सलाम सलिलकुतल सलाम--सञ्ज्ञा पुं० [अ०] प्रणाम करने की क्रिया। प्रणाम । बदगी। सलाम । जैसे,-मिपाहियो की मात्रामी, तोपनाने की मलागगे। प्रादाब। ४ नजराना । अकोर। मेट । ५ हाल । ६ तापो या पदो की बाट जो किसी बड़े अधिकारी या माननीय व्यक्ति के बान मुहा० -दूर से सलाम करना = किसी वुरी वस्तु के पास न जाना । किसी बुरे आदमी से दूर रहना । जैसे,—उनको तो हम दूर पर दागी जाती है। ही से सलाम करते है। सलाम हे = हम दूर रहना चाहते है । मुहा०-सलामी उतारना - किसी के स्वागतार्थ बटुको या तोपो की वाज आए। जैसे,- अगर उनका यही रग ढग है, तो फिर बाट दागना। हमारा तो यही से उनको सलाम है । मलाम लेना= मलाम का क्रि० प्र०-दगना ।-दागना |-होना। जवाब देना। सलाम कबूल करना। सलाम देना = (१) सलाम सलामी-वि० १ मलाम करनेवाना। प्राथना या अर्ज करनेवाना। करना । (२) सलाम कहलाना। पलाम करके चलना=किसो २ ढालवां । ढालदार । क्रमश भुकावदार । से नाराज होकर चलना । अप्रसन्न होकर विदा होना । मलाम सलार-मझा पु० [दश०] एक प्रकार की चिडिया। उ० - चकई फेरना=(१) नमाज खतम करना। (२) किसी से अप्रसन्न चकवा और पिदारे। नकटा लेदी मोन मनार ।-जानसी होकर उसका प्रणाम न स्वीकार करना । (शब्द०)। यौ०-सलाम अलक या सलाम अलैकम = अभिवादन । मलाम । सलामत-सा ग्री० [अ०] १ मृदुता । नन्नता । २ मन्नता । सुग तुम सलामत रहो, तुमपर सलामती हो इस प्रकार परस्पर मता। ३ शिष्टता । सभ्यता । ४ वह भापा जा सरल प्रार अभिवादन। सलामो पयाम = (१) किसी का प्रणाम और अक्लिप्ट शब्दो मे युक्त हो। मापा का अक्लिप्ट, गतिशोत सदेशा पाना या भेजना । (२) विवाह की बातचीत । और सरल होना कि सलामकराई-सञ्ज्ञा स्त्री० [अ० सलाम + हिं० कराई] १ मलाम करने सलाह-मा स्त्री॰ [अ०] १ समति । परामश । राय । मशवरा । की क्रिया या भाव । २ वह धन जो कन्या पक्षवाले मिलनी क्रि० प्र०-पूछना। देना ।-ताना ।-लेना। के समय पर वर पक्ष के लोगो को देते है । (मुमल०) । मुहा०-- सलाह ठहराना = गय पकको होना समति निश्चित होना। सलामत'-वि० [अ०। १ सब प्रकार को आपत्तिया से बचा हुआ जैसे,-~मव लोगो की सलाह व्हरी है कि कल वाग चलें। रक्षित । जैसे,—घर तक सलामत पहुँचे, तव समझना । २ अच्छाई । मलाई । ३ मेल । सुलह । यौ०-सही सलामत। सलाहकार-सज्ञा पुं० [अ० सलाह + पा० कार (प्रत्य॰)] वह जो २ जीवित और स्वस्थ । तदुरस्त और जिदा। जैसे, -ग्राप परामर्श देता हो । राय देनेवाला । सलामत रहे, हमे बहुतेरा मिला करेगा। ३ कायम । सलाही-सञ्ज्ञा पुं० [अ० सलाह] सलाहकार । परामगदाना । जैसे,- वरकगर । जैसे,—सिर सलामत रहे, टोपियाँ बहुत मिलेगी। कानूनी सलाही । (भारतीय शासनपद्धति ।) (क्व०) । ४ अखड । अक्षत । सलाहीयत-सज्ञा स्त्री० [अ०] १ अच्छाई । खूबी । मलाई । २ सलामत'-क्रि० वि० कुशलपूर्वक । खैरियत से । याग्यता। पानता। ३ इद्रियनिग्रह। पारसाई। सयम। सलामत-सक्षा स्त्री० शामिल या पूरा होने का भाव । अखडित और ४ विद्वत्ता । ५ गभीरता 'को०। सपूर्ण होने का भाव । सलिंग वि० [स० सलिङ्ग] ममान लिंग से युक्त । नमान त्रिहवाला । सलामती-सञ्ज्ञा स्त्री० [अ० सलामत + ई (प्रत्य॰)] १ तदुरुस्ती। सदृश । अनुरुप (को०] । स्वस्थता । २ कुशल । क्षेम । जसे,-हम तो हमेशा आपको सलिंगी-वि० [स० सलिडिगन् जो केवल चिह्न धारण करता हो । सलामती चाहते है। पाखडी। ढोगी (को०] । मुहा०-सलामती से = ईश्वर की कृपा से । परमात्मा के सलि-सज्ञा स्त्री० [स० शर?] चिता । अनुग्रह से। सलिता पु-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [म० सरिता] नदी। सरिता । उ०-द्रप्पन विशेष-इस मुहावरे का प्रयोग प्राय स्त्रियां और विशेपत. सम आकास श्रवत जल अमृत हिमकर । उज्जल जल सलिता मुसलमान स्त्रियाँ, कोई बात कहते सयय, शुभ भावना से सु सिद्धि सुदर सरोज सर ।-पृ० रा०, ६११४२ । करती है । जैसे,-सलामती से उनके दो दो लडके हे । सलिल-सशा पु० [स०] १ जल । पानी । २ उत्तराषाढ नक्षत्र को०) ३ एक प्रकार का मोटा कपडा । ४ जीवन । जिंदगी । (को०) । ३ अश्रु । आँसू (को०) । ४. सलिल बात । एक प्रकार सलामी-सज्ञा स्त्री० [अ० सलाम+ई (प्रत्य॰)] १ प्रणाम करने की हवा (को०)। ५ वर्षा का जल (को०)। ६ वहुत बडी को क्रिया। सलाम करना । जैसे,-दूल्हे को सलामी मे १०) सख्या (को०) । ७ एक वृत्त (को॰) । मिले थे। २ वर वधू को प्राप्त होनेवाली वह रकम जो सलामी सलिलकर्म-सज्ञा पु० [म० सलिलकर्मन्] पितारो के लिये दिया जाने- की रस्म मे दो जाती है। ३ शस्त्रो से प्रणाम करने की वाला जल । तर्पण (को०] । क्रिया। सैनिको को प्रणाम करने को प्रणाली । सिपाहियाना सलिलकुतल-सच्चा पुं० [स० सलिलकुतल] शैवाल । सिवार ।
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