१२ [ व्याकरण, व्युत्पत्ति धादि के संकेतापारों का विवरण । TO स० तद० ति० तुल० प्रक० रूप मनु० धनुध्व० अनु० मू० मनुर० अप० मर्ष मा. प्रल्पा० पव तमिल तकशान्य तिनी गापा तुकी तुलनीय दूहा यादहला देखिए देशज देशी नन्द धर्मशाल नामधातु नामधातुज किया दे० देश देशी घमं० नाम० ना० घा० नामिक पात् नामिक धातु घव्य इता. ने० न्याय १० इब० नेपाली न्याय या शास्त्र पजाबी परिशिष्ट पाली उ० परि० पा० उच्चा उडि० उप० अग्रेजी अरवी भकर्मक रूप अनुकरण शब्द अनुष्वन्यात्मक अनुकरणार्यमूलक अनुरणनात्मक रुप अपण अर्धमागधी अल्पार्थक अवधी पव्यय इतालवो श्वरानी उदाहरण उच्चारण सुविधाथ उडिया उपरार्ग उभयलिंग एकवचन पन्नड भाषा कहावत काव्यशास्म अन्य कोश सभाव्य व्युत्पत्ति अनिश्चित ज्युत्पत्ति कोकणा फ्रिया श्यिा प्रकर्मक प्रिया गोस क्रिया विपण क्रिया सकर्मक पवनित लोकगीत गुजराती पुलिंग पृ० पुत० उभय. एकव० कनाडी कहावत फाव्यशास्त्र (को०], (को०) पृ० go प्रत्य० प्रा० पुतगाली पुरानी हिंदी पूर्वी हिंदी पृष्ठ प्रकाशकीय या प्रस्तावना प्रत्यय प्राकृत प्रेरणार्थक रूप फरांसीनी भाषा फकीरो की बोली फारसी बंगला भाषा परमी भाषा ववचन बुदेन पी गोली फ० फकीर० कोंक क्रि० क्रि० प्र० Frao Da क्रि०वि० क्रि० स० पव० गीत 5) बैंग परमी० बहुव० बु०७० बुंदेल० वोल. भाव० भू० सू० कृ० मरा० -पी० चीनी भाषा जापा छद जापानी जावाद्वीप की भाषा जीवनचरित ज्यामिति ज्योतिष दिगल जावा. जी०, जीवन ज्या० ज्यो. डि बोलचाल भाववाचक सशा भूमिका भत कृदत मराठी मलयाली या मलयालम भाष) मलाया की भाषा मिलाइए मुमलमानो द्वारा प्रयुक्त मुहावरा मल० मला० मि० मुसल० मुहा० । .
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/१८
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