स्टाप न लगा हो। सादाकार । सादादिल = साफ दिल । निष्कपट हृदय । सादापन । सादामिजाज = साफ दिल। सादालोह । सीधासादा = सरल हृदय । ७ वेवकूफ । मूर्ख । (क्व०) । जैसे,—(क) वह सादा क्या जाने कि दर्शन किसे कहते है। (ख) यहाँ कौन ऐसा सादा है जो तुम्हारी बात मान ले। ८ सरल। सात्विक । पवित्न । ६ ढोगरहित । प्राड बरहीन। साधारण । जैसे,—सादा जीवन उच्च विचार (लोकोक्ति) । सादाकार-वि० [फा०] १ जो मोने चाँदी का काम अच्छा जानता हो। २ सादा और हलका काम बनानेवाला। सादकारी-सञ्ज्ञा स्त्री० [फा०] सादाकार या सुनार का काम । सुनारी का पेशा [को०] । सादात-सा पुं० [अ०] १ श्रेष्ठजन । बुजुर्ग या वृद्ध जन । २ सैयद वश या जाति [को०] । सादान-स्ज्ञा पुं॰ [फा० शादियानह] प्रसन्नता या हर्पसूचक वाद्य । जीत का नगाडा। उ०-सादान वज्जि रन रज्जि सह, तह सु सध्धरकत करिय। सोमेस सूर चहुबान सुअ कित्ति चद छदह धरिन ।-पृ० रा०, ७१५६ । सादापन-नशा पु० [फा० सादा + पन (प्रत्य॰)] सादा होने का भाव । सादगी। सरलता। सादालौह-वि० [फा० सादलौह] १ छलविहीन । निश्छल । निष्कपट । २ मूर्ख । बुद्धू [को०] । सादाशिव---वि० [स०] मदाशिव से सबधित [को०] । सादि-वि० [सं०] आदि से यक्त । प्रारभ सहित [को॰] । सादि-सज्ञा पु० १ रथ हाँकनेवाला । सारथी । २ वीर। योद्धा । वहादुर। ३ उत्साहहीन या खिन्न व्यक्ति । ४ वायु। पवन [को॰] । सादिक'--वि० [अ० सादिक] १ सच्चा। सत्यवादी। उ०--सादिक हूँ अपने कौल का गालिब खुदा गवाह । कहता हूँ सच कि झूट की आदत नही मुझे।--कविता को०, भा० ४, पृ० ४५६ । २. न्यायपूर्ण । उचित (को०) । ३ वफादार । स्वामिभक्त (को॰) । सादिक@--सञ्ज्ञा पु० [स० साधक] दे० 'साधक' । उ०-सतगुर सादिक रमता सादु ।--रामानद०, पृ०४६ । सादित-वि० [स०] १ बैठने के लिये प्रेरित किया हुअा। बैठाया हुआ। २ क्लिन्न । दुखी । ३ क्लात। थका हुआ।४ विनष्ट । वरवाद (को०] । सादिर-वि० [अ०] १ निस्तब्ध । २ उद्विग्न । चकित । भ्रात । ३ चाल होनेवाला । जारी होनेवाला [को०)। सादी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [फा० सादह,] १ लाल की जाति की एक प्रकार की छोटी चिडिया जिसका शरीर भूरे रंग का होता है और जिसके शरीर पर चित्तियाँ नही होती। बिना चित्ती की मुनियाँ । सदिया। २ वह पूरी जिसमे पीठी आदि नही भरी होती।
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/२४१
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