पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/९६

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खुसीटा .. ११७२ खुर्दी खरसीटा-संज्ञा पुं० [सं० खुर+सीदित पीड़ित अथवा सं० खुर खुराही-संघा श्री. [हिं० खुर+फा० राह] कहारों की भाषा में +देश सोटा पशुओं के खुरों का एक रोग जिसे खुरपका .. रास्ते का कचानीचापन सूचित करनेवाला एक शब्द । खुरिया--संशा स्त्री० [फा०(माब) खोरा] १. कटोरी। छोटी " विशेष-दे० 'खुरपका'। 2. प्याली । २. घुटने, के जोड़ पर की गोल हड्डी ।: खुरहरा-संशा सौर [हिं० खुर+हर (प्रत्य०)] १.खुर का चिह्न । खुरी'--संज्ञा श्री० [हिं० सुर] टाप का विह्न । सुम का निशान । जंगल प्रादि में पगडंडी की भांति खुर से बना हुया पतला मुहा०-खुरी करना=(१) घोड़े बैल प्रादि समवाले पशूनों का ... रास्ता, जिसपर पशु चलते हैं। ...पैर से जमीन खोदना । उ--बहु चंचल वाजि करंत करी। क्रि० प्र०-पड़ना।-लगना। -हरासो०, पृ०७८ । (२) वड़त ..जल्दी करना। ३ तंग रास्ता । पगडंडी। खुरी:-संक्षा मी० [देश॰] इतना तेज बहनेवाला पानी जिसके विरुद्ध खुरहा-संशा पुं० [हिं० खुर+हा (प्रत्य॰)] पशुपों का- 'खुरपका' . नाव न चल या चढ़ सके-(मल्लाहों की भाषा)।... .. नाम का रोग । खुरी-संशा पुं० [सं० खुरिन्] खुरवाला पशु । खुरहुर-संज्ञा पुं० [हिं० खुर+हर] दे० 'खुरू। खुरुक-संज्ञा पुं० [हिं० खुटका] खुटका। खटका । अाशंका । उ०- खुरा-संवा पुं० [हिं० खुरहा] पशुनों के खुरों का 'खुरपका' नाम का मोटे बड़े सोइ टोई धरे । ऊबर दूबर खुरुकन चरे । -जायसो .: रोग । खुरहा । वि० दे० 'खुरपका'! खुरा-संशा पुं० [सं० सुर लोहे का एक काटा जो हल में फाल या खुल्चन, खुरुचनीं -संचा सीः [हिं० खुरचना] १. किसी चीज का -कुर्सी की दृढता के लिये लगाया जाता है। " वह जमा हुमा भाग जो खुरचने से अलग हो सके। २. खुराई-संशा सौ० [हिं० खुर] बह रस्सी जिससे पशुओं के दोनों खुरचने का प्रौजार । . - पैर परस्पर बांध दिए जाते हैं। खुरुहरा-संक्षा नौ० [हिं०] ३० 'खरहरा। खरू-संज्ञा पुं० [हिं. खुर] १. खुर या टापत्राले पशुओं की खुर से 'खुराक' संश पुं० [सं०] [लो खुराका] पशु को०)। " ... भूमि खोदने की क्रिया जिसमें वे प्रायः डकारते या रंभाते भी खुराकर-संश पुं० [फा० खुराक] भोजन । खाना। २. . . है। चौपाए ऐसा क्रोध या प्रसन्नता के समय करते खूराकी-संदा सो [फा० खराक] वह नगद दाम जो खगक के लिये दिया जाय। ...., उपद्रव । नटखटी। बखेड़ा.। टंटा । ३. सत्यानाश । ध्वंस। - खराकी-वि० अधिक खानेवाला। खुहरू--संज्ञा पुं॰ [देश॰] नारियल की गये।--(बुदेलखंड)। खुराधात-संज्ञा पुं० [सं० खुर+याघात) खुरका प्रहार । 'सुम या खुद-वि० [फा० खुर्दै] १. छोटा। लघु । 'कला का उलटा IP टाप की मार। ... करण । जरी खुराफात--संथा पी० [अ० खुराफत का बहु २०] १. बेहूदा और रद्दी खुदनी.'---वि० [फा० खुर्दनी] खाद्य । भोजन के योग्य । . बात । ३. गाली गलौज ! खुर्दनी-संशा लो० खाद्य पदार्थ । भोजन की वस्तु । क्रि० प्र०-बकना। खदेवीन-संज्ञा स्त्री० [फा० खुर्दबीन] एक विशेष प्रकार के शीशे ३.मगड़ा । बसेड़ा। उपद्रव । - का बना हुप्रा वह यंत्र' जिससे छोटी वस्तु बहुत बड़ी देख क्रि० प्र०—करना । ---मचना ।-मचाना । —होना। 'पड़ती है। सूक्ष्मदर्शक यंत्र। खुराफाती वि० [अ० खुराफात ] १.बेहूदा और रद्दी बात करने- खुर्दबुर्द-नी० वि० [फा० खुर्दबुर्द ] १. नष्ट भ्रष्ट 1 २. समाप्त । ३. वाला । २. गाली गलौज करनेवाला। ३. झगड़ा, वखेडा या गायव । ३०-वस, अब माल खुर्दबुर्द करने की कोई तदवीर उपद्रव करनेवाला। .. करनी चाहिए। श्री निवास न०, पृ०१२०।। खरायल-संशा पुं० [हि० खुर+पायल] वह खेत जो बोने के खुर्दसाल--वि० [फा० खसाल]. अल्पवयस्क । कमसिन । उ०- लिये तैयार हो। .. जो पड़ते दर्स जव थे खुर्दसाल । मस्जिद के दरमियान तख्ती खुरालक-संहा पुं० [सं०] लोहे का वाण [को०] 1 . कतें ले । दक्खिनी०, पृ० ११५ ॥ सरालिक-संडा पुसिंग प्रस्तुरे का घर । नाई का सामान रखने . खुर्दसाली-संज्ञा खी [फा० खुर्दसाली]. वाल्यावस्था। शिशुता। की किसवत । २. लोहे का वाण । ३. तकिया को - अल्पवयस्कता [को०] : खरासान--संझा पुं० [फा०खुरासान [वि० खुरासाना] फारस खुश खुर्दा-संक्षा पुं० [फा० खुर्दह ] १. छोटी मोटी चीज । २. टुकड़ा। का एक बढ़ा सूवा। .: ..:. कण (को०)। २. रेजगारी । खेरीज (को०)। ३. अल्प मात्रा विशेष--यह अफगामिस्तान के पश्चिम में बिलकुल सटा हुआ है। यहां की प्रजवाइन बहुत प्रसिद्ध पौर अच्छी होती है। .... (को०)। . . . . : 'खुरासानी घोड़ा और यहाँ की तलवार भी प्रसिद्ध थे । खफिरोश-संज्ञा पुं० [फा० खुर्दहकरोग] छोटी मोटी फटकर खुरासानी-वि० [फा०] खुरासान संबंधी।' खुरासान का । जैसे, .. चीज बेचनेवाला । फुट करिया। . . .

:. खुरासानी अजवाइन । । ... ... ......

____ खुर्दी-संबा सी० [फा० खुर्दी]: लवृता। छोटाई [को०] 1. ...