पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१४१

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गरणवतो -१२२१ गणेशभूशण में गणक संसा मी ०] कणिकार गरणवती--संज्ञा स्त्री० [सं०] धन्वंतरि दिवोदास की माता का नाम । गरगी--संज्ञा पुं० [सं० गरिगन्] प्राचार्य । सूरि। उ०-वुद्ध के समय गणवाद-संज्ञा पुं० [सं० गण+वाद] प्रजातंत्र । उ०गीता में गण- में ही महावीर को संघी गणी, गणाचार्य, यशस्वी.....और वाद का यह रूप है जो बाहरणवाद का समर्थक होकर भी परिव्राजक में ज्येष्ठ माना गया ।--हिंदु० सभ्यता, पृ० २३२।। अनेक नई सहूलियतें देकर, नए गणतंत्र का उदय प्रारंभ गणीभूत-वि [सं०] किसी गण या वर्ग में मिला हुआ । २. गिना करता है। प्रा० भा०प०, पृ० ३२५ या [को०)। गणवेश--संज्ञा पुं० सं०] वरदी। परिधान । पहनावा (को०] । गणेय - वि० सं०] गणनीय । गिनने योग्य किो०)।. .. गणहास-संश पुं० [सं०] एक प्रकार का गंध द्रव्य [को०] । गणेरु'---संज्ञा पुं० [सं०] करिणकार वृक्ष [को॰] । गणाधिप-संज्ञा पुं० [सं०] १. गणों का मालिक या अधिपति १२.. गणरु-संक्षा खी० १. वेश्या । गरिएका । २. हथिनी को०] । गणेश । ३. जैनों के अनुसार वह जो साधुयों के समुदाय में गणेरुका-संवा स्त्री० [सं०] १. गणिका । कुटनी । २. नौकरानी । । सबसे श्रेष्ठ या वृद्ध हो । साधुओं का अधिपति या महंत । ... सेविका (को०)। . गणाधिपति-संज्ञा पुं॰ [सं०] दे० 'गणाधिप' । गणेश'---संज्ञा पुं० [सं०] हिंदुओं के एक प्रधान देवता जिनका सारा . गणाध्यक्ष-संज्ञा पुं० [सं०] १. गणों का स्वामी। २. गणेश। शरीर मनुष्य का है, पर सिर हाथी का सा है। . ३. शिव। विशेष- इनके चार हाथ और एक दाँत है । तोंद निकली हुई है। . गरिण-संज्ञा स्त्री० [सं०] गणना । गिनती (को०)। - सिर में तीन आँखें और ललाट पर अर्धचंद्र है। ये महादेव गरिएका-संज्ञा स्त्री० सं०] १. वेश्या । २. गनियार वृक्ष । ३. एक के पुत्र माने जाते हैं। इनकी सवारी चूहा है। पुराणों में लिखा फूल जो चमेली को तरह का होता है। ४. नायिका के तीन है कि पहले इनका सिर मनुष्य का सा था; पर शनैश्चर की. भेदों में से एक है वह नायिका या स्त्री जो द्रव्य के लोभ दृष्टि पड़ने से इनका सिर कट गया । इसपर विष्णु ने एक से नायक से प्रोति रखे । ५. हस्तिनी। हथिनी (को०] । हाथी का सिर काटकर धड़ पर जोड़ दिया। इसके पीछे ये गणिकाध्यक्ष संज्ञा पुं० [सं० वेश्याओं का निरीक्षक राजकर्मचारी एक बार परशुराम जी से भिड़े, जिसपर परशुराम जी ने एक या चौधरी दाँत परशु से तोड़ डाला। किसी किसी पुराण में लिखा है कि विशेष-कौटिल्य के समय में इस प्रकार के कर्मचारी नियत दांत रावण ने उखाड़ा था। किसी के मत से वीरभद्र या करने की व्यवस्था थी। कातिकेय ने दांत तोड़ा था। इसी प्रकार सिर सटने के विषय गणिकारिका-संझा श्री० [सं०] गनियार का पेड़। में भी मतभेद है। गणेश महादेव के गणों के अधिपति है। गणिकारी-जा मी [मं०] गनियार का पेड़ । पुराणों का कथन है कि जो शुभ कार्यों के प्रारंभ में इनकी गरिगन--संज्ञा पुं० [सं०] वह शास्त्र जिसमें मात्रा, संख्या और पूजा नहीं करता, उसके कामों में ये विघ्न कर देते हैं। इसी परिमाण का विचार हो। लिये समस्त मंगल कामों में इनकी पूजा होती है। यह बड़े विशेष—इसमें निर्धारित नियमों और क्रियानों द्वारा ज्ञात लेखक भी हैं। ऐसा प्रसिद्ध है कि व्यास के महाभारत को पहले मात्रयों, संख्यानों या परिभारणों के संबंध के प्राधार पर पहल इन्हीं ने लिखा था। इनके हाथों में पाश, अंकुश, पद्म अज्ञात मात्रा, संख्या या परिमाण का निश्चय किया जाता है। और परशु है। ये हिंदुओं के पंचदेवों अर्थात् पाँच प्रधान अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति, त्रिकोणमिति आदि इसकी देवताओं में हैं। . शाखाएँ हैं। ...। पर्या-विनायक । विघ्नराज । मातुर । गणाधिप । एकदंत। क्रि०प्र०—करना !-होना। हेरंब । लंबोदर । गजानन । विघ्नेश । परशुपाणि । गजास्य । २.हिसाव । पाखुग । शूर्पकर्ण । गजानन । यो०-गणितविद्या । गणितशास्त्र-दे० 'गणित'। . .... गणेश वि० गणों का मालिक । गण का स्वामी । गएरा में जो गणित-वि०१. जो गिना हुआ हो । २. जोड़ा हुया को प्रधान हो। ... . . गणितज्ञ-वि० [सं०] १.गणित शास्त्र जाननेवाला ! हिसावी । २. गणेशकसम-संज्ञा पुं० [सं०] लाल कनेर। . : " ___ज्योतिपो । गणेशक्रिया-संशा स्त्री० [सं०]:योग की एक क्रिया जिसमें उगली गणितवित्र्य-संज्ञा पुं० [सं०] गिनती के हिसाब से पदार्थ वेचना। आदि की सहायता से गुदा का मल साफ करते हैं। गरानापूर्वक वस्तुओं का विक्रय किोश: .. ... गणेशखंड-संक्षा पुं० [सं० गणेशखण्ड ] स्कंद पुराण का एक खंड . गरिणतानंद --संज्ञा पुं० [सं० गणित+मानन्द ] प्रसिद्ध या गिना . जिसमें गणेश संबंधी विवरण दिए गए हैं (को०)। . . . हुमा सुख। उ०-देवलोक इंद्रलोक विधिलोक शिवलोक गणेशचतुर्थी-संघा की [सं०] किसी मास की, मुख्यतः भादों और वैकुंठ के सुख ली गरिगतानंद गायौ।-सुंदर ग्रं, भा०२, माघ, की कृष्ण चतुर्थी। इस दिन गणेश का अत और पूजन पृ० ६२२] . . · किया जाता है। गरिणती-संज्ञा पुं० [सं० गरिगतिन्] १. गगाना करनेवाला व्यक्ति । गणेशपुराण-संज्ञा पुं० [सं०] एक उपपुराण का नाम ।'.. .. २. गणितज्ञ [को०] | . . .. गणेशभूशरण--संज्ञा पुं० [सं०] सिदर। .. .