पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/८

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संकेतिका

[ उद्धरणों में प्रयुक्त संदर्भग्रंथों के इस विवरण में क्रमशः ग्रंथ का संकेताक्षर, ग्रंथनाम, लेखक या संपादक का नाम और प्रकाशन के विवरण दिए गए हैं।] • अंधेरे० : अंधेरै की भूख, डा० रांगेय राघव, किताब महल, अर्ध अर्धकथानक, संपा० नायराम प्रेमी, हिंदी इलाहाबाद, प्रथम संस्करण - ग्रंथ रलाफर कार्यालय, बंबई, प्र० सं० प्रकवरी प्रकवरी दरबार के हिंदी कवि, डा० सरजूप्रसाद अष्टांग (शब्द०) अष्टांग योगसंहिता अग्नवाल, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनक, सं० प्राधी, आँधी जयशंकर प्रसाद, भारती भंडार, २००७ इलाहाबाद, पंचम सं० अग्नि .. अग्निशस्य, नरेंद्र शर्मा, भारती मंडार, इलाहा- आकाश० भाकाशदीप, जयशंकर प्रसाद, भारती भंडार, बाद, प्र०सं० . इलाहाबाद, पंचम सं० . प्रजात० प्रजातनत्र, जयशंकर प्रमाद, १६ सं. प्राचार्य प्राचार्य रामचंद्र शुक्ल, चंद्रशेखर शुक्ल, वाणी वितान, वाराणसी,प्र०सं० .णिमा अणिमा, पं० सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला', युग मंदिर, उन्नाव नादि० आदिभारत, अर्जुन चौबे काश्यप, वाणी प्रतिमा अतिमा, सुमित्रानंदन पंत, भारती विहार, बनारस, न० से०, १९५३ ई० भंडार, इलाहवाद, प्र० सं० आधुनिक आधुनिक कविता की भाषा अनामिका . 'अनामिका, पं० सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', प्रानंदघन (शब्दकवि भानंदघन 'प्र० सं० पाराधना, सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला', साहि- त्यकार संसद्, इलाहाबाद, प्र०० अनुगग० अनुरागसागर, उपा० स्वामी युगलानंद विहारी, श्रा, प्रा, सियारामशरण गुप्त,साहित्य सदन, . वेंकटेश्वर प्रेस, बंबई, प्र० सं० चिरगांग, झांसी, प्र० सं०,१९८४ वि० अनेक (शब्द०) अनेकार्थ नाममाला (शब्दसागर) आर्य भा. पार्यकालीन भारत . अनेकार्य . अनेकार्थमंजरी और नाममाला, संपा० बलभद्र प्रायों का आदिदेश, संपूर्णानंद, भारती भंडार, . माया . प्रसाद, मिथ, युनिवसिटी आफ इलाहाबाद लीडर प्रेस, इलाहाबाद, १९६७ वि०, न० सं० ..... ...... स्टडीज,प्र० सं० . . इंद्रजाल, जयशंकर प्रसाद, ल डर प्रेस, इलाहा- , अपरा. . अपरा, पं० सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला', भारती इंद्र० . ..' वाद, प्र० सं० . भंडार, लीडर प्रस, प्रयाग- इंद्रावती, संपा० श्यामसुंदरदास, ना० प्र० अपलंक अपलक, बालकृष्ण शर्मा 'नवीन', राजकमल ...... सभा, वाराणसी, प्र०सं० . . . प्रकाशन, प्र० सं०, १९५३ ई० __ इंशा, उनका काव्य तथा रानी केतकी की अभिशप्त अभिशप्त, यशपाल, विप्लव कायलिग, लखनऊ, इशा कहानी, संपावरत्नवास, कमलमरिण. ग्रंथ- १६४४ ई. माला, बुलानाला, कारी प्र० सं० प्रतीत० . . . .अठीत स्मति, महावीरप्रसाद द्विवेदी, लीडर इतिहास हिंदी साहित्य का इतिहास, पं० रामचंद्र प्रेस, इलाहाबाद, १६३० ई० शुक्ल, ना०प्र० सना, वाराणसी, नवाँ सं०। अमृनसागर(शब्द०) अमृतसागर " . इत्यलम् इत्यलम्, 'अन य' प्रतीय प्रकाशन केंद्र, दिल्ली अयोध्या (शब्द०) अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' इरा० इरावती, जयशंकर प्रसाद, भारती भंडोर, परस्तू. .. अरस्तू का काव्यशास्त्र, डा० नगेंद्र, लीडर. इलाहाबाद, चतुर्थ सं० प्रेम, इलाहाबाद, प्र० सं०, २०१४ वि० । उत्तर उत्तररामचरित नाटक, प्रनु० पं० सत्यनारायण मर्थना .. अर्चना, पं० सूर्यकांत त्रिपाठी निराला', कला- फविरत्व, रत्नाघम, आगरा, पंचम, सं० मंदिर, इलाहाबाद एकांत. एकांतवासी योगी, अनु० श्रीधर पाठफ, इंडियन प्रर्थशास्त्र, कोरिय, [५ खंड] संस० पार० प्रेस, प्रयाग, प्र० सं०, १९८६वि० शाम शास्त्री, गवर्नमेंट ग्रांव प्रेस, मैसर, प्र. कंकाल । फैकाल, जयशंकर प्रसाट, सीडर प्रेस, इलाहा. ०, १६१६ ई० .. . वाय, सप्तम म. .. . . areer -.- . - . - .