समावा ४६७५ समासक्त आदि के आवेश मे ग्रस्त । भूताविष्ट (को०)। ५. सयुक्त । समाश्लेष-संवा पु० [स०] गाढ प्रानिंगन (को०] । युक्त। सपन्न । सहित (गो०)। ६. निश्चित । स्थिर किया समाश्वस्त-वि० [म०] जिसे तसल्ली हो गई हो। सात्वना प्राप्त । हुमा (को०)। ७. पूणत शिक्षित या सुनिर्दिष्ट (को० । आश्वस्त । २ प्रोत्साहित (को॰] । ८ पूर्णत आच्छादित, प्रभावित या प्रावेष्टित (को॰) । समाश्वास-सच्चा पु० [स०] १ मतोप होना। जी मे जी पाना। समावी-वि० [अ० आकस्मिक । आसमानी । देवी। ढाढस बंधना। २ अास्था। भरोसा । विश्वास । ३. प्रोत्साहन । समावृत्त-वि० [स०] १ अच्छी तरह ढका या छाया हुआ। २ घिरा बढावा [को०] । हुआ । लपेटा हुआ । वनयित (को०)। ३ सुरक्षित । अवरुद्ध या समाश्वासन-मचा पुं० [स०] १ ढाँटस बंधाना। सतोप देना। वद किया या (को०)। ४ रोका हुअा (को०)। ५ अाकीर्ण । २ उत्साह बढाना (को०)। विकीर्ण (को०)। समासग-सज्ञा पुं॰ [स० समासङग] १ मिलन । मिलाप । मेल । समावृत्त'- सज्ञा पुं॰ [सं०] वह जो विद्या अध्ययन करके, समावर्तन २ लगाव । साहचर्य (को०)। ३ किसी के जिम्मे करना। काम सस्कार के उपगत, घर लौट आया हो। जिसका समावर्तन सौपना (को०)। सस्कार हो चुका हो। समासंजन - सज्ञा पुं॰ [स० समामञ्जन] १ मिलाना । सयुक्त करना । समावृत्त'--वि० [स०] १ पूर्ण या किया हुआ । २. लौटा हुआ । २ खचित करना। जडना या रखना। ३ लगाव । मेल । वापस (को०।। ३ जुटना। एकत्र होना। ४. जो गुरुकुल सपर्क । सयोग [को०] । से लौटा हो (को०] । समास--स० पु० [स०] १ मक्षेप । २ समर्थन । ३ सग्रह । ४ पदार्थों समावृत्तक-सया पु० [स०] गुरुकुल से शिक्षा समाप्त कर लीटा हुआ का एक मे मिलना । समिलन । ५ व्याकरण मे दो या अधिक स्नातक । दे० 'समावृत्त' (को०] | शब्दो का सयोग । शब्दो का कुछ विशिष्ट नियमो के अनुसार समावृत्ति 1-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ दे० 'समावत्तन' । २ पूर्णता। आपस मे मिलकर एक होना । जैसे,—'प्रेममागर' शब्द प्रेम समाप्ति (को०)। और सागर का, 'पराधीन' शब्द पर और अधीन का, 'लवोदर' समावेश-मचा पु० [सं०] १ एक साथ या एक जगह रहना । २ एक शब्द लव और उदर का सामासिक रूप है। पदार्थ का दूसरे पदार्थ के अतर्गत होना। जमे,-इस एक ही अापत्ति मे आपको सब आपत्तियो का समावेश हो जाता है। विशेष - शब्दो का यह पारस्परिक सयोग सधि के नियमो के ३ चित्त को किसी एक ओर लगाना। मनोनिवेश । ४ अनुसार होता है । हिंदी मे चार प्रकार के ममास होते हे--(१) मिलना । साहचर्य (को०) । ४ घुसना । प्रवेश करना (को०)। ६ अन्ययी भाव जिसमे पहला शब्द प्रवान होता है और जिसका प्रेतावेश (को०)। ७ प्रणयोन्माद। भावावेश (को०)। प्रयोग क्रियाविशेषण के समान होता है। जैसे, - यथाशक्ति, मतैक्य (को०)। ६ व्याप्त हाना (को०)। यावज्जीवन, प्रतिदिन आदि, (२) तत्पुरुप जिममे पहला शब्द सज्ञा या विशेपण होता हे और दूसरे शब्द की प्रधानता रहती समावेशन--सहा पुं० [सं०] १ घुसना। बैठना। २ विवाह की है। जैसे,--प्रथकर्ता, निशाचर, राजपुत्र ग्रादि, (३) नमाना- ससिद्धि, सपन्नता या पूर्णावस्था (को॰) । धिकरण तत्पुरुप या कर्मधारय जिनमे दोनो शब्द या तो विशेय समावेशित-वि० [म०] १ जिसका समावेश किया गया हो (को॰) । और विशेपण के समान या उपमान और उपमेय के ममान २ खचित । जडा हुआ । जटित (को०) । ३ दे० 'समाविष्ट' । रहते है और जिनका विग्रह होने पर परवर्ती एक ही विभक्ति से समाश-संशा १० [स०] अशन । खाना । भोजन ।को०] । काम चलता है । जैसे,—छुट भैया, अधमरा, नवगन, चौमामा समाश्रय-सामा पु० [स०] १ आश्रय । सहारा । २ सहायता । मदद । आदि और (४) द्वद्व जिसमे दोनो शब्द या उनका समाहार ३. पाश्रय स्थान । शरण । शरण गृह (को०)। ४. निवास । प्रधान होता है । जैसे,-हरिहर, गायवैल, दालभात, चिट्ठी- घर (को०)। ५. शरण या सहारा हूँढना (को०) । पत्नी, अन्नजल, आदि। समाश्रयण-सझा पु० [म०] १ 'समाश्रय' ।२ चयन । चुनना । ६ मतभेद दूर करना । अतर दूर करना। विवाद मिटाना (को०)। समाश्रित-वि० [स०] १ जिसने किसी स्थान पर अच्छी तरह ७ सग्रह। सघात (फो०)। ८ पूर्णता। समष्टि (को०।। प्राथय ग्रहण किया हो। २ जा सहारे पर हो । अवलवित ६ सधि। दो शब्दो का व्याकरण के नियमानुसार एक मे (को०)। ३ निवसित । वसा हुआ। अधिष्ठत (को०)। मिलना (को०) । १० सक्षेपण (को०)। ४. सज्जित किया हुआ । जैसे,—कक्ष या घर (को०) । ५. यो०-समासप्राय । समासबहुल । एकत्रित (को०)। समासक्त-वि० [सं०] १ लगा हुआ। जुडा हुआ। अनुस्यूत २ समाश्रित--पु० सेवक । मुत्य [को०] । अनुरागयुक्त । आसक्त। ३. पहुचा हुा । प्राप्त। ४ समाश्लिष्ट-वि० [सं०] १ भलो भांति प्रालिगित । २ सलग्न । प्रभावित । ५. रुका हुआ। ठहरा हुआ। (प्रमाव या असर चिपका या लगा हुआ (को०] । करने में) जैसे, विप (को०) ।
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