पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/९६

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ईटका घर मट्टी होना-ईजाब ३५ इसे घिस घिस कर सुन्दर एह बनाये जाते थे। नम्बरी ईक्षक (सं० पु.) ईक्ष-कन्। दर्शक, नाजरीन्, मोटी और लम्बी होती है। आजकल पक्के मकान्में देखनेवाला शख्श । यही लगती है। पुट्ठीको गण भी कहते हैं। यह ईक्षण (सं० लो०) ईच भावे लुपट् । १ दर्शन, नजर, चौड़ी और परिधिके खण्ड जैसी रहती है। कूएंको देखावा। करणे लुपट् । २ चक्षुः, आंख । ३ पर्यावेक्षण, जोड़ायो इसीसे होती है। क्योंकि दूसरी ईट लगनेसे खबरदारी, चौकसी। गोलायो आ नहीं सकती। तामड़ा, फररा, ककैया, “शौचे धर्मऽन्नपक्तयाञ्च पारियाह्यस्य वैक्षणे ।" ( मनु रा११) ननिहारी, नौतेरहो और मेजां आदि अन्य प्रकारको ईक्षणिक (सं० पु०) ईक्षण हस्तपादादि रेखा होती है। ईट सोने, चांदी, तांबे, पोतल और शुभाशुभं अस्ति अस्मिन्, ईक्षण-ठन्। दैवन, पेयोन्गो, जस्त आदिको भी बनती है। हाथ-पैरके निशान देखकर भला-बुरा बता देनेवाला मोरीकी ईट चौबार चढ़ी। (लोकोक्ति) शख्स । “भद्राचे क्षणिकैः सह।" (मनु ।२५८) २ ताशका एक रङ्ग । ईक्षणिका (सं० स्त्री०) ईक्षणिक-टाए। गणककी ईटका घर मट्टो होना (हिं क्रि०) विनष्ट होना, स्त्री, नजमोकी औरत। बिगड़ना। “टका घर मट्टी हो गया।" (लोकोक्ति ) ईक्षमाण (सं० त्रि.) पर्यावेक्षक, जांचनेवाला। ईटकारी (हिं॰ स्त्री०) इष्टका-स्थापन, ईटको जोड़ाई। ईक्षा (सं० स्त्री०) ईक्ष दर्शने त टाप् च। दर्शन, ईटमार चट्टाकड़ा (हिं० पु. ) क्रीडाविशेष, लड़कोंका नजर, देख-रेख । एक खेल। कितने ही लड़के इकट्ठे होकर यह खेल ईक्षित (सं० त्रि.) पर्यावेक्षित, देखा हुआ, जो खेलते हैं। कोई लड़का एक ईट दूर फेंक देता समझा गया हो। और दूसरोंसे उसपर निशाना लगानेको कहता है। "एकोऽहमम्मोत्यात्मानौं यत् त्वं कल्याणमन्यसे । जो अपने ढेलेसे फेंकी हुयो ईटको मारता, वह ईट नित्य स्थितस्ते हृद्येष पुण्यपापेचिता मुनिः ॥” (मनु ८६१) • फेंकनेवाले लड़के पर चढ़कर ईटकी जगह तक ईक्षिट (सं० त्रि०) द्रष्टा, देखनेवाला। • जाता है। ईक्षेण्य (वै०नि०) अद्भुत, अनोखा, देखने लायक । ईटा (हिं. पु.) ईट देखो। ईक्ष्यमाण (सं.वि.) देखा जानेवाला, जो जांचा ईडवा (हिं० पु०) १ गोलाकार पुट विशेष, चक्करदार जा रहा हो। तह, डुरो। इसे शिरपर रख जलकुम्भ उठाते हैं। ईख (हिं. स्त्री०) इतु देखो। ईडवी (हिं. स्त्री०) शिरोवेष्टन, पगड़ी। ईखना (हिं. क्रि०) ईक्षण करना, देखना। एंढ (हिं० वि०) सदृश, बराबर।। ईखराज (हिं० पु०) इक्षु वपन करनेका प्रथम ईत (हिं. पु०) ईटका टकड़ा। यह औजारको दिवस,जिस दिनको पहले पहल जख बोई जाती हो। धार पैनानके लिये सानके नीचे रखा जाता है। ईछन (हिं०) क्षण देखो। ईदर (हिं. पु०) किदार, नये दूधको मिठाई। ईछना (हिं• क्रि०) इच्छा रखना, ख़ाहिश करना, गाय या भैंस व्यानेपर पाठ-दश दिनके अन्दर दूधको चाहना। 'औट कर जो मिठाई बनती, वह ईदर बजती है। ईछा (हिं० ) इच्छा देखो। ईदूर (हिं० पु०) इन्दूर, चूहा। इन्दूर देखो। ईजा (अ० स्त्री०) दुःख, मुसीबत, तकलीफ.। ईधन (हिं. पु०) १ इन्धन, जलानेको लकड़ी। ईजाद (अ० स्त्री०) आविष्कार, सृष्टि, उत्पादन, २ ण, घास-फस । “वापको आटा न मिले, जो ईधनको भेजे।" | दरियाफत, बनावट। (लोकोक्ति ) | ईजान (सं• त्रि०) यजमान, जो यन्न करता हो। ईकार (सं० पु०) ई स्वार्थ कार । चतुर्थ वर्ण ई। ईजाब (अ० पु.) १ स्वीकार, मजूरी। २ प्रथम