उड़नागन-उड़ीसा १८५ जाना, ल टना, मारे पड़ना। १० मरना, जिन्दा न उड़ाक (हिं. वि.) सपक्ष, परदार, उड़नेवाला।' रहना, मट्टीमें मिलना। ११ वाष्यभाव धारण करना, उड़ाकू, उड़ाक देखो। भाप बनमा, सूखना। १२ विकीर्ण होना, फैल पड़ना, उड़ान (हिं० पु० स्त्री० ) १ उड्डयन, परवाज, उड़नेको चला जाना। १३ विदलित होना, भड़कना, फटना। हालत। २ पलायन, फरार, भग्गौ । ३ आरोहण, १४ विवर्ण बनना, कुम्हलाना, · धुंधला पड़ना। सऊद, चढ़ाव। ४ वलान, कूद, फांद। ५ मणिबन्ध, १५ विस्तृत होना, फैलना। १६ वशमें न रहना, हायसे कलाई, पहुंचा। ६ मालखम्भको एक कसरत । बेहाथ होना। १७ रूप बनाना, शान-शौकत देखाना। उड़ान घाई (हिं० स्त्री०) १ कपट, धोका। २ उपाय, १८ प्राप्त होना, मिलना। १८ पारोहण करना, चढ़ तदबीर। ३ सञ्चालन, टालमटोल। बैठना। २० विकसित होना, खिलना। २१ छल उड़ानधाई बताना (हिं.क्रि.) १ सत्पथसे भ्रष्ट करना, बहाना बताना। २२ गाल बजाना। करना, वेराह ले जाना। २ छल करना, धोका देना। उड़नागन (हिंस्त्री०) १ सपक्ष पन्नगी, उड़नवालो उड़ाना (हिं. क्रि०) विद्राव देना, परवाज़ पर सांपन। २ उत्तेजित स्त्री, जोशमें पाई हुई औरत। लाना, छोड़ना। २ कन्तन करना, काटना, गिराना। उड़प (हिं. पु.) १ नृत्यभेद, नाचकी एक चाल। ३गोपन करना, छिपाना। ४ ले भागना। ५ अप- २ उड़प, चांद। ३ तरण्ड, बेड़ा, चौघड़ा। व्यय करना, खर्चे डालना। ६ भोजन करना, खाना। उड़पति (हिं पु०) उड़ पति, चांद। ७ क्रीड़ा करना, खेलना। ८मारना। बहलाना। उड़राज (हिं० पु०) उडुराज, चांदं। १० प्राप्त करना, पाना। उड़री (हिं० स्त्री०) उडदी, छोटा उड़द । उड़ायक (हिं० वि०) उड़वैया, उड़ानेवाला । उड़व (हिं. पु.) १ रागभेद। जिस रागमें सात उड़ाल (हिं. स्त्रो०) काञ्चनको त्वों, कचनारका स्वरसे दो छूट जाते, उसे सङ्गीतज्ञ उड़व बताते हैं। बकला। २ काञ्चनकी त्वकसे निर्मित रज्ज, कचनारके जैसे--हिण्डोल, मालकोस, भूपाली इत्यादि। २ मृद बकलेकी रस्सी। ङ्गका एक प्रबन्ध । उड़ास (हिं० स्त्री०) वासस्थान, रहनेको जगह। उड़वाना (हिं. क्रि०) उड़ानेका कार्य दूसरेसे उड़ासना (हिं• क्रि०) लपेटना, उठाना, समेटना। कराना, किसीको उडाने में लगाना। उडिका, उटिका देखो। उडवाला (हिं. पु.) प्रस्तर, पत्थर। यह ठगोंकी बोली है। उडिया (हिं. वि.) उत्कल देशका अधिवासो, उड़सना (हिं० क्रि०) १खोंसना, रखना। २ घुसे- उड़ीसा मुल्कका रहनेवाला। उत्कल देखो। ड़ना, डाल देना। ३ ठूसना, भरना। ४ तह करना, उड़ियाना (हिं० पु०) छन्दोविशेष । इसमें २२ समेटना। माना रहती हैं। १० और १२ मात्रापर विश्राम उड़ा (हिं० पु०) यन्त्र विशेष, एक औजार। इससे । पड़ता है। अन्तिम माना गुरु लगती है। कोटसूत्रको खोलते हैं। उड़ा एक प्रकारका कलाबा उडिल (हिं० पु. ) केशयुक्त मेष, बालदार भेड़। होता, जो चार पर और छः तीखी रखता है। तीखी उड़ी (हिं. स्त्रो०) व्यायाम विशेष, मालखम्भको मन्थान सदृश रहती है। तोखियोंके मध्यवर्ती छिमें एक कसरत । यह सशस्त्र, सचक्र और साधारण गजको चलाते हैं। तीन प्रकारको होती है। उडांक, उड़क देखो। उड़ीश (हिं० पु.) लता विशेष, एक बेल। यह उड़ाऊ (हिं० वि० ) १ उड्डयनशील, उड़नेवाला। गठरी बांधने और झूलेका सेतु तथा टोकरी बनाने में २ अधिक व्यय करनेवाला, शहखचे, जो रुपया बरबाद लगता है। करता हो। 'उड़ीसा-उत्कल देश। उत्कल देखो। .... Vol III. 47
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