पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/५६२

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२५१० दयगर' देवावा दवगर-सवा पु०, वि० [हिं० दब (=क्षाब)+गर दाब या शासन दबस-सधा पुं० [?] जहाज पर की रसद तथा दूसरा सामान । मे पडा हमा । अधिकार माननेवाला । जहाजी गोदाम में का माल । दवटना-कि० महि० दवाना] दवाना । अधिकार मे करना। दवा-वि० [हिं० दवना ] दवाव मे पड़ा हुमा। भार से दवा उ.-इत तुलसी छवि हुलसी छोडति परिमल लपटे। इत हमा । विवश्च । फमोद पामोद गोद भरि भरि सुख दबट।-नद० प्र०, दबाई-सक्षा श्री० [हिं० दवाना ] अनाज निकालने के लिये बालों पु. १२। या डठलो को वैलों के पैरों से गैंदवाने का काम । दबढ़ घुसड़-वि० [हिं० दबाना+घुसना] डरपोक । सब से दबने दबाऊ-वि० [हिं० दवाना ] १ दवानेवाला। २. जिस (गाड़ी पौर डरनेवाला। मादि) का अगला हिस्सा पिछले हिस्से की अपेक्षा अधिक दबवा -सक्षा पुं० [म.] रोवदाब 1 मातक । प्रताप । बोझल हो । दन्त । दवना-कि०म० [स० दमन] १ भार के नीचे माना। बोझ के दबाना-क्रि० स० [२० दमन ] [ सझा, दाब, दवाव ] १ पर नीचे पड़ना। वैसे, मादमियों का मकान के नीचे देवना। से भार रखना। बोझ के नीचे लाना जिसमें कोई बीज २ ऐसी अवस्था में होना जिसमें किसी मोर से बहुत जोर नीचे की ओर स जाय मयवा इधर उधर हट न सके)। पड़े। दाब मे माना। ३ (किसी भारी शक्ति का सामना जैसे, पत्थर के नीचे किताब या कपड़ा दबाना। २. किसी होने अथवा दुर्वशता प्रादि के कारण) अपने स्थान पर स पदार्य पर किसी मोर से बहुत जोर पहुंचाना । जैसे, उँगली ठहर सकना। पीछे हटना । ४ किसी के प्रभाव या मातंक से काग दवाना, रस निकालने के लिये नीबू के टुकडे को मे पाकर कुछ कह न सकमा प्रयवा अपने इच्छानुसार प्राचरण दबाना, हाय या पेर दवाना! ३ पीछे हटाना। जैसे,- न कर सकना । दवाव में पहकर किमी के इच्छ नुसार काम राज्य की सेना शत्रुमों को बहुत दूर तक दबाती चली गई। करने के लिये विवश होना। जैसे,—(क) कई कारणों से वे ४ जमीन के नीचे गाहना । दफन करना । हमसे बहुत दबने हैं। (ख) माप तो उनसे कमजोर नहीं हैं. संयोकि०-देना। फिर क्मो दवते हैं। ५ अपने गुणा मादि की कमी के कारण ५ किसी मनुष्य पर इतना प्रभाव डालना या प्रातक जमाना किसी के मुकाबले में नेक या पच्छा न जंचना । जैसे,—यह कि जिसमे वह कुछ कह न सके अथवा विपरीत आचरण माला इस कठे के सामने दव जाती है। ६. किसी बात का न कर सके। अपनी इच्छा के अनुसार काम कराने के लिये अधिक बढ़ या फैल न सकना । किसी बात का जहाँ का तहाँ दवाव बालना। जोर डालकर विवश करना । जैसे,—(क) रह जाना । जैसे, खबर दवना, मामला दवना। उ०- कल बातो बातों में उन्होंने तुम्हें इतना दवाया कि तुम कुछ नाम सुनत ही ह गयो तव प्रोरे मन मोर। द नही चित बोल ही न सके। (ख) उन्होंने दोनों मादमियों को दराकर चढ़ि रह्यो पवई चढ़ाए त्यौर। बिहारी (गन्द०)। ७. मापस में मेल करा दिया। ६ अपने गुण या महत्व की उमड न सकना । शात रहना । जैसे, बलवा बना, क्रोध अधिकता के कारण दूसरे को मंद या मात कर देना। दूसरे दवना। ८ अपनी चीज का अनुचित रूप से किसी दूसरे के के गुणो या महत्व का प्रकाश न होने देना । जैसे,—इस नई अधिकार में चला जाना । जैसे,--हमार सौ रुपए उनके यहाँ इमारत ने मापके मकान को दवा दिया। दवे हए हैं। ऐसी अवस्था में आ जाना जिसमें कुछ वसन सयो० कि० --देना 1--रखना । पल सके । जैते,-वे प्राजकल हर की तगी से दबे हुए हैं। ७ किसी बात को उठने या फैलने न देना । जहाँ का उहाँ संयो० क्रि०-जाना। रहने देना । ८. उमाने से रोकना। दमन करना। शात १० धीमा पडना । मद पड़ना । करना। जैसे, बरवा दवाना, कोष दबाना । मुहा०-दवी मावाज=धीमी पावाज = वह मायाज जिसमे कुछ संयो क्रि०-देना ।—लेना। जोर न हो। दबी जवान से कहना = मस्पष्ट रूप से कहना। - किसी दूसरे की चीज पर अनुचित प्रधिकार करना । कोई किसी प्रकार के भय मादि के कारण साफ साफ न कहना काम निकालने के लिये प्रयवा बेईमानी से किसी की पीज रल्कि इस प्रकार कहना जिमसे केवल कुछ ध्वनि व्यक्त हो । अपने पास रखना । जैसे-(क) उन्होने हमारे सौ रुपए दवा दवे दवाए रहना = शातिपूर्वक या चुपचाप रहना । उपद्रव या सिए । (ख) प्रापने उनकी किताव दबा ली। कार्रवाई न करना। दवे पांव या पैर (चना) = इस प्रकार सयोकि-बैठना ।-~~ रखना।-लेना। (चलना) जिसमें किसी को कुछ माहट न लगे। १. झोंक के साथ बढ़कर किसी चीज को पकड़ लेना। ११ संकोच करना । मेंपना। सयो० क्रि० - लेना। मोसमा पु० [देश॰] एक प्रकार का बकरा जो हिमालय में ११-ऐसी अवस्था में ले माना जिसमें मनुष्य असहाय, दीन या होता है। विवश हो जाय । जैसे,—माजकल रुपए की तंगी ने उन्हें बवाना--क्रि० स० [हिं० पवना का प्रे० रूप ] दवाने का काम दवा दिया। पूसरे से कराना । दूसरे को दबाने में प्रवृत्त कराना। दवावा--सचा पुं० [१०] युद्ध की सामग्री में लकड़ी का एक प्रकार