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[सि॰—'आना' से 'अवाई' और 'जाना' से 'जवाई' भाववाचक संज्ञाए (क्रिया के व्यापार के अर्थ में) बनती हैं।]
आऊ—यह प्रत्यय किसी-किसी धातु में योग्यता के अर्थ मे जाता है। जैसे,
टिकना—टिकाऊ | बिकना—बिकाऊ |
चलना—चलाऊ | दिखना—दिखाऊ |
जलना—जलाऊ | गिरना—गिराऊ |
(अ) किसी-किसी धातु से इस प्रत्यय का अर्थ कर्तृवाचक होता है; जैसे,
खाना—खाऊ | उड़ाना—उड़ाऊ | जुझाना—जुझाऊ |
अंकू, आक, आकु, (कर्तृवाचक)—
उड़ना—उड़ंकू | लड़ना—लडंकू |
पैरना—पैराक | तैरना—तैराक |
लड़ना—लड़ाक (लड़ाका, लड़ाकू) | उड़ना—उड़ाक (उड़ाकू) |
दौड़ना-दौड़ाक।
आन (भाववाचक)—
उठना—उठान | उड़ना—उड़ान |
लगना—लगान | मिलना—मिलान |
चलना—चलान।
आप (भाववाचक)—
मिलना—मिलाप | जलना—जलापा |
पूजना—पुजापा।
आव (भाववाचक)—
चढ़ना—चढ़ाव | बचना—बचाव |
छिड़कना—छिड़काव | बहना—बहाव |
लगना—लगाव | जमना—जमाव |