१५० एरि-एलगिन आक्रमण होनेसे नगर बिलकुल बिगड और उजड, सुनने में न पाया। शासनसे मुग्ध हो बहुत बड़े शव गया था। शान्ति स्थापित होते ही फिर चमत्-! भी इनके वशीभूत हुये। इन्होंने प्रथम कनाडामें कार बढ़ने लगा। १८०७ ई०को किलेसे सेना स्वायत्तशासनको प्रणाली लिपिबद्द की थी। इन्होंने हटी थी। १८७७ ई० को कि ना गिराया गया। यहांसे समयसे ब्रटिश अमेरिकाके साथ इटेड स्टेटसका रूई, मिर्च, शोरा और चावल बाहर भेजा जाता है। वाणिज्य व्यवहार प्रचलित हुआ। १८५५ ई. को करूर, पेरून्दूराय और महिसुरको पक्की सड़क लगी एलगिन कनाडासे वापस गये। उसो समय यह है। नगरसे डेढ़ मोल पूर्व कावेरी नदीपर १५३६ फाइफसायरके लार्ड लेफटिनेण्ट नियुक्त हुये। १८५७ फीट लंबा शहतीरोंका पुल बंधा है। ई० को चौन राज्यके काण्टन नगरमें अंगरेजों और एर (सं० पु०) श्रा-ईर-क्किए, एरं वृणोति वारयति चौनावोंमें युद्ध छिड़ा था। लार्ड एलगिन सम्पर्ण वा, वृज-उण। १ कर्कटीलता, फूट। इसका संस्कृत | क्षमताप्राप्त दूत (Plenipotentiary Extraordinary) पर्याय-व्यालपत्री, लोमशा, स्थूला, तोयफला, हस्ति- हो ससैन्य काण्टनके अंगरेजोको साहाय्य करने चले। दन्तफला और कर्कटी है। यह खादु, शीतल, ईषत् पथमें इन्हें भारतवर्षके सिपाही विद्रोहका समाचार क्षार, कफ एवं वायुकारक, ईषत् पित्तकर, रुचिकारक, . मिला था। इन्होंने उसो समय लार्ड कानिवामके अग्न्यद्दीपक, दाहनाशक, गुरुपाक और विष्टम्भी साहाय्यको अपना सैन्यदल भेज दिया। फिर १८५८ होता है। पक्क एर्वारु दाह, तृष्णा और क्लान्तिको ई०को सिपाही विद्रोह मिटनेपर लार्ड एलगिन चीनमें नाश करता है। (हारौत और चरक) जा पहुंचे। तिनसिन नामक स्थान में फ्रान्मोसो दूत एल (सं० पु.) १ एला, इलायची। २ एलबालुक, बेरन-ग्रसके सहयोगसे सन्धि हुई। सन्धिपत्रके अनुसार एक खुशबूदार चौज। ३ संख्याविशेष. एक अदद।। अंगरेज निर्विवाद और विना व्यय वाणिज्य करने लगे। (0) ४ अंगरेज़ो गज़। यह १५ इञ्चका होता चीनसे वापस आने के पहले इन्होंने जापानसे सन्धि और रेशमी कपड़े नापनका काम देता है। की-अंगरेज थोड़े महसूलपर जापानमें वाणिज्य चला एलक (संपु.) एलति चिपति वलिरूपेण प्रात्मानम, सकेंगे। उक्त घटनाके कुछ दिन पीछे लार्ड एलगिनको एल-ख ल । १ मेष, मेढ़ा। (हिं.)२. मैदा चालनेको टकु दुर्गके अंगरेजोंने संवाद दिया-यहांके चौना चलनी। . . विश्वासघातकता कर हमारे जपर गोला-गोली फेंकने एलकेशी (हिं० स्त्रो०) बंगालका एक बैंगन। लगे हैं। यह सैन्य के साथ वहां जा पहुंचे। फिर एलगिन-भारतवर्षके एक गवरनर जनरल और राज चीनको राजधानी पेकिनमें सन्धिपत्र स्वाक्षरित हुआ प्रतिनिधि। (James Bruce, Earl of Elgin and और सब गड़बड़ मिट गया। Kincardine ) इन्होंने १८११ ई०को लण्डन नगरमें इधर लार्ड कानिङ्गका शासनकाल पूर चला। जन्मग्रहण किया था। १८३२ ई० को विद्याके बलसे १८६१ ई०को १२ वौं मार्चको लार्ड एलगिन राज- एलगिन एम. ए. परीक्षा में उत्तीर्ण हुये। इन्होंने प्रतिनिधि और गवरनर-जनरल बन भारतवर्ष आये। १८४१ ई०को राजकीय कार्यमें प्रवेश किया था। १८५३ ई०को ५वों फरवरीको इन्होंने कलकत्तेसे युक्त- १८४२ ई०के मार्च मासको यह जमैकाके शासनकर्ता प्रदेशको ओर यात्रा की। आगरेमें दरबार लगा बने। वहां इनको कार्यदक्षताके गुणसे सब लोग मुग्ध था। युक्त प्रदेशके राजावोंने इनका यथेष्ट सम्मान हो गये। अल्प दिन बाद ही सेक्रेटरी अव दो टेटने किया। वहांसे वापस चलते समय यह पीड़ित लार्ड एलगिनको कनाडाका गवरनर-जनरल बनाया हुये थे। १८६३ ई.को २० वौं नवम्बरको हिमा- था। कनाडामें इन्होंने राजनीति और शासनका जो लयकी एक धर्मशालामें इनका प्राणवायु निकल कौशल दिखाया, वह किसी गवरनरके हाथ होते | गया।
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४९१
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