पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४७२

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'चीति चीनाचंदन चीति -संहा पुं० [सं० चित्र ] दे० 'चिन'। यौ०-चीन की दीवार एक प्रसिद्ध दीवार जिसे ईसा से प्रायः चीतोड़ा-संज्ञा पुं० [हिं० चित्तौर ] दे० 'चित्तौर' । उ०-पाई दो सौ वर्ष पूर्व एक चीनी सम्राट् ने जत्तरीय जातियों के . कंकरण सिर बंधीयो मोड़ । प्रथम पयाग दूरग चीतोड़।- 'अाक्रमण से अपने देश की रक्षा करने के लिये बनवाया था। वी. रासो, पृ० (२। यह दीवार प्रायः १५०० मील लंबी है और बहुत ऊंची, चीत्कार-संज्ञा पुं० [सं०] चिल्लाहट । हल्ला। शोर । गुल । चिल्लाते चौड़ी और दृढ़ बनी है। इसका कुछ अंश मंगोलिया और का शब्द। चीन देश की विभाजक सीमा है। इसकी गणना ससार के चीथड़ा-एंगा पुं० [हिं० चीथना] फटे पुराने कपड़े का छोटा रद्दी टुकड़ा। सात सबसे अधिक आश्चर्यजनक पदार्थों (सप्ताश्चर्य) में की फि०प्र०.--जोड़ना ।-पहनना ।- वनना ।—होना। जाती है। महा०-चीथड़ा लपेटना= फटा पुराना और रद्दी कपड़ा पहनना। मुहा०-चीन का, या चीनी फा वरतन या खिन आदि दे० ' चीथड़ों लगना = बहुत दरिद्र होना। इतना दरिद्र होना कि 'चीनी मिट्टी'। ... . .. पहनने को केवल चीथड़े ही मिलें।। है. उक्त देश का निवासी। चीथना-क्रि० स० [सं० चीर्ण ] टुकड़े टुकड़ें करना । चौथना । चीन-संहा पुं० [हिं० चीन्ह] दे० 'चिह्न। .. .. फाड़ना (विशेषत: कपड़े के लिये)। चीन -संझा पुं० [सं० चयन ] दे॰ 'चुनन' । चीथरा-संक्षा पुं० [हि० चीथ हा] दे० 'चीथड़ा। चीनक - संशा पुं० [सं०] १: चेना नामक अन्न । २. कॅगनी नामक चीदह - वि० [फा०चीवह या चिदः] चुना हुमा।छोटा हुआ (क्व०) अन्न । ३. चीनी कपर । .. चीदा- वि० [फा चीदह.] २० 'चीदह । चीनकपूर-संज्ञा पुं० [सं०] चीनी कपूर । चीन-संघा पुं० [सं०] १. झडी । पताका । २. सीसा नामक धातु। चीनज-संक्षा पुं० [सं० एक प्रकार का इस्पात लोहा जो चीन से । नाग । ३. तागा । सूत । ४. एक प्रकार का रेशमी कपड़ा। प्राता है। ५. एक प्रकार का हिरन । ६. एक प्रकार की ईख । ७° एक चीनना-क्रि० स० [हि.'चीन्हना 12. 'चीना' ।" प्रकार का साँवा अन्न । दे० वि० 'चेना'। ८. एक प्रसिद्ध पहाड़ी द्वादश धनुष द्वादशै विष्का मनमोहन पट चितुक चिह्न चित देश जो एशिया के दक्षिण-पूर्व में है। इसकी राजधानी चीन ।-सूर (शब्द०)। पेकिंग है। ... विशेष-यहाँ के अधिकांश निवासी प्रायः बौद्ध हैं। चीन के चीनपिष्ट-संज्ञा पुं० [सं०] १. सिंदूर । सेंदुर । २. इस्पात लोहा । निवासी अपनी भाषा में अपने देश को 'चंगक्यूह' कहते हैं। चीनवंग-संघ पुं० [सं०] सीसा नामक धातु। ' .. कदाचित् इसीलिये भारत तथा फारस के प्राचीन निवासियों चीनांशुक-संज्ञा पुं० [सं०] १.एक प्रकार की लाल बनात जो पहले चीन से आती थी। २ चीन से आनेवाला एक प्रकार का ने इस देश का नाम अपने यहाँ 'चीन' रख लिया था। चीन .. कपड़ा । ३. रेशमी वस्त्र । उ०-- शुचिते, पहनाकर चीनांशुरू देश का उल्लेख महाभारत, मनुस्मृति, ललितविस्तार आदि . रख सका न तुझे अतः दधि मुख। -अपरा, पृ० १६६ । मंथों में वरावर मिलता है। यहाँ के रेशमी कपड़े भारत में चीना-संज्ञा पुं० [हिं० चीन ].१ चीन देशवासी। २. एक तरह चीनांशुक नाम से इतने प्रसिद्ध थे कि रेशमी कपड़े का नाम ही का साँवां । वि० दे० 'चेना' । ३. चीन देश का एक सुकुमार 'चीनांशुक' पड़ गया है। चीन में बहुत प्राचीन काल का क्रम- वृक्ष । उ०—मृदुलता सिरिस मुकुल सुकुमार, विपुल पुलका- .. बद्ध इतिहास सुरक्षित है। ईसा से २६५० वर्ष पूर्व तक के वलि चीना डाल।-गुजन, पृ०५०।। राजवंश का पता चलता है। चीन की सभ्यता बहुत प्राचीन है, यहाँ तक कि युरोप की सभ्यता का वहुत कुछ अंश-जैसे, चीना-वि० चीन देश संबंधी। चीन देश का । जैसे-चीना वादाम । -पहनावा, बैठने और खाने पीने आदि का ढंग, पुस्तक छापने की चीना-संज्ञा पुं० [सं० चिह्न ] एक प्रकार का सफेद कबूतर जिमके कला आदि--चीन से लिया गया है। यहाँ ईसा के २१७ वर्ष '. शरीर पर लाल या काली चित्तियाँ होती हैं। ... पूर्व से बौद्ध धर्म का संचार हो गया था पर ईसवीं सन ६१ चीना-संक्षा पुं० [सं० चीनाक] चीनी कपूर। .. में मिगती राजा के शासनकाल में, जब भारतवर्ष से ग्रंथ चीनाक-संक्षा पुं० सं०] चीनी कपर ।' . .. और मूर्तियाँ गई, लोग बौद्ध धर्म की ओर आकर्षित होने लगे। चीना ककड़ी-संत्रा की० [सं० चीना-कर्कटी] एक प्रकार की सन् ६७ में कश्यप मतंग नामक एक बौद्ध पंडित चीन में गए छोटी ककड़ी। और उन्होंने 'द्वाचत्वारिंशत् सूत्र' का चीनी भाषा में अनुवाद - विशेष वैद्यक में इसे शीतल, मधुरं, रुचिकारक, भारी, वात- । किया। तबसे वरावर चीन में बौद्ध धर्म का प्रचार बढ़ता . बद्धक, पित्तरोग नाशक और दाह, शोथ आदि को हरनेवाली गया । चीन से झंड के झड यात्री विद्याध्ययन के लिये भारत वर्ष में पाते थे। चीन में प्रवतक ऐसे कई स्तूप पाएं जाते हैं चीनाचंदन-संज्ञा पुं० [हिं० चीना-+चंदन ] एक प्रकार का पक्षा । जिनके विषय में चीनियों का कथन है कि वे सम्राट अशोक के जो दक्षिण भारत में पाया जाता है। .. बनवाए हैं। विशेष—इसके पीले शरीर पर कालो धारियाँ होती है और