पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/८९

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खींचातान ११६५ खिल्यौरी खींचातान--संशा सी० [हिं॰] दे० 'खींचतान' । उ०-जम द्वारे पर खीपल-संज्ञा पुं० [सं० क्षिप्त ] बावला पागल । उ०-ॐ दिन दूत सब, करते खींचातान । तिन ते कब न छूटता, फिरता खीपट दूर गए अव सो दंड एकासी।- भारतेंदु ग्रं०, मा० चारो खान 1--कबीर सा०, पृ०७। . खींचातानी-मक्षा ली० [हिं०] दे० 'खींचतान'। खीमा--संज्ञा पुं० [हिं० खेमा ] दे० 'खेमा । खीखर-संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का बनबिलाद जिसे कटास भी खीर -संज्ञा सी० [सं० क्षोर ] दूध में पकाया हुग्रा चावल । कहते हैं। विशेष लोग प्रायः तीखुर, घीया (लीग्रा) या इसी प्रकार खीच@ -संज्ञा स्त्री० [हिं०] दे० 'खिचड़ी' 10 -करमावाई बीच के और पदार्थ भी दूध में पकाते हैं, जिसे खीर कहते हैं। । पवायो उठ परभात सवारे । शुचि संबम किरिया नहिं देखी मुहा०-संवा खीर चटाना बच्चे को पहले पहल अन्न खिलाना। प्रेम भक्ति के प्यारे :--राम धर्म०, पृ०५। अन्नप्राशन नामक संस्कार । खोज-संपाश्री. हिं० खीजना] १.सीजने का भाव । अझनाहट। खीर@-संज्ञा पुं० [सं०' क्षीर ] दूध । उ०—(क) भरत-विनय उ०-रीझ सीज प्रौत्र फौज दान श्री कृपान ऊंचे जगत बनाने सुनि सब हि प्रसंसी । खोर नीर बिबरन गति हुँसी। मानस, दोऊ हाय गोपीनाय के मतिराम (शब्द०)।२. चिढ़ाने २रा ३१३ । (ख) खीर खड़ानन को मद केशव सो पल में का शब्द या वाक्य । वह वात जिससे कोई चिढ़े। करि पान लियोई -केशव (शब्द०)। महा.--खोज निकालना=किसी को चिढ़ाने के लिये कोई नई खोरवाई हो । ने क लिये कोई नइ खोरचटाई-संज्ञा स्त्री० [हिं० खीर+चटाना ] बच्चे को पहले- वात निकालना। पहल अग्न खिलाने का संस्कार । अन्नप्राशन । खीजना-क्रि ०[सं० विद्यते, मा० खिज्जइ ] दुखी मोर क्रुद्ध खीरमोहन-संक्षा पुं० [हिं० खीर+मोहन] देने की बनी हुई एक होना । अझलाना । खि जलाना । प्रकार की बंगला मिनाई। खीझg+-संवा सी० [हिं०] दे० 'खीज । उ०---खी झहू में रीझिवे खीरा-संवा ० [सं०क्षीरक 1 बरसात में होने वाला ककड़ी की की बानि राम रीझत हैं, रीझे ह्व हैं राम की दोहाई रघुराय जाति का एक फल । जू । -तुलस' (शब्द०)। . विशेष-यह कुछ मोटा और एक वालिस्त तक लंबा होता है । खीझना --क्रि० प्र० [हिं०] दे० 'खोजना'। उ०--दीन के इसकी तरकारी भी बनती है। परंतु अधिकतर लोग इसे नमक दयाल को अनूठी यह चाल पाली, खीझत है मान गहे रोझत मिर्च के साथ कच्चा ही खाते हैं। इसके बीज दवा के काम नवनि -दीनदयालु (शब्द०)। में पाते हैं। फल तथा बीजों की तासीर ठंढी है। ... खोरण -वि० [सं०क्षीण, प्र० खण] दे० 'क्षीण' । उ०- हुए मुहा०-खोरा ककड़ी = अत्यंत तुच्छ वस्तु । गाजर मूली। .. हिंद वलहीण, धरा पण हीरण सुरां भ्रम । मिठ नद मरजाद, खीरी-संधाश्री. सं० क्षीर ] चौपायों के थन के ऊपर का वह भेद गुण आदि पड़े भ्रम ।--रा० रू०, पृ० २२। मांस जिसमें दूध वनता और रहता है। बाख ।. . खीन-+-वि० [सं० क्षण ] [वि० को खीनो] क्षीण । उ०-- खीरीधा मौ० सं०क्षीरिणी 1खिरनी नाम का फल । १०- दीन महम्मद को करि खीन मलीन करौं मुला की छवि कोइ दारिउँ, कोइ दाख प्रो खोरी। कोई सदाफर तुरंग वाड़ी :--हम्मीर०, पृ० १६ उ-वसा लंक बरन जगा गेंगीरी।—जायसी (शब्द०)। झीनी । तेहि ते अधिक लंक वह सीनी !--जायसी ग्रं० ° खोरोंदक र -संवा पुं० [सं० खीरोदक ] दे० 'क्षीरोदक' । उ०- (गुप्त), पृ० १६७ । . कहा भयो मेरो गुह माटी को । नवतन खौरोदक युवती पै खीनता@-संक्षा को [ सं० क्षीणता ] क्षीणता । कृशता । भूपन हुतं न कहुँ माटी को 1-सूर (शब्द०)। ..: खीनताई-संशा सी० [हिं० खीनता+६ (प्रत्य॰) दे० सीनता। खील-संज्ञा स्त्री० [हिं० खिलना] भूना हा घान लावा सीनि--वि० [हिं० 12. 'क्षीण' । उ०-ॐ ससि सीनि गहन। खील-संवा श्रीहिः कील] १. कील । कोटा मेख । २. लाग असि गही। बिधुरे नसत सेज भरि रही।-जायसी पं० नाम का जेवर जिसे स्त्रियां नाक में पहनती हैं । ३. मांसकील । (गुप्त), पृ० ३३६१ खील संवा सी० [ देश० ] भूमि जो बहुत दिनों तक परती पड़ी। खीप-संश पुं॰ [देश॰ [ १. एक प्रकार का धना सीधा पेड़ । उ०- बीप पिदार कोमल भिडी।-सूर [ शब्द०)। रहने के उपरांत पहले पहल जोती गई हो ! नौतोड़। .. विशेष-यह सिंध, पंजाब, राजपूत और अफगानिस्तान की। , स्नीलना-क्रि० स० [हिं० खोल ] हिमके गोदकर. पत्ते के दोने पथरीली और बलुई जमीन में होता है । इसकी पत्तियां छोटी आदि का मुंह बंद करना । खोल लगाना। . ...: सौर लंबोतरी होती हैं और इसमें बांट के दिनों में छोटे लंबे खाला-संवा पुं० [हिं०. फोल]. टा। मेख । कोल। उ०-दादू फूल निकलते हैं । इसकी पत्तियां और टहनियां शीतल होती खोला गाडि का निहचल थिर न रहा। दाद पर महिं सौन हैं और राजपूताने में चारे के काम में आती हैं। पंजाब में ... के भरमइ दह दिसि आई-दादू (शब्द०)। इसके रेशे से रस्सियां बनाई जाती हैं। . . खीली-संघा भी हि खील] पान का बीड़ा खिल्ली। २. लज्जालु । लजाधुर । ३. गंधप्रसारिणी। गंधपसारा। खील्योरी.-संवा पुं० [देश॰] गड़ेरिया । 30. दोला,, खील्यौरी .