पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/६२८

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कट-काटक दिया था। विक्रमादित्यने पिपरासी ग्राममें पाश्चय : घुड़दौड़का मैदान। १८ पराम, फूल को धूल। इस लिया। इस ग्राममें उनके वंशधर पमृतसिंह १८७० अर्थमें यह शब्द समासान्तको पाता है। (वि.) ई०तक निष्कर पञ्चग्रामक प्रायसे जीविका चलाते रहे। कटयति. प्रकाशयति क्रियाम्, कट -विच-पच । १७५८ ई.को पेशवाके प्रतापसे हसन उल्ला २० क्रियाकारक, काम करनेवाला। विताडित हुये। उन्होंने अपने प्रिय कर्मचारी खांड- कट (हिं. पु.) १ किसी किस्म का रंग। यह रावको कञ्जिया नगर सौंपा था। १८१८ ई०का काला रहता और टीन, लोहचन, हर, बड़े, पावले खांडेरावके उत्तराधिकारी रामचन्द्र बबालने पेशवाको तथा कसीससे बनता है। २ काट, कटन। कञ्जिया और मल्हारगढ़ दे बदले में इटावा ले लिया। कट (अं० पु० = Cut ) काट-छांट, तराश, ब्योंत । उसी वर्ष ब्रटिश गवरनमेण्ट ने यह नगर सेंधियाको कटक (सं० पु.लो.) कव्वते निर्गम्यते अस्मात् प्रदान किया। १८७५ ई०को विद्रोहके समय कश्नि- निझरियादिभिः, कट्-वुन्। कलादिभ्यः स'चायां दुन्। उन याक बुंदेलोंने भी अमृतसिंहको अपना प्रवत शासन ॥३५। १ पर्वतका मध्यदेश, पहाड़के बीचको जगह। कर्ता बताया था। किन्तु अमृतसिंह अल्प दिनके इसका संस्कृत पर्याय नितम्ब और मेखला है। मध्य ही अपमानित हो यह स्थान छोड़ गये। बुदेले २ वलय, कड़ा, चूड़ी। ३ चक्र। ४ इस्तिदन्तमण्डन, नगर लटने लगे थे। उसी समय सर घम-रोज हाथोके दांतका गहना। ५ सैन्धवखवण, समुद्रका ससैन्य बुदेलोंके विपक्षपर अग्रसर हये। अंगरेज नमक। ६ राजधानी, बादशाहके रहनेका शहर। सेनापतिके आगमनको वार्ता सुन वुदेले भगे थे। ७ सैन्य, फौज। “तुम्हरे कटक माहिं सनु अाद।" ( तुलसौ) १८६० ई०को यह नयर वृटिश गवरनमेएके ८ नगरी, शहर। ८ शिविर, डेरा। १० पर्वतको अधीन सागर जिलेमें मिलाया गया। कचिया पक्षा०: समतलभूमि, पहाड़को हमवार ज.मौन्। ११ रन; २४. २३ ३०” उ० और देशा० ७८° १५ पू० पर रस्मो, डोगे। अवस्थित है। | कटक-१ उड़ीसा प्रान्तके बीच का एक जिला। बह कट (सं० पु०) कटति मदवारि वर्षति, कट-अच्। अक्षा० २०.१५.१ एवं २१० १० १०उऔर १ करिगण्डस्थल, हाथोकी कनपटी। देशा० ८५. ३५ ४५” तथा ८७° ३ ३०" पू.के "यद्दन्तिमः कटकटाइतट' मिमडचोः।" (शिशुपालवध) मध्य प्रवस्थित है। भूमिका परिमाण ३८५८ वर्गमौल २ कटिदेश, कमर । ३ कटिके पार्श्व का स्वाम, पड़ता है। कटक जिलेसे उत्तर वैकरणी नदी एवं कमरको बमलका हिस्सा। किलिनक, चटाई, धामरा नदीका मुहाना, दक्षिण पुरी जिला, पर्व दरमा। ५ विशेष द्वारा निर्मित रज, किसी! वङ्गोपसागर और पश्चिम उड़ीसेका अर्धस्वाधान घासको रस्सी। ६ तृणादि निर्मित पट, घास वर्ग- करट राज्य है। यह जिला तीन प्रधान भूभागों में रहका परदा। ७ शव, मुर्दा। ८ समय, वक्त। विमल है- - तख ता। १० ढण, घासफूस। ११ शर, एक १म भाग-समुद्रके किनारेसे ३० मील तक विस्तत लंबी घास। १२ शवरथ, जनाजा। १३ ओषधि है। स्थानीय वन सुन्दरवनसे मिलता-जुलता है। विशेष, एक जड़ीबूटी। १४ श्मशाने, मुर्दा जलानको किन्तु गङ्गासटके वनको शोभा यहां पधिक नयन- जगह। १५ एक राक्षस । १६ आधिक्य, ज्यादतो।। प्रीतिकर है। १७पासे खेलनका एक उपकरण। . .. श्य भागमें शस्यश्यामल धान्यभूमि है। इसकी . "वे वाहतसर्वस्वः पावस्पतनाच शोषिवशरोः। एक अोर समुद्रका तट और दूसरी ओर मिरिसमूह नर्दिवदर्शिवमार्ग: कटेन विनिपावितो यामि ।" (मच्छकटिक) लगा है। प्रायः यह २० कोस विस्तृत है। इस (को०) १८ अखको चालनाके लिये रचित भूमि, ! भूमिखण्ड में अपर्याप्त धान्य उत्पन्न होता है। चेनके