पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५४८

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ओलंदेनौ-ओशाम ५४० प्रधान स्थान है। वहां एक गबरनरजनरल और मन्त्रि-: वह गुजरातके दक्षिणपेठ गये। सरस ग्रामके समीप समाजके कई सदस्य रहते हैं। किन्तु गवरनरजनरल सूरतसे १५ मोल उत्तर-पश्चिम उन्होंने एक शिवलिङ्ग अपनो इच्छापर मन्त्रिसमाजके मतसे विरुद्ध कोई प्रतिष्ठित किया था। उसीको आजकल सिद्धिनाथ कार्य कर नहीं सकते। होपवासो पोलन्दाज जातोय. कहते हैं। फिर होम हुआ। रामने भूमिमें तौर भावसे कुछ दीन हो गये हैं। विद्याकी चर्चाका मार जल निकाला था। जिस स्थानसे जल निकला प्रभाव-जैसा है। उसका नाम रामकुण्ड है। उसी समय उन्होंने वहां पोलंदेजी (हिं० वि० ) हालेंड देशीय, हालैंड एक राक्षस मारा। राक्षसके शिर गिरनेका स्थान मुल्कसे सरोकार रखनेवाला। शिरस और उर गिरनेका स्थान उरपातन या ओल. पोलंबा (हिं० पु०) उपालम्भ, शिकवा, उरहना। श्रीलंभा, ओलंबा देखो। भोला (हिं. पु.) १ करका, वर्षीपल, झाला, पत्थर, भोलकन्द ( स० पु. ) १ शूरण, ज.मौंकंद । २ वनौल्ल, असमानसे गिरनेवाला बरफका टुकड़ा। २ मिष्ट जंगली जमों कंद। खाद्यविशेष, एक मिठाई। यह चौनीका मोल- ओलचा, ओडचा देखो। गोल बनाया और गर्मोमें खाया जाता है। भोला अोलची (हिं० स्त्री० ) फलविशेष, बाल बाल, पानीमें पड़ते हो घुलने लगता है। ३ व्यवधान, गिलास। परदा, आड़। ४ भेद, छिपी बात। ५ वृक्षविशेष, श्रोलज (स. धातु) स्वादि पर• सक. सेट । एक किस्मका बबूल। (वि.) ६ शीतल, ठरहा। क्षेपण करना, फेंकना। "मोलजि क्षेपथे।” (कविकल्पद्रुम) । ७खेत, सफेद। पोलड (सधा०) चुरा० उभ० सक० सेट। ओलाना (हिं० क्रि०) भूनना, सेकना, अकोरना । "ओलडिकि सत्क्षेपे।" (.कविकल्पद्रुम ). उत्क्षेप करना, ओलिक (हिं. स्त्री०) व्यवधान, परदा, आड़। उठाकर फेंक देना। ओली (हिं. स्त्री.) १ कोड़, गोद। २ अञ्चल, पोलतो (हिं० स्त्री.) १ छप्परसे पानी बहनेको दामन, पला। ३ झोलो। जगह। २ जिस जगह छप्परसे पानी बहे। बोलौना (हिं. पु०) १उदाहरण, मिसाल । (क्रि.) बोलना (हिं. क्रि०) १ गोपन करना, छिपाना । | २ दृष्टान्त देना, मिसाल मिलाना । २ व्यवधान डालना, आड़ लगाना। ३ सहन करना, भोज (सं० पु०) शूरण, जमीकंद । सह लेना। ४ भांक देना। प्रोल्लकन्द, भोलकन्द देखो। पोलमना (हिं० क्रि०) लटकना, झुकना, सहारा ओवर (अं०= Over ) जीता, चढ़ता। क्रिकेटमें लेना। पांच बार गेंद फेंकने पर खेलको बारी भोवर श्रोलहना, उरहमा देखो। : . होती है। फिर इस ओरके खेलाडी उस ओर भोलपाद-बम्बई प्रान्तके सूरत जिलेको एक तहसौल। चले जाते हैं। इससे उत्तर कोम नदी, पूर्व बड़ोदेका वसरावो विभाग, ओवरकोट (अं० = Overcoat ) लबादा, अंगेपर दक्षिण ताप्ती और पश्चिम खम्बातको खाड़ी पवस्थित | पहना जानेवाला चोगा। है। क्षेत्रफल ३२६ वर्गमौल है। समुद्र किनारे ओवरसियर (०-Overseer ) अधिकारी, अध्यक्ष, बालको पहाड़ी है। बीच में मैदान पड़ा है। चरा- नाजिर, ऊपरी काम देखनेवाला। गाहोंमें बबूल के पेड़ पाये जाते हैं। यहां ग्रीष्म ऋतु में भी प्रोवा, ओंभा देखो। शीतल वायु चलता है। कहते-वकासे रावणको जौत पोशाम-काठियावाड़ प्रान्तका एक पर्वत । उंचाई रामचन्द्र नासिकके पास बच्चवटीमें पहुंचे थे। वहाँसे । १००० फौट है। इस पर्वतमें चटाने बहुत देख