३२२ उपनिवेश सुदूर एशिया माइनर में जा उपनिवेश स्थापन किया।। यवन) जातिवालोंने आटिकासे जा एसिया-माइनरके उसोकै नामानुसार उपनिवेश भी फिनिसिया कहलाया पश्चिमकूलपर उपनिवेश किया। उस समय वही स्थान है। पणि शब्दमें विस्तारित विवरण देखो। योन जातिवालोंके नामानुसार 'योनिया' ( Ionia) जितनी ही फिनिसियामें उसकी संख्या बढ़ने लगी, कहलाने लगा। वहां उपनिवेश करने के पीछे योन उतनी ही अपना देश छोड़ जलके पथसे न तन आवास जातिवाले सम्पत्ति और समृद्धिसे फल गये। अति भूमि ढूढनेको धूम पड़ी। क्रमसे उन्हें नतन-गतन | पूर्वकालको रोममें साधारणतन्त्र प्रबल रहा। उस जनपद देखनको मिले थे। अपने वाणिज्यमें सुविधा समय रोमक जो स्थान जीत लेते, उन्हीं स्थानों में लाने के लिये जो जो स्थान अच्छा लगा, उसी उसी स्वदेशीयोंको उपनिवेश करने भेज देते थे। फिर स्थानमें लोगोंका एक-एक दल रह गया। इसी प्रकार जहां विजित जातिको बहुत ही दुर्दम्य एव देशको उन्होंने समुद्रपथसे टायर, हिपो, इद्रुमत, टटिक, अवस्था भी अधिक रम्य न द खते अथवा जहां नग- तनिस और अफरौकामें बहुत दूरतक अपना उपनिवेश रादि कुछ न रहते, वहां औपनिवेशक अच्छी जगह जमाया था। जिस जिस स्थानमें उन्होंने अधिकार वा ढ'ढ नगरादि बसाते और सदा देशको रक्षाके लिये उपनिवेश जमाया, वही वही स्थान उनके स्वदेशीय शस्त्र उठाते थे। इसी प्रणालीसे उन्होंने गल (फ्रान्स), राजगणक शासनाधीन कहाया। फिर काल पाकर जर्मनी, रूस प्रभृति स्थानों में उपनिवेश किया। रोमक, अनेक स्वाधीन बन बैठे। जो व्यक्ति जिस देश में औपनिवेशकोंके मत्थे स्थान-स्थानके शासनादिका भार वाणिज्यके बलसे विलक्षण प्रभावशाली निकला, वही डाल राजकार्य चलाते थे। व्यक्ति उस देशमें अपनेको एक खाधीन राजा बताने अमेरिका आविष्कृत होनेपर युरोपको सब प्रधान लगा। क्रमसे फिनिसीय वाणिज्यके दर्पमें चर हो प्रधान जातियोंके लोग एक प्रकार पागल जैसे बन बड़े अत्याचारी बन गये थे। क्रोटके राजा माइनसने | गये। उनमें अंगरेजोंको उपनिवेश अधिक फलप्रद उन्हें अपने देशसे एककाल ही भगा दिया। युरोपीय हुआ। अमेरिका देखो। ऐतिहासिकोंके कथनानुसार फिनिसीय जातिने सर्व ई. पञ्चदश शताब्दको पोर्तुगीजोंने अफरीका और प्रथम सरदिनियामें उपनिवेश किया था। भारतमें पहुंच उपनिवेश जमाया था। उसी समय कार्थेजके निवासी भिन्न प्रणालौसे पोर्तगीजोंके पीछे ही हालेण्डवासियोंने वाणिज्य उपनिवेश स्थापन करनेको अग्रसर हुये। वे वाणिज्य फैलानेके लिये नाना स्थानों में जा उपनिवेश किया। फैलाना चाहते न थे। नानादेश जोत जन्मभूमिके उनमें उत्तमाशा अन्तरोप, मलका और यवहीप प्रधान पदानत बनाना हो उनका मुख्य उद्देश्य रहा। इसौ है। फ्रान्सौसियोंने कनाडा जा उपनिवेश लगाया। अभिप्रायसे उन्होंने अफरीका, सिसिली, स्पेन प्रभृति किन्तु यह उपनिवेश अधिक सुविधाजनक न निकला। स्थानों में पहुंच उपनिवेश लगाया। यूनानियोंके उपः | क्यों कि पूर्व अधिवासियोंसे उनको बिलकुल न बनी। निवेशको प्रणाली फिनिसियोंसे मिलती है। उन्होंने सुतरां सुदृढ़ दुर्ग, परिखा और सेनादिको सर्वत्र गृहके विवाद, कृषिके कर्मको सुविधा, वाणिज्य व्यव- सर्वदा सन्जित रखना पड़ता था। सायके अनुरोध या राज्यके उद्देश्यसे भिन्न भिन्न नीचे तालिका लगाते, कि भिन्न भिन्न देशक स्थानों में पहुंच उपनिवेश किया था। यूनानियोंका | युरोपीय किस किस स्थानमें उपनिवेशसे बाद रह- उपनिवेश ट्रय युहके पीछे पारम्भ हुआ। उन्होंने पति ठहकर पा जाते थे- प्राचीन कालसे ही इटली, सिसिली प्रकृति स्थानों में इलेण्डका उपनिवेश-वृटिश उत्तर अमेरिका,हटिश वेष्ट उपनिवेशको नीव डाल दी थी। इण्डिया-द्दीपपुन, दक्षिण अमेरिकाको हटिश गुयेना, . पाथन्मराजा कद्के मरनेपर योन (Ionian-] साइरा-लिवोन. उत्तमाशा अन्तरोप, सेण्टालिना,
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/३२३
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।