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(स्त्री०), "रघुवंश" (पुं०), दिल्ली (स्त्री०), आगरा (पु०) इत्यादि।
स्त्री-प्रत्यय।
२६८—अब उन विकारों का वर्णन किया जाता है जो संज्ञाओं में लिंग के कारण होते हैं। हिंदी में पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के लिए नीचे लिखे प्रत्यय आते हैं—
ई, इया, इन, नी, आनी, अइन, आ।
१—हिंदी-शब्द।
२६९—प्राणिवाचक आकारांत पुल्लिंग संज्ञाओं के अंत्य स्वर के बदले "ई" लगाई जाती है, जैसे—
लड़का—लड़की | घोड़ा—घोड़ी |
बेटा—बेटी | बकरा—बकरी |
पुतला—पुतली | गधा—गधी |
चेला—चेली | कुत्ता–कुत्ती |
(अ) संबंधवाचक शब्द इसी वर्ग में आते हैं, जैसे—
काका—काकी | नाना—नानी |
मामा—मामी, माई | साला—साली |
दादा—दादी | भतीजा—भतीजी |
आजा—आजी | भानजा—भानजी |
सू०—"मामा" का स्त्रीलिंग "मुमानी" मुसलमानों में प्रचलित है।]
(अ) निरादर या प्रेम में कहीं कहीं "ई" के बदले "इया" आता है, और यदि अंत्याक्षर का द्वित्व हो ते पहले व्यंजन का
लोप हो जाता है; जैसे,
कुत्ता—कुतिया | बुड्ढा—बुढ़िया |
बच्छा—बछिया | बेटा—बिटिया |