पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/५०३

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२७९४ मिट्टी के अंदर फल लगते है जिनके ऊपर कदा और खुरदुरा | भी वर्णन रहता है। साधारणत: मूंगे का दाना जितना छिलका होता है तथा अंदर गोल, कुछ लंबोतरा और पतले ही बड़ा होता है, उतना अधिक उसका मूल्य भी होता लाल छिलकेवाला फल होता है, जो रूप-रंग तथा स्वाद है। कवि लोग बहुत पुराने समय से ओठों की उपमा मूंगे भादि में बादाम से बहुत कुछ मिलता जुलता होता है। से देते आए हैं। इसी कारण इसे चिनिया बादाम भी कहते हैं। पर्या०-प्रवाल । विदुम । फागुन के आरंभ में ही जमीन को अच्छी तरह जोतकर । (२) एक प्रकार का रेषाम का कीड़ा जो आसाम में होता है। दो दो फुट की दूरी पर छः इंच के गड्ढे बनाकर इसके संशा स्त्री० एक प्रकार का गना जिसके रस का गुड अच्छा बीज बो देते हैं; और यदि एक सप्ताह में बीज अंकुरित नहीं होता है। होता, तो कुछ सिंचाई करते हैं । आश्विन कार्तिक में पीले मुंगिया-वि० [हिं० मूग+इया (प्रत्य॰)] मूंग का सा । मूंग के रंग के फूल लगते हैं जो मटर के फूलों के समान होते हैं। रंग का । हरे रंग का। इसके दंठलों की गाँठों में से जो सोरें निकलती हैं, वही संशा पुं० (8) एक प्रकार का अमौआ रंग जो मूंग जमीन के अंदर जाकर फल बन जाती है। इस फल के पक ____ का साहरा होता है। (२) एक प्रकार का धारीदार चारग्वाना। जाने पर मिट्टी खोदकर उन्हें निकाल लेते है और धूप में! -संत्रा भी० [सं० इमश्र, प्रा. मरसु से मच्छु ] ऊपरी ओंठ के सुखाकर काम में लाते हैं। ये फल या तो साधारणत: यों ऊपर के बाल जो केवल पुरुषों के उगते हैं। ये बाल पुरुषत्व ही अथवा ऊपरी हिलकों समेत भाड़ में भूनकर खाण का विशेष चिह्न माने जाते हैं। जाते हैं। इन तेल भी निकाला जाता है जो खाने तथा विशेष-मूंछों पर हाथ फेरना' हिन्दुओं में बहुत दिनों से दूसरे अनेक कामों में आता है। यह तेल जैतून के तेल की। वीरता की अकड़ दिखाने का संकेत माना जाता है। रणक्षेत्र तरह का होता है और प्रायः उसके म्यान में काम आता में वीर लोग मूंछों पर ताव देते हुए चढ़ाई करते कहे जाते है।वद्यक में इसका फल मधुर, स्निग्ध, वात तथा हैं। किसी कठिन काम में सफलता होने पर भी लोग मूंछों फफकारक और कोष्ठ को बद्ध करनेवाला माना जाता है; पर ताव देते हैं। पृथ्वीराज के चाचा कराह के विषय में और किसी किसी के मत से गरम है और मस्तक तथा : प्रसिद्ध है कि उनकी आँखों पर दरबार में सदा पट्टी बँधी वीर्य में गरमी उत्पन्न करनेवाला है। (२) इस क्षुप का रहती थी, क्योंकि जिस किसी का हाथ वे मूंछों पर जाते फल । चिनिया बादाम । विलायती मूंग। देखते थे, उसका सिर उड़ा देते थे। पर्या०-भूचणक । भृशिबिका। मुहा०-मूंछे उखाड़ना कठिन दंट देना । घमंड चूर करना । मूंगा-संज्ञा पु० [हिं० ग] (1) समुद्र में रहनेवाले एक प्रकार ( गाली)। मूंछों पर ताव देना अभिमान से मूंछ मरोकना। के कृमियों के समूह-पिंड की लाल ठठरी जिसकी गुरिया वीरता की अकड़ दिखाना। मूंछे नीची होना=(१)लज्जित होना । बनाकर पहनने है। इसकी गिनती रत्नों में की जाती है। धमट टूट जाना । (२) अप्रतिष्ठा होना । बेइजती होना । मूंछों विशेप-रमुद्र-सल में एक प्रकार के कृमि खोलनी की तरह . पर हाथ फेरना=दे. "मूछों पर ताव देना" । मूंछों का का घर बनाकर एक दूसरे से लगे हुए जमते चले जाते . फँडा करना एक मुसलमानी रस्म जो बेटे के मछे निकलने पर हैं। ये कृमि अचर जीवों में है। ज्यों ज्यों इनकी वंशवृद्धि होती है। होती जाती है, त्यों स्यों इनका समूह-पिड थूहर के पेड़ के 'मुंछी-संज्ञा स्त्री० [देश॰] बेसन की बनी हुई एक प्रकार की आकार में बढ़ता चला जाता है। सुमात्रा और जावा के आस कढ़ी जिसमें बेसन के सेव या पकौड़ियाँ आदि पड़ी होती पास प्रशांत महासागर में समुद्र के तल में ऐसे समूह-पिट है। सेव या पकौड़ियों की कदी। हजारों मील तक खड़े मिलते हैं। इनकी वृद्धि बहुत जल्दी पूंज-संज्ञा स्त्री० [सं० मुज] एक प्रकार का तृण जिसमें डंठल या जल्दी होती है । इनके समूह एक दूसरे के ऊपर पटते चले टहनियों नहीं होती; जड़ से बहुत ही पतली ( जी भर से जाते हैं जिससे समुद्र की सतह पर एक खासा टापू निकल कम चौड़ी ) दो दो हाथ लंधी पत्तियाँ चारों और निकली आता है । ऐसे टापू प्रशांत महासागर में बहुत से है जो रहती हैं। ये पत्तियां बहुत धनी निकलती है जिससे पौधा 'प्रवालद्वीप' कहलाते हैं। मूंगे की केवल गुरिया ही नहीं बहुत सा स्थान घेरता है। पत्तियों के मध्य में एक सूत्र धनती छड़ी, कुरपी आदि बड़ी बड़ी चीजें भी बनती हैं। यहाँ से वहाँ तक रहता है। पौधे के बीचोबीच से एक आभूषण के रूप में मूंगे का व्यवहार भी मोती के समान : सीधा कांड पतली के रूप में ऊपर निकलता है जिसके बहुत दिनों से है। मोती और मूंगे का नाम प्राय: साथ सिरे पर मंजरी या घूए के रूप में फूल लगते हैं । सरकंडे साथ लिया जाता है। रख-परीक्षा की पुस्तकों में मूंगे का। से इसमें यह भेद होता है कि इसमें गाँठे नहीं होती और