पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/१२९

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नभात। जान न सका। जहां पासिरीय, बाबिलोनीय, । छाया पड़ी, वह तद्ग्रन्थ देखनेसे सम्यक् उपलब्ध हो कालदीय, रोमक प्रभृति प्राचीन राजवंशन बहु सकी है। सिवा इसके अगस्तिन (St. Augustine) पूर्वाब्दसे प्राचीन धर्म पालन किया, उसी जनपद-/ का बुद्ध और टमास ( St. Thomas )का बोधिसत्त्व समूहमें यह नव मत प्रचार क्यों ईसाकी इतनी नामसे ईसाई धर्मप्रचारको में परिचय रहनसे स्पष्ट आकाडाका वस्तु बना था? ईसा मसीहके अज्ञात बोध होता है-प्राचीन कालमें बौद्धों और ईसाईयों में वासकालको संक्षिप्त जीवनी ( Unknown life of विशेष संस्रव रहा। अलबरूनी और मसूदीका इति- Christ) सम्प्रति भोटराज्य के अन्तर्गत एक प्राचीन वृत्त पढ़नसे समझ सकते हैं, कि बुद्धासफ (बुद्ध) साबि- मठमें मिली है। यह ग्रन्थ ईसाकी जीवनीका मूलक यान मतके प्रवर्तक थे। जेरोस (St. Jerome ) . और पाली भाषामै लिखित है। भारत तथा भोट । और अचेरी (L. D. Achery) बौद्ध तथा ईसाई देश आकर अज्ञातवासमें अवस्थान और जैन एव बौद्ध धर्मके सामञ्जस्य प्रतिपादनपर चेष्टा कर गये हैं। साधुवोंके साथ साक्षात् इस ग्रन्यमें आनुपूर्विक वर्णित जर्ज सिद्रनासने स्वीय इतिवृत्तम लिखा है,---- है। रूस-पर्यटक नोटोविचने (Nicholus Notovitch) "This mad man then, Manis (also called तिब्बतके हिमिन नामक स्थानीय मठसे इस ग्रन्थको Seythianus) was by race a Brachman, and he had for his teacher Bulas, formerly alled लाकर फान्सीसी भाषामें अनुवाद किया था। पीछे Terebinthus, who having been brought up वही अनुवाद क्रिस्प कर्ट क अंगरेजी भाषामें अनूदित by Scythianus in the learning of the Grecks, हुआ * became a follower of the sect of Emplocles ____उक्त ग्रन्थ में ईसाक अज्ञातवासकालको शिक्षा और (who said there were two lirst. principles बौड चर्चाको कथा विव्रत है। भारत में ईसाजन्मक opposed to one another ), and when he entered Persia, declared that. he had been समकाल ईसाइयोंका अभ्युदय देखकर भी समझ पड़ता born of a virgin and had been brought up है, कि धर्मचर्चा के लिये इन्होंने और इनके सम्प्रदाय- among the hills............and this Budas वालों ने उसी प्राचीन समय भारतमें पैर रखा था। (also Terebinthus) did perish, crushed by इसीसे प्राचीन ईसाई सम्प्रदाय और भारतीय धर्म- an unclean spirit,” . तव में हमें सम्यक अपने भक्तिभावका आभास मिलता प्रत्नतत्त्वविद इ, बि, कोवेल महोदयन स्मिथ के है। बौद्ध धर्मानुसार पवित्रता, निरहङ्कार, अहिंसा, अभिधानमें ईसा मसीहको जीवनोक सङ्कलनकालमें सन्यास, भिक्षुवृत्ति, चूड़ाकरण, जपमालाधारण कहा है, "This wonderful jumble, mainly प्रमति कर्म रोमन काथलिक ईसाई समाजमें स्पष्ट- copiedas we see,-from Socrates coms रूपसे गृहीत हुये हैं। ( Muller's Origin & to bring Buddha and Manes together, many

of the ide as of Manicheism were but frag

Growth of Religion, p. 358.) गोतामें भगवान्ने । गवान्न ments of Buddhism." अजनको जो धर्म सिखाया, बाइबिल ग्रन्यमें भी ईसाई धर्मशास्त्रके साथ प्राच्य दर्शनशास्त्रका सम्बन्ध उसका सारांश कुछ कुछ दिखाया है। तदानौन्तन हरा पारस्य-देशवासी धर्ममतप्रवर्तक मनिको को हुई समृद्ध एवं बौद्ध प्रतिभासे उद्भासित भारतराज्यमें धर्मतत्व अवतारणा और उक्त मतामत विचारनेपर ईसाके शुभागमनपर सन्देह करनेका कोई विषय अवान्तर भावसे ईसाके प्राच्य संसवका परिचय मिलता नहीं। ईसा प्रतिपादित इखौल वा नव संहिता (New है। अध्यापक मोक्षमूलरने बुद्धके महात्मपद (Saint .Testament) मतके अनुसार जिस प्रकार बौद्धधर्मको of Church ) पानको बात मानी है। • The Unknown Life of Christ, by Nicholus Noto- + Chips from German Workshops, Iy, 184. Academy, vieh, translated from the French by Violet Crispe, 1898- Sept 1, 1883, p. I46.