कनारक-बोचा देखी। | बालन्धर नगर इनका सबखान है। पात् सुदर्शन बमारी (दि. स्त्री.) १किनारी, गोट। २मन्द्राज कनिष्कके थिचागुरु रहे। इन्होंने अपने भुनसके प्रान्तके कनाड़ा जिलेकी भाषा या बोली। कराहक, प्रभावसे भारतमें माना स्थान जीते थे। मानिक्यास, कांटा। (वि.)४कनारका अधिवासी, जो कनारमें| काश्मोर, मथुरा, भावनपुर प्रभृति नाना स्थानों को रहता हो। शिक्षालिपिमें कनिष्क राजाका नाम मिलता है। कनात (हिं. पु.) चौथाई बौघा, घुमाव का प्वां| राजसरनियोके मतसे या तरुष्क-जातीय बौडरहे। हिस्सा। जमीनको यर नाप पञ्जाबमें चलती है। काश्मीर में बहुदिन इन्होंने राजत्व किया था। इन्हों के कनावड़ा (हिं. पु.) उपक्वत, एहसानमन्द, दबैल, समय काश्मोरमें बौद्धधर्म प्रचल पड़ा। इहोंने अपने कनौड़ा। नामपर कनिष्क पुर नगर बसाया था। कनासो (हिं• स्रो०) यन्त्रविशेष, एक औजार।। पालि बौवन्धमें इनका नाम 'चन्दन कनिक' कमासी एक प्रकारको रतौ है। इससे मारियलके लिखा है। दुरका मुंह बढ़ाते हैं। फिर एक प्रकारको दूसरी ___ कनिष्क एक कट्टर बौड रहे। बौद्ध धर्म सहार कमारोसे पारेके दांत भी पैनाये जाते हैं। .. • करनेके लिये इन्होंने काश्मार श्रा नाना खानोसे कनिवारी (हिं. स्त्री.) कर्णिकार, कनकञ्चम्या । अहंतों और श्रमणोंको बुलाया था। फिर अनुशासन- . वार्षिकार देखो। पत्र चारो पोर भेजा गया। कई देशोंसे बौहपण्डित कनिक (हिं. स्त्री.) गोधम-चूर्ण, गैईका मोटा | कनिष्कको सभामें आये थे। पाटा। गेहके मोटे पाटेको कनिक और महोनको | प्रथम इन्होंने राजगह पा महासभाका अधिवेशन मैदा कहते हैं। कनिक प्रायः रोटी बनाने में काम करना चाहा। किन्तु भार्यपाश्चिक प्रभृति पहोंने देती है। इसकी पूरी भी पच्छी होती है। किन्तु इनके प्रस्ताव पर प्रसम्मत हो कहा था,-"राजगृहमें देखने में वह साफ नहीं पाती। इस समय महासभाका अधिवेशन हो नहीं सकता। कनिका (हिं.) कपिला देखो। पाजकल वहां विभिन्न मतावलम्बी रहते हैं। कनिक्या (सं• खो०) समिता, मैदा, कमिक। पतएव गिरिमेखला-येष्टित, यक्षराजरचित और कनिकन्द (व० वि०) क्रन्द यङलुक् पच् चुत्वाभावः | सिहर्षि-सेवित इस काश्मीर राज्यमें हो महासभा . निगागमच। अत्यन्त क्रन्दनशोख, फट-फट कर होना चाहिये।" रोनेवाला। (सब्जयतुः ३८) अनेक तर्क-वितकके पीछे सब लोगों ने कनिष्क का कनिगर (हिं. पु.) मर्यादारक्षक, स्वीय कीर्ति मत माना। जहां सूख, विनय पार पभिधर्मके विभाषा- खायो रखनेवाला, जिसे अपनी इज्जतका ख्याल रहे। सूत्र करनेको तर्कवितर्क उठा था, वहीं कनिष्कने एक कमिचि (संस्खो०) शूरण, निमौकन्द। साराम बनवाया। उसो समय प्रसिह बीड पण्डित कनियां (हिं. स्त्री०) क्रोड़, मोद। वसुमित पा इनसे मिले। असाधारण क्षमता देख कनियामिरि (हिं.) सन्चागिरि देखो। सबने उन्होंको सभापति मनोनीत किया था। वसु- कनियाना (हिं. क्रि.) १ साथ छोड़ना, पसग | मित्रने विभाषासूत्र प्रकाश किया और कनिष्कराजने होना। २ कतराना, पट जाना, तिरछे पड़ना। उसे खोहित ताम्रफलकपर खोदवा प्रस्तरके आधार ३ बबी खाना, एक भोरको मुक माना। ४ गोद रखा दिया। जहां यह धर्मपन्य रखाया, वहीं कनिष्क सेना, कमियां उठाना। ने एक स्तूप भी बनवाया था। सनियार (हिं.) परिवार देखो। अभ्यामत बोडोंके विश्रामको इन्होंने चीनपति नामक बनिक-भारतके एक प्राचीन सम्बाट। पचाबका सानमें तीन हव साराम निर्माण कराये।
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/७२७
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