पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/२००

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गाला १२७७ गावजवान रूई जो कपास के डो के फटने पर उसमें से निकलती है।- गालोगुफ्ता----संक्षा पुं० [हिं० गाली+फा० गुफ्तार = कहना] १. । (पंजाब)। परस्पर गोली प्रदान । तू तू मैं मैं । गालियों की लड़ाई । २. । मुहा०--रूई का गाला=बहुत उज्वल । सफेद । धौला । गोला गाली। दुर्वचन । . सो = बहुत उजला । सफेद । धौला। कि प्र-करना ।---देना ।-बकना ।-होना। . । गाला -संथा पुं० [हिं० गाल ] १. बड़बड़ाने की लत । अंडबंड गोलू-वि० [हिं० गाल+ऊ (प्रत्य०) ] १.व्यर्थ बढ़ बढ़कर बाते __बकने का स्वभाव । मुहजोरी । कल्लेदराजी । २. ग्रास । कौर। करनेवाला। गाल बजानेवाला। बकवादी। २. डींग हाँकने- । । गालि-संशा छौ० [सं०] गाली [को॰] । वाला । शेखीवाज । गलित-वि० [सं०] १ अर्क की तरह बींचा अथवा निचोड़ा हुआ। २. गलाया हुआ (को०। गालोडित'-वि० [सं०] १. नशे में चूर । २. बीमार । अस्वस्थ ।। गालिनी--संवा सो [सं०] तंत्र की एक मुद्रा। ३. मूर्ख (को०] । गालिव-वि० [अ० गालिब ] १. जीतनेवाला । बढ़ जानेवाला। गालोडित-संधा पुं० १. परीक्षण । जाँच । २. अनुसंधान [को०। । विजयी । श्रेष्ठ । जैसे,—गुल पर गालिव कमल हैं कमलन पर गालोड्य - संज्ञा पुं० [सं०] १. कमल गट्टा। २. एक प्रकार का । सु गुलाब ।--पद्माकर (शब्द०)। अनाज। मुहा०--(किप्ती पर) गालिव प्रोना यो होनाजीतना। गाल्हना-क्रि० अ० [सं० गल्प :- बात बात करना । बोलना। आगे बढ़ जाना। उ०-अठपहरे परत मैं कभोई आहे। दादू-पसे तिनके ग्राला । २. उर्दू के एक प्रसिद्ध कवि का उपनाम । गल्हाए ।-दादू (शब्द०)। विशेष-इनका पूरा नाम मिर्जा असदुल्ला खाँ था । संवत् १८५३ गाल्ही@...-संज्ञा स्त्री० [पं० गल] वार्ता । यातचीत । उ०--गुभयू" । में इनका जन्म और मृत्यु संवत् १६२६ में हुई थी। पहले गाल्ही कंनि ।-दादू०, पृ० १२६॥ इन्होंने अपना उपनाम 'असद' रखा था । गालिब मुख्यतः फारसी के कवि थे। फारसी में इनकी कई पुस्तके हैं। उर्दू में गाव--संज्ञा पुं० [सं० गो। तुल० फा० गाव ] गाय । वैल। । इनका एक ही दीवान है। फिर भी उर्दू के कवियों में ये यौ--गावकुशी। गावजबान । गावदुम । गावतकिया। गावखाना । सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। पद्य के साथ इनका उर्दू गद्य भी गावपछाड़। नीलगाव ।। आदर्श माना जाता है। इनके गद्यग्रंथों में 'उर्दू-ए-मुअल्ला' गावकुशो-संद्धा खी० [फा०] गोधात । गोवध । जिसमें इनके पत्रों का संग्रह है, तथा 'ग्रौद-ए-हिंदी गावकुस--संज्ञा पुं० [सं० ग्रीवा=गला+कुश= फाल] लगाम (डि.)। । गालिबन--क्रि० वि० [अ० गालिबन् ] संभवतः । वहुत संभव है। " गावकोहान--संशा पुं० [फा०] वह घोड़ा जिसकी पीठ पर वैल की | गालिमg--वि० [अ० गालिब प्रवल । दढ़ । प्रचंड बलवान तरह कूबड़ निकला हो। (ऐसा घोड़ा दोषी माना जाता है।) गालिमबालप्रवल । प्रचडवलवान् । विजयी ।-रि के ग्रस्यो है गजराज गोड़ गोटयो ग्राह, गावखाना-संज्ञा पुं० [फा० गाव+खानह ] गोशाला । खरक । धारी। गालिम गंभीर नीर चाह्यो सो गिरायो है |--रघुराज गावखुर्द-वि० [फा० गावखुर्द] १. गुम । हड़प । गायब । लापता।। (शब्द०)। २. नष्ट भ्रष्ट । वरवाद । गाली--संज्ञा सी० [सं० गालि] १. निदा या कलंकसूचक । मुहा०--गावखुर्द होना=(१) बरवाद होना। नष्ट भ्रष्ट हो __ वाक्य । फूहड़ बात । दुर्वचन । योगाली गलौज । गाली गुफ्ता। . जाना । चौपट हो जाना। (२) गायब होना । लापता होना।। उड़ जाना । जैसे-देखते ही देखते किताब यहां से गावखुर्द. क्रि० प्र०--उगलना |---देना । --बकना ।--सुनना ।--सुनाना । हो गई। मुहा---गाली खाना-दुर्वचन सुनना । गाली सहना । गाली देना=दुर्वचन कहना । गालियों पर उतरना=गालियाँ देने गावधप, गावधप्प----वि० [फा० गाव+हिं. घप, घप्प] १. दूसरे लंगना । गालियाँ बकने पर उतारू होना। गालियों पर मुह का मालमता हजम कर जानेदाला। २.बड़े पेटवाला | खोलना = गाली वकना प्रारंभ करना। (यादमी)। २. कलंकसूचक आरोप । जैसे,--ऐसा मत कहो; तुम्हीं को गाली गावचेहरा-वि.] फा० गावचेहरह ] गाय बैल के चेहरे जैसा । । पड़ती है। गावजवाँ–संझा स्त्री॰ [फा० गावजवा] दे० 'गावजवान'।::: क्रि०प्र०--पड़ना । लगना ।. . . गावजवान-संज्ञा स्त्री० [फा० गावजवान] एक बूटी। .... । ३. विवाह आदि में गाया जातेवाला एक प्रकार का रस्मी गीत विशेष—यह फारस देश के गीलान प्रदेश में होती है । इसका जो अश्लील होता है। पत्तियां मोटी, खुर्दरी और हरे रंग की होती हैं, जिनपर चल । क्रि० प्र०--गाना। . . की जीभ की तरह छोटे छोटे सफेद रंग के उभरे हुए दाने | गालीगलौज-संज्ञा श्री० [हिं० गाली+अनु० गलौज ] परस्पर होते हैं। इसके फूल लाल रंग के छोटे छोटे होते हैं। यह ___ गाली प्रदान । तू तू मैं मैं । दुर्वचन । .. पत्तो हकीमों को दवा के काम आती है इसकी प्रकृति मात- क्रि प्र०करना होना ।. .. .. ..:: . दिल होती है. और ज्वर. खाँसी आदि में दी जाती है।