पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/७५

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७४ इरिम्बिठि-दुलातल इरिम्बिठि (सं० पु.) काखवंशीय एक व्यक्ति। । इलहाक (अ० पु०) १ योग, जोड़। २ वादी तथा इरिविल्ला (सं० स्त्री०) इरिणी चासौ विना चेति ।। प्रतिवादीसे लिया जानेवाला शुल्क, जो मेहनताना मस्तकका एक क्षुद्र व्रण। मुद्दयी और मुद्दाहलसे मिलता हो। इरिवेलि, इरिवैल्लिका देखो। इलहाम् (अ० पु० ) १ सुश्राव्य शब्द, अच्छी आवाज । इरिवल्लिका (सं० स्त्री०) त्रिदोष-लक्षणाक्रान्त मस्तक- २ आकाशवाणी, परमेश्वरको बात । की गोलाकार पिडकाविशेष, (Carbuncle of head) इला (सं० स्त्री.) इल-क-टाप । १ पृथिवी, जमीन। माथिका एक फोड़ा। इसके होनेसे बड़ी ही वेदना २ वाक्य, बोलो। ३गो, गाय । ४ स्वप्नयोला, खाब होती है। कभी कभी तो ज्वर तक चढ़ाता है। देखने या ज्यादा सोनेवाली औरत। ५ जम्बूद्दोपके पित्तजन्य विसर्प रोगकी तरह वैद्य इसको भी चिकित् नव वर्षमें एक वर्ष । ६ वैवस्वत मनुको कन्या। यह सा करते हैं। होमियोपाथिकके मतमें ऐसे रोगपर विष्णुके वरसे पुरुष हो सुद्युम्न कहायो थों। अनन्तर हिपार सलफर लगानेसे विशेष फल मिलता है। कोई महादेवके अभिशप्त कुमारवनमें घुसनेसे यह फिर स्त्री कोई चिकित्सक सिलिसिया, वेलेडोना प्रभृति अन्यान्य हो गई। बुधने इनसे विवाह कर पुरुरवा नामक पुत्र औषधियों को भी प्रयोग करना अच्छा समझते हैं। । उत्पन्न किया था। किन्तु इनके पुरोहित वशिष्ठदेवने इरेश (सं० पु.) १ विष्णु । २ वरुण । ३ राजा। शिवको उपासना कर इनके एकमास पुरुष और एक ४ वागीश। मास स्त्री रहनेका वर प्राप्त कर लिया था। कर्दम इर्द-गिर्द (हिं० क्रि० वि०) समन्ततः, चारो ओर, प्रजापतिके पुत्र इल। कार्तिकेयके जन्म स्थान में जानसे दाहने-बायें। ये स्त्री हुये और इला नामसे प्रसिद्ध रहे। पोछे इम (सं० ली.) १ व्रण, फोड़ा । २ क्षत, जखम, घाव।। इन्होंने भगवतीको पाराधनासे एकमास स्त्री और एक इर्य (वै० त्रि०) इरसु-यक् वेदे निपातनात्। प्रेरक, | मास पुरुष रहनेका वर पा लिया था। हा देखो। भेजनेवाला। इलाका (अ० पु०) १ सम्पर्क, ताल्लुक, लगाव। इर्वारु (सं० पु०) इरु वीजं इयत्ति व्याप्नोति, इरु २ नियोग, सरोकार। ३ उद्देश, जि क्र। ४ ग्रहण, ऋ बाहुलकात् उण् । कवटी, ककड़ी। कब्जा, पकड़। ५ राज्य, रियासत। ६ विभाग, इर्वारुक (सं० पु०) मृगविशेष, एक जानवर । यह | हिस्सा। ७ न्यायप्रभुत्व, हुकारानी। ८ पद, ओहदा। पर्वतको गुहाओंमें रहता है। इलाकाबन्द (अ० पु०) दोघंपट्टकार, पटवा। इर्वारुशक्ति, इस्विक्तिका देखो। इलाकाबन्दी (अ० स्त्री०) १ दीर्घपट्टकारको वृत्ति, पठवे. इसिशक्तिका (सं० स्त्री०) इर्वारुः शक्तिका इव, का काम । २ वस्त्राभरणक्रिया,गोटे-किनारोका काम। उप० कर्मधा। निभिन्नकर्कटी, इलाची (हिं० पु०) वस्त्र विशेष, किसी किस्मका इर्वालु, इर्वारु देखो। कपड़ा। इसमें रेशम और सूत दोनो चीजें मिली इर्शाद, इरशाद देखो। . रहती हैं। इना (हिं०) एषण देखो। इलागोल (सं० लो०) पृथिवी, जमीन् । इल (सं० पु०) इल-क। कर्दम प्रजापतिके पुत्र। | इलाचौ, इलायची देखो। इलज़ाम (अ० पु०) १ कलङ्क, बदनामी। २ अप- इलाज (अ० पु०) १ उपाय, तदबीर, दौड़-धूप । राध, जुम। ३ निन्दा, हिकारत। २ निवृत्ति, छुटकारा। "अपन कियेया क्या इलाज।” (लोकोक्ति) इलविल (सं० पु०) दशरथके एक पुत्र । ३ चिकित्सा, दवा-मालजा। ४ दण्ड, सजा। इलविला (सं० स्त्री०) कुवेरको माता, पुलस्यको इलातल (स० लो०) १ राशिचक्रका चतुर्थ स्थान । ___पनी और तृणविन्टुकी कन्या। २ पृथिवीतल, सतह-जमीन्।