पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१८८

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गांडर १२६५ . .. गांदला. ग्राफत में फंसना । (२) तंग पाना । ऊब जाना । योजिज . तराई. में तथा ऐसे स्थानों पर होती है जहां पानी इन्ट्रा . पाना । हैरान होना । गाँड़ घिसना या रगड़ना = (१) बड़ा होता है । नेपाल की तराई में तालों और झीलों के किनारे उद्योग करना । बहुत प्रयत्न करना । बड़ी दौड़ धूप करना । यह बहुत उपजती है । इसकी सूखी जड़ जेठ असाढ़ से पनपती कड़ी मेहनत करना। कठिन परिश्रम करना । जैसे,--१० रुपया है और उसमें से बहुत में अंगुर निकलते हैं जो बढ़ते जाते हैं। महीने पर कोन गाँड़ घिसने जायगा । (२) चापलूसी करना । कुमार के महीने में वीच से पतली पतली सी निकलती है, ठकुर सुहाती कहना । खुशामद करना। गाँड़ घिसवाना-(१) जिनके सिरे पर छोटे छोटे जीरे लगते हैं। किसान सोकों को बड़ी खुशामद कराना । बड़ी चापलूसी कराना । (२) नाकों निकालकर उनसे झाडू, पंसे, टोकरियां आदि बनाते हैं और चने चबवाना । बहुत तंग करना। गौड़ चलना-दस्त पौधों को काटकर उनसे छप्पर छाते हैं। इस पास की जड़ पाना। पेट चलना । गाँड चाटना-चापलूसी करना। सुगंधित होती है और उसे संस्कृत में उशीर तथा फारसी में खुशामद करना (बाजारू)। गाँड़ चिरना= दे० 'गाँड़ खस कहते हैं । यह पतली, सीधी और लंबी होती है और फटना' । गाँड़ जलना : (१) बुरा लगना । न सुहाना । (२) बाजारों में खस के नाम से विकती है। बस का अंतर डाह उत्पन्न होना । ईर्ष्या होना। गांड धोना=प्रावदस्त लेना। निकाला जाता है और उसकी टट्रियां भी बनती हैं। खस के किसी की गाँड़ धोना=चापलूसी करना। खुशामद करना। नचे भी बाँधे जाते हैं। गौड़ धोने न पाना-कुछ ढंग न आना । कुछ भी शऊर न २. एक प्रकार की दूध जिसमें बहुत सी गांठे होती हैं । गंडदूर्वा । होना । गौड़ फटना=(१) डर लगना । भय होना। (२) डर विशेष-यह जमीन पर दूर तक फैलती और जगह जगह बड़ के मारे घबराहट होना। गांड फटकर हौद या हौदा या होज पकड़ती जाती है 1 पशु इसे बड़े चाव से खाते हैं । यह कड़ई, होना भयभीत होना । अातंक से घबरा जाना । सहम जाना। कसली और मीठी होती है, दाह, तपा और कफ पित्त को दूर गाँडफाड़ या गांडमार=(१) भयानक । उरावना। (२) करती है तथा रुधिर के विकार को हरती है । भावप्रकाश में कठिन । विकट । दुष्कर । गाँड़ फाड़ना=(१) डराना। इसे लोहद्राविणी अर्थात् लोहे को गलानेवाली लिखा है। . घमकाना। भय दिलाना । (२) दिक करना । सताना। गांडा'-संश पुं० [सं० काएठ या खण्ड खो गेड़ी] १. कित्तो पेड़ नाक में दम करना। (३) कठिन काम लेना । अत्यंत अधिक पौधे या उंठल का वह खंड जो उससे काट लिया गया हो। श्रम कराना । गाँड़ में गू होना=पास पैसा होना । पास में जैसे लकड़ी का गाँडा, ईख का गाँडा। २. ईथ का वह धन होना । (किसी की) गाँड़ में घुसा रहना चापलूसी छोटा टुकड़ा जिसे पत्थर या लकड़ी के कोल्हू में डालकर करना । साथ साथ लगा फिरना । खुशामद करना । गांड में पेरते हैं । गडेरी । ३. ईख । उ०---निगम के भाड़े कत बोलत घुस जाना-दूर हो जाना । निकल जाना । जैसे,- चार लात हैं वचन वांढे काहे को पांडे गाडे हाथिन सौ बात हैं। हनुमान (शब्द०)। देंगे, सब बदमाशी गाँड़ में घुस जायगी। गाँड़ में चटखनी, टखना, गांडा--संघा पुं० [सं० गएड=गंडा । चिह्न] वह मेड़ या चयूतरा जो चिउँटी या पतिंगी लगाना=(१) बुरा लगना । न सुहाना। ग्राटा पीसने की चक्की के चारों पोर इसलिये बनाया जाता नागवार गुजरना । (२) डाह होना । जलन होना । गाँड़ में है कि आटा गिरकर इधर उधर न फैले । मेंडरी। . थकना या थूक लगाना=(१) नीचा दिखाना। कलकित गांडी-संवा स्त्री० [भ० गएड] एक प्रकार की घास जो चौपाया के करना । धब्बा लगाना । अपमानित करना । इज्जत उतारना। चरने के काम आती है। (२) झिपाना । लज्जित करना। गांड मराना=(१) ..विशेष—यह घास हिसार और भीर में होती है । भैसे इसे बड़े गुदामैथुन कराना। प्रकृतिविरुद्ध मैथुन कराना । (२) हानि चाव से खाती हैं। यह सुखाकर रखी जाती है और दस सहना । नुकसान उठाना । (३) चापलूसी करना। खुशामद । महीने तक बनी रहती है। इसकी जड़ में एक प्रकार की करना । दुर्व्यवहार और दुवंचन, सहना । गांड मारना(१) सुगंध होती है। यह अच्छी धरती में, जहाँ गेहूँ होता है, लौंडेबाजी करना । (२) तग करना । दुःख देना। सताना। उपजती है। इसे घोड़े भी खाते हैं। (३) बहुत अधिक काम लेना । कठिन परिश्रम लेना। गाँड़ में उगली करना- १) छेड़ना । छकाना । (२) तंग करना। गांडू वि० [हिं० गाँड़] जिसे गाँड मराने की लत हो। २. निकम्मा। दिक करना। हैरान, करना। सताना। गाँड़ में मिरचे ३. जिसमें हिम्मत न हो। डरपोक । बुजदिल । असाहती। लगना-बुरा लगना। न सुहाना । खलना । गाँड़ में लेंगोटीन गाँती-संचा' सी० [हिं०] दे० 'गाती'। ... होना कपड़े बिना नंगे फिरना । अत्यंत दरिद्र होना। . Itrarta - गाँथना-क्रि० स० [सं० ग्रन्यन] १. गुथना । गूधना। उ०- २. किसी वस्तु के नीचे का वह भाग जिसके बल पर वह खड़ी रह सके या रखी जा सके । दी। तला। तली। गुरु के बचन फूल हिय गाँथे । देखउँ नयन चढ़ायउ माथे ।-. डर---संज्ञा श्री [सं० गरजालौ] १. मूज की तरह की एक घास . जायसी (शब्द०)। (ख) सोहत भउर मनोहर माँथे । ; ' जिसकी पत्तियां बहुत पतली और हाथ सवा हाथ लंबी होती मंगलमय मुकतामणि गाँथे ।- तुलसी (शब्द०)। २. मोटी हा वारत। बस। उ०-सो में कुमति' कहीं केहि भाँती। सिलाई करना। गाँठना । जोड़ना। .. वाजु सुराग कि गाँडर ताँती ।—तुलसी (शब्द०)। गाँदला -वि० [हिं० गॅदला] ३० गदला' । उ० --सागर गहरा विशेष-जड़ से इसके अंकुर गुच्छों में निकालते हैं। यह धारा गदिला अगनि विव असरालु ।- प्राण०, पृ० २३७ ।